भारत कभी भी अलोकतांत्रिक तरीकों से प्राप्त सत्ता को स्वीकार नहीं करेगा: केंद्रीय मंत्री जोशी
देवेंद्र माधव
- 19 Sep 2025, 05:53 PM
- Updated: 05:53 PM
मुंबई, 19 सितंबर (भाषा) केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने संविधान और लोकतंत्र को बचाने के संदर्भ में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी द्वारा ‘जेन-जेड’ का उल्लेख करने पर उन पर निशाना साधते हुए कहा कि वह हताशा से प्रेरित हैं और भारत अलोकतांत्रिक तरीकों से प्राप्त सत्ता को कभी स्वीकार नहीं करेगा।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता जोशी ने कर्नाटक में एक विधानसभा सीट पर गांधी द्वारा मतदान में धांधली के नये आरोपों को ‘‘बकवास’’ बताकर खारिज कर दिया।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कथित ‘वोट चोरी’ के खिलाफ अपनी मुहिम को जारी रखते हुए बृहस्पतिवार को मतदाता सूचियों से ‘‘कांग्रेस समर्थक मतदाताओं’’ के नाम हटाए जाने का विषय उठाया था और आरोप लगाया था कि मुख्य निर्वाचन आयुक्त (सीईसी) ज्ञानेश कुमार ‘‘लोकतंत्र की हत्या करने वालों’’ तथा ‘‘वोट चोरों’’ की रक्षा कर रहे हैं।
गांधी ने कहा था कि 2023 के विधानसभा चुनाव में आलंद विधानसभा क्षेत्र में 6,018 मतदाताओं का नाम हटाने के लिए आवेदन दिए गये थे।
जोशी ने गांधी द्वारा बार-बार लगाए गए ‘‘वोट चोरी’’ के आरोपों को निराधार और भ्रामक बताया और उन्हें अपने इन आरोपों को साबित करने की चुनौती दी।
केंद्रीय मंत्री ने बृहस्पतिवार को ‘पीटीआई वीडियो’ से बात करते हुए कहा, "कोई भी आपका नाम मतदाता सूची से (उचित प्रक्रिया का पालन किए बिना) नहीं हटा सकता। (इस संबंध में) एक पुलिस शिकायत की पुष्टि हो गई है।"
जोशी ने कोलार जिले के मालूर विधानसभा क्षेत्र में चुनाव पर कर्नाटक उच्च न्यायालय के फैसले पर कांग्रेस की चुप्पी पर सवाल उठाया।
‘जेन-जेड’ उस पीढ़ी को कहा जाता है जो 1997 से 2012 के बीच पैदा हुई है। यह वह युवा वर्ग है जो तकनीक, इंटरनेट और सोशल मीडिया के साथ बड़ा हुआ है।
कर्नाटक उच्च न्यायालय ने कोलार जिले के मालूर निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले कांग्रेस विधायक के वाई नंजेगौड़ा के चुनाव को मंगलवार को रद्द कर दिया और 2023 के राज्य विधानसभा चुनावों में डाले गए मतों की पुनर्गणना का आदेश दिया है।
यह फैसला न्यायमूर्ति आर देवदास की अध्यक्षता वाली पीठ ने सुनाया। पीठ भाजपा के के.एस. मंजूनाथ गौड़ा द्वारा दायर चुनाव याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जो नंजेगौड़ा से हार गए थे।
जोशी ने कहा, ‘‘गांधी ने इस मुद्दे पर बात क्यों नहीं की? अगर वह (कांग्रेस) तेलंगाना में जीतते हैं, तो सब ठीक है, ईवीएम सही हैं, निर्वाचन आयोग सही है। लेकिन जब वह राज्य के चुनावों में हारते हैं, तो सब कुछ गड़बड़ हो जाता है। जब वह हिमाचल प्रदेश और कर्नाटक में जीते थे, तब सब ठीक था। वह क्या कहना चाह रहे हैं? मुझे समझ नहीं आ रहा।’’
नेपाल में हाल की अशांत स्थिति के बाद लोकसभा में विपक्ष के नेता द्वारा एक पोस्ट में ‘जेन-जेड’ शब्द का उल्लेख किये जाने पर जोशी ने कहा कि भारत में एक अच्छी तरह से काम करने वाली चुनावी प्रणाली है, और यदि मतदाता गांधी की पार्टी को नहीं चुनते हैं, तो इसमें किसी की गलती नहीं है।
मंत्री ने गांधी द्वारा भारत की नेपाल और श्रीलंका जैसे देशों से कथित तुलना पर आपत्ति जताई, जहां बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शनों के बाद सरकार बदल गई है। उन्होंने ऐसी तुलना को अनुचित बताया।
गांधी ने लिखा था, ‘‘देश के युवा, देश के छात्र, देश की ‘जेन-जेड’ संविधान की रक्षा करेंगे, लोकतंत्र की रक्षा करेंगे और वोट चोरी रोकेंगे। मैं हमेशा उनके साथ खड़ा हूं।’’
जोशी ने कहा कि गांधी के ‘‘हाइड्रोजन बम’’ संबंधी दावे और ‘‘जेन-जेड’’ जैसे शब्दों का प्रयोग उनकी हताशा को दर्शाता है। उन्होंने आगाह किया कि भारत कभी भी अलोकतांत्रिक तरीकों से प्राप्त सत्ता को स्वीकार नहीं करेगा।
उन्होंने कहा, ‘‘वह किससे अपील कर रहे हैं? अगर वे लोकतांत्रिक तरीके से सत्ता में नहीं आ सकते, तो वे किसी वामपंथी तरीके से सत्ता चाहते हैं। भारत हमेशा से एक लोकतांत्रिक देश रहा है।’’
जोशी ने कहा, ‘‘देश को एक अच्छे विपक्षी नेता की जरूरत है। हमें ऐसा विपक्षी नेता नहीं चाहिए क्योंकि उनकी बातें भ्रामक होती हैं।"
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी देश के सबसे लोकप्रिय नेता हैं और यह चुनाव परिणामों और सर्वेक्षणों में भी झलकता है।
निर्वाचन आयोग के बारे में मंत्री ने याद दिलाया कि 2014 से पहले, निर्वाचन आयोग में नियुक्तियां अक्सर राजनीतिक रूप से प्रभावित होती थीं, लेकिन अब सत्तारूढ़ और विपक्षी दोनों नेताओं को शामिल करते हुए एक पारदर्शी प्रणाली है।
उन्होंने कहा, ‘‘अब, विपक्ष के नेता (लोकसभा में) भी (निर्वाचन आयोग की) नियुक्ति प्रक्रिया में शामिल हैं।’’
जोशी ने आतंकवादी गतिविधियों में उल्लेखनीय कमी के लिए सरकार के दृढ़ रुख को श्रेय दिया।
भाषा
देवेंद्र