नेपाल ने 10वां संविधान दिवस मनाया, प्रधानमंत्री कार्की ने समाधान के लिए बातचीत की अपील की
राजकुमार नरेश
- 19 Sep 2025, 03:52 PM
- Updated: 03:52 PM
(शिरीष बी प्रधान)
काठमांडू, 19 सितंबर (भाषा) नेपाल की प्रधानमंत्री सुशीला कार्की ने शुक्रवार को कहा कि 10 साल पहले अपनाये गये संविधान की रक्षा और उसे सफलतापूर्वक लागू करना सभी नेपाली नागरिकों की जिम्मेदारी है तथा लोकतंत्र बातचीत और समाधान खोजने की प्रणाली है।
कार्की यहां संविधान दिवस के अवसर पर आयोजित मुख्य कार्यक्रम को संबोधित कर रही थीं। यह दिन पूरे नेपाल में राष्ट्रीय दिवस के रूप में मनाया जाता है।
हालांकि, पिछले सालों की तुलना में इस साल के कार्यक्रम छोटे पैमाने पर आयोजित किए गए, क्योंकि देश पिछले हफ्ते युवा आंदोलन में हुई हिंसा में 72 लोगों की मौत का शोक मना रहा है।
नेपाल की संविधान सभा ने देश के राष्ट्रीय कैलेंडर के अनुसार, तीन आश्विन 2072 विक्रम संवत को, या 20 सितंबर 2015 को संविधान अंगीकार किया था। यह पूर्व राजतंत्र समाप्त होने के कई साल बाद हुआ।
नेपाल की पहली महिला प्रधानमंत्री कार्की ने कहा, “लोगों की आवाज सुनना लोकतंत्र की आत्मा है।”
नेपाल के संविधान को नेपाली लोगों के “बलिदान, संघर्ष और आंदोलन” का परिणाम बताते हुए कार्की ने कहा, “इसकी रक्षा और इसे सफलतापूर्वक लागू करना सभी नेपाली नागरिकों की साझा जिम्मेदारी है।”
कार्की (73) ने कहा कि हाल का जेन जेड आंदोलन युवा पीढ़ी के असंतोष और उम्मीदों का परिणाम था। उन्होंने स्पष्ट किया कि उनकी सरकार “लोगों की आवाज सुनने और उनकी समस्याओं का समाधान करने के लिए प्रतिबद्ध है, क्योंकि लोकतंत्र बातचीत और समाधान खोजने की प्रणाली है।”
कार्की 12 सितंबर को प्रधानमंत्री बनीं, जिसके साथ ही भ्रष्टाचार और सोशल मीडिया पर प्रतिबंध के खिलाफ युवाओं के नेतृत्व वाले आंदोलन के बाद प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली के पद से हटने के बाद देश में कई दिनों से चल रही राजनीतिक अनिश्चितता समाप्त हुई।
मुख्य कार्यक्रम यहां टुंडिखेल ओपन ग्राउंड में हुआ। मुख्य अतिथि राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल के अलावा, प्रधानमंत्री सुशीला कार्की, मुख्य न्यायाधीश प्रकाश मान सिंह राउत, स्पीकर देवराज घिमिरे, राष्ट्रीय सभा के अध्यक्ष नारायण प्रसाद दहाल और अन्य गणमान्य व्यक्ति इस कार्यक्रम में शामिल हुए।
राष्ट्रपति पौडेल ने कहा कि मौजूदा संविधान ने जातीय, भाषाई, धार्मिक, सांस्कृतिक और भौगोलिक विविधता वाले नेपाली समाज को केंद्रीकृत राज व्यवस्था से होने वाले सभी भेदभाव और दमन को खत्म करके व्यापक राष्ट्रीय एकता में बांधा है।
उन्होंने सभी नेपाली लोगों से संघीय लोकतांत्रिक गणतंत्र प्रणाली के माध्यम से सतत शांति, सुशासन, विकास और समृद्धि की आकांक्षाओं को साकार करने के लिए एकजुट रहने का भी आह्वान किया।
उन्होंने कहा,‘‘संविधान ने सामाजिक न्याय और समाजवाद-उन्मुख अर्थव्यवस्था पर आधारित समतामूलक समाज बनाने का व्यापक लक्ष्य निर्धारित किया है।’’
अलग से, जेन जेड के सदस्यों के एक समूह ने भी माईतिघर मंडला में एक रैली का आयोजन किया। यह वही जगह है जहां आठ और नौ सितंबर को विरोध प्रदर्शन हुए थे। उन्होंने जेन जेड आंदोलन की उपलब्धियों की रक्षा करने का संकल्प लिया।
‘जेन जेड’ उस पीढ़ी को कहा जाता है जो 1997 से 2012 के बीच पैदा हुई है।
मुख्य राजनीतिक पार्टियों-- नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी-यूनिफाइड मार्क्सिस्ट-लेनिनिस्ट (सीपीएन-यूएमएल) और नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी-माओवादी सेंटर ने भी काठमांडू में अपने-अपने पार्टी मुख्यालयों में अलग-अलग कार्यक्रम आयोजित किए।
पूर्व प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहाल 'प्रचंड' ने माओवादी सेंटर पार्टी के केंद्रीय कार्यालय में कार्यक्रम को संबोधित किया। पूर्व प्रधानमंत्री ओली अपनी पार्टी के कार्यक्रम में मौजूद नहीं थे।
बाद में दोपहर में, राष्ट्रपति पौडेल ने राष्ट्रपति कार्यालय में एक विशेष समारोह का आयोजन किया जिसमें प्रधानमंत्री कार्की, मंत्री और अन्य गणमान्य व्यक्ति शामिल हुए।
भाषा राजकुमार