उज्जैन में जमीन अधिग्रहण के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन, दूध व सब्जी की आपूर्ति बंद करने की चेतावनी
राजकुमार
- 16 Sep 2025, 07:58 PM
- Updated: 07:58 PM
उज्जैन (मप्र), 16 सितंबर (भाषा) उज्जैन सिंहस्थ के मद्देनजर किसानों की भूमि अधिग्रहित किए जाने के मुद्दे पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से संबद्ध भारतीय किसान संघ (बीकेएस) ने मंगलवार को भी यहां प्रदर्शन किया और सरकार को चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगों को नजरअंदाज किया गया तो गांवों से दूध और सब्जी की आपूर्ति बंद कर दी जाएगी।
ट्रैक्टर पर सवार होकर और प्याज की माला तथा बारिश से खराब हुए सोयाबीन के फलियों को लेकर स्थानीय सामाजिक न्याय परिसर पर प्रदर्शन करने पहुंचे किसानों ने यह भी कहा कि सरकार सिंहस्थ के नाम पर स्थायी निर्माण करना चाहती है जबकि अस्थायी व्यवस्था भी पर्याप्त हैं।
इस विरोध प्रदर्शन में सिंहस्थ क्षेत्र से जुड़े 17 गांवों एवं अन्य क्षेत्रों के किसानों ने अपनी 15 सूत्रीय मांगों को लेकर हिस्सा लिया। इसका नेतृत्व बीकेएस की उज्जैन-मालवा प्रांत इकाई ने किया।
किसानों को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक भारतीय किसान संघ के राष्ट्रीय महामंत्री मोहिनी मोहन मिश्रा ने कहा कि सरकार जल्दबाजी में गलती कर रही है।
उन्होंने कहा, ‘‘उसकी (सरकार की) मंशा है कि किसानों से जमीन लेकर स्थायी संरचना तैयार कर दी जाए। किसान संघ इसका विरोध कर रहा है।’’
उन्होंने कहा कि सिंहस्थ का आयोजन हजारों सालों से होता चला रहा है लेकिन कभी किसी ने ऐसा कदम नहीं उठाया।
मिश्रा ने कहा, ‘‘वहां सुविधाएं बनाइए, मगर अस्थायी। ताकि किसान 11 साल उसका उपयोग करें और एक साल सिंहस्थ को दें। विरोध का मूल विषय यही है। सरकार सिंहस्थ के नाम पर स्थायी निर्माण करना चाहती है जबकि अस्थायी व्यवस्था भी पर्याप्त हैं।’’
उन्होंने कहा कि सिंहस्थ में श्रद्धालु और संत साधना की भावना से आते हैं, न कि आराम करने ।
उन्होंने कहा, ‘‘लाखों श्रद्धालुओं के लिए खुला मैदान होना चाहिए। सरकार की नीति से 1500-1800 किसान प्रभावित हैं। सरकार को उनसे बात करनी चाहिए। प्रशासन के उन लोगों से बात की जा रही है, जो 4-5 साल बाद यहां से भाग जायेंगे। यहां के किसान हजारों साल से सिंहस्थ के लिए जमीन दे रहे हैं।’’
मिश्रा ने कहा, ‘‘इतनी सी बात सरकार की समझ में नहीं आ रही है।’’
मंदिरों के शहर उज्जैन में हर 12 साल में आयोजित होने वाला सिंहस्थ एक बड़ा हिंदू धार्मिक आयोजन है। उज्जैन में आयोजित कुंभ मेले को सिंहस्थ कहा जाता है और इसमें भारत के सभी हिस्सों और विदेशों से लाखों श्रद्धालु पहुंचते हैं।
इससे पहले, बीकेएस ने सोमवार को मध्यप्रदेश में रैलियां निकालीं, प्रदर्शन किए, ज्ञापन सौंपे और किसानों की समस्याओं को रेखांकित करते हुए उनके समाधान की मांग की। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मध्यप्रदेश दौरे से दो दिन पहले आयोजित इस धरना प्रदर्शन में महिलाओं सहित हजारों किसानों ने हिस्सा लिया।
प्रधानमंत्री मोदी बुधवार को धार जिले में देश के पहले पीएम मित्र पार्क का शिलान्यास करेंगे और अन्य कई कार्यक्रमों में शिरकत करेंगे।
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने सोमवार को कहा था कि उज्जैन में हर 12 साल में आयोजित होने वाले सिंहस्थ की तैयारियां सभी हितधारकों के सहयोग से अच्छी तरह से चल रही हैं। उन्होंने यह भी कहा कि इस आयोजन के दौरान किसानों के हितों की सुरक्षा होगी।
यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश के विकास की गति को बनाए रखना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है और उज्जैन में सिंहस्थ के लिए स्थायी बुनियादी ढांचे के निर्माण की योजना सभी हितधारकों के साथ मिलकर बनाई जा रही है।
भाषा सं ब्रजेन्द्र