प्रधानमंत्री ने बिहार में लगभग 40,000 करोड़ रुपये की विकास परियोजनाओं की शुरुआत की
नोमान सुरेश
- 15 Sep 2025, 11:07 PM
- Updated: 11:07 PM
(तस्वीरों के साथ)
पूर्णिया, 15 सितंबर (भाषा) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को बिहार के पूर्णिया जिले में करीब 40,000 करोड़ रुपये की विभिन्न विकास परियोजनाओं की शुरुआत की और कहा कि ‘‘रेलवे, हवाईअड्डे, बिजली और पानी’’ से जुड़ी ये परियोजनाएं सीमांचल क्षेत्र की आकांक्षाओं को पूरा करने का साधन बनेंगी।
प्रधानमंत्री ने पूर्णिया हवाईअड्डे के नवनिर्मित टर्मिनल भवन का उद्घाटन किया, जिससे क्षेत्र में यात्रियों को संभालने की क्षमता बढ़ेगी। मोदी ने पूर्णिया-कोलकाता मार्ग पर पहली उड़ान को हरी झंडी दिखाई।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और कई केंद्रीय एवं राज्य मंत्री इस कार्यक्रम में मौजूद थे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि पूर्णिया हवाईअड्डे का टर्मिनल भवन रिकॉर्ड समय, यानी पांच महीने से भी कम में बनाया गया है।
उन्होंने कहा, ‘‘नये हवाईअड्डे के शुरू होने के साथ ही पूर्णिया अब देश के हवाई मानचित्र पर आ गया है।’’ इससे पूर्णिया और सीमांचल की सीधी कनेक्टिविटी देश के बड़े शहरों और प्रमुख वाणिज्यिक केंद्रों से हो जाएगी।
सीमांचल क्षेत्र में पूर्णिया, कटिहार, अररिया और किशनगंज जिले शामिल हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि मखाना की खेती बिहार के किसानों की आय का स्रोत रही है, लेकिन पिछली सरकारों ने न तो इस फसल को और न ही किसानों को महत्व दिया।
उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार ने ही मखाना को उसका वाजिब दर्जा दिया है।
मोदी ने कहा, ‘‘मैंने बिहार की जनता से राष्ट्रीय मखाना बोर्ड के गठन का वादा किया था। केंद्र सरकार ने रविवार को इसके गठन की अधिसूचना जारी कर दी। बोर्ड किसानों को बेहतर कीमत दिलाने और इस क्षेत्र में प्रौद्योगिकी के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए लगातार काम करेगा।’’
उन्होंने बताया कि मखाना क्षेत्र के विकास के लिए करीब 475 करोड़ रुपये की योजना को मंजूरी दी गई है। प्रधानमंत्री ने भागलपुर के पीरपैंती में 25,000 करोड़ रुपये की लागत वाली 3x800 मेगावाट की थर्मल पावर परियोजना की आधारशिला रखी। इसमें राज्य का निजी क्षेत्र का सबसे बड़ा निवेश है।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि यह परियोजना अल्ट्रा-सुपर क्रिटिकल, कम उत्सर्जन तकनीक पर आधारित है। इससे बिहार को बिजली आपूर्ति होगी और ऊर्जा सुरक्षा मजबूत होगी।
प्रधानमंत्री ने 2,680 करोड़ रुपये से अधिक लागत वाले कोसी-मेची अंतर-राज्यीय नदी जोड़ परियोजना के पहले चरण की भी आधारशिला रखी।
उन्होंने कहा, ‘‘परियोजना के तहत नहर का उन्नयन किया जाएगा, जिसमें गाद हटाना, क्षतिग्रस्त संरचनाओं का पुनर्निर्माण, सेटलिंग बेसिन का नवीनीकरण और जल निकासी क्षमता को 15,000 क्यूसेक से बढ़ाकर 20,000 क्यूसेक करना शामिल है।’’
अधिकारी ने बताया कि इस परियोजना से बिहार के उत्तर-पूर्वी जिलों में सिंचाई का विस्तार, बाढ़ नियंत्रण और कृषि लचीलापन बढ़ेगा।
प्रधानमंत्री ने दिन में बिहार में विभिन्न रेल परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया तथा कई ट्रेनों को हरी झंडी दिखायी।
उन्होंने 2,170 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली विक्रमशिला-कटरिया रेल लाइन की आधारशिला रखी, जिससे गंगा नदी के आर-पार सीधी रेल कनेक्टिविटी मिलेगी।
प्रधानमंत्री ने 4,410 करोड़ रुपये की लागत से बनी अररिया-गलगलिया नई रेल लाइन का उद्घाटन भी किया। उन्होंने अररिया-गलगलिया (ठाकुरगंज) खंड में ट्रेन को हरी झंडी दिखाई, जिससे अररिया और किशनगंज जिलों के बीच सीधी रेल कनेक्टिविटी स्थापित होगी और उत्तर-पूर्वी बिहार में आवाजाही की सुविधा में उल्लेखनीय सुधार होगा।
उन्होंने जोगबनी-दानापुर वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन की शुरुआत की, जिससे अररिया, पूर्णिया, मधेपुरा, सहरसा, खगड़िया, बेगूसराय, समस्तीपुर, मुजफ्फरपुर, वैशाली और पटना जैसे जिलों को सीधा लाभ मिलेगा।
सहरसा-छेहरटा (अमृतसर) और जोगबनी-इरोड के बीच अमृत भारत एक्सप्रेस ट्रेनों को भी हरी झंडी दिखाई गई।
अधिकारी ने कहा कि ये ट्रेनें विभिन्न क्षेत्रों के बीच आर्थिक, सांस्कृतिक और सामाजिक एकीकरण को मजबूत करेंगी।
मोदी ने प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के अंतर्गत 35,000 ग्रामीण लाभार्थियों और प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी के अंतर्गत 5,920 लाभार्थियों के गृह प्रवेश समारोह में भी भाग लिया तथा कुछ लाभार्थियों को चाबियां सौंपीं।
उन्होंने दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत बिहार में क्लस्टर स्तर महासंघों को करीब 500 करोड़ रुपये के सामुदायिक निवेश कोष वितरित किए और कुछ महासंघ प्रमुखों को चेक सौंपे।
उन्होंने दीनदयाल अंत्योदय योजना- राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत बिहार में क्लस्टर-स्तरीय महासंघों को लगभग 500 करोड़ रुपये के सामुदायिक निवेश कोष भी वितरित किए और कुछ क्लस्टर-स्तरीय महासंघों (सीएलएफ) के प्रमुखों को चेक सौंपे।
भाषा नोमान