भारत कच्चे तेल, गैस के आयात को कम करने के लिए कदम उठा रहा : प्रधानमंत्री मोदी
पारुल नरेश
- 14 Sep 2025, 08:46 PM
- Updated: 08:46 PM
(तस्वीरों के साथ)
नुमालीगढ़ (असम), 14 सितंबर (भाषा) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार कच्चे तेल और गैस के आयात को कम करने के लिए कदम उठा रही है तथा जीवाश्म ईंधन के भंडारों की खोज और हरित ऊर्जा के उत्पादन पर अधिक ध्यान केंद्रित कर रही है।
असम के नुमालीगढ़ में 12,000 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं का उद्घाटन एवं शिलान्यास करने के बाद मोदी ने एक रैली को संबोधित करते हुए कहा कि भारत दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है, लेकिन देश कच्चे तेल और गैस के लिए दूसरे देशों पर निर्भर है।
उन्होंने कहा, “इसे बदलने के लिए, हमें अपनी ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने के उपायों पर ध्यान केंद्रित करना होगा। हम अपनी ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के मामले में आत्मनिर्भर बनने की दिशा में काम कर रहे हैं।”
मोदी ने कहा कि देश अपनी हरित ऊर्जा उत्पादन क्षमताओं को बढ़ाने के साथ-साथ कच्चे तेल और गैस के नये भंडारों की खोज के लिए प्रयास कर रहा है।
उन्होंने स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की प्राचीर से घोषित ‘समुद्र मंथन’ पहल का भी जिक्र किया, जो समुद्र की गहराई में तेल और गैस के भंडारों की खोज पर केंद्रित होगी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि देश हरित ऊर्जा और नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन के क्षेत्र में तेजी से प्रगति कर रहा है।
उन्होंने कहा, “एक दशक पहले, भारत सौर ऊर्जा उत्पादन में काफी पीछे था। लेकिन आज, हम दुनिया के शीर्ष पांच उत्पादक देशों में शामिल हैं।”
मोदी ने कहा कि इथेनॉल ऊर्जा का एक प्रमुख वैकल्पिक स्रोत है और नुमालीगढ़ में नवनिर्मित बायोइथेनॉल संयंत्र से किसानों और आदिवासियों को काफी फायदा मिलेगा।
उन्होंने कहा कि यह बायोइथेनॉल संयंत्र स्थानीय स्तर पर कच्चा माल जुटाएगा और इसके माध्यम से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को प्रतिवर्ष लगभग 200 करोड़ रुपये का फायदा होगा।
मोदी ने कहा, “आज हम बांस से इथेनॉल बना रहे हैं। लेकिन हमें वह समय नहीं भूलना चाहिए, जब कांग्रेस सरकार ने बांस काटने पर लोगों को जेल में डाल दिया था, जबकि बांस आदिवासियों के जीवन का अभिन्न हिस्सा है। हमारी सरकार ने यह प्रतिबंध हटा दिया।”
प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्होंने जिस पॉलीप्रोपाइलीन संयंत्र की आधारशिला रखी है, उससे भी स्थानीय अर्थव्यवस्था को बहुत लाभ होगा।
उन्होंने कहा कि जिस तरह असम अपने पारंपरिक ‘गमोसा’ और प्रसिद्ध ‘एरी’ एवं ‘मुगा’ रेशम के लिए जाना जाता है, उसी तरह राज्य की पहचान अब पॉलीप्रोपाइलीन से बने वस्त्रों के लिए भी होगी।
मोदी ने कहा कि ऊर्जा और सेमीकंडक्टर ‘आत्मनिर्भर भारत’ के लक्ष्य को गति देने वाले दो प्रमुख कारक हैं। उन्होंने रेखांकित किया कि असम की इन दोनों ही क्षेत्रों में महत्वपूर्ण भूमिका है।
उन्होंने मोरीगांव जिले में स्थापित किए जा रहे 27,000 करोड़ रुपये के सेमीकंडक्टर संयंत्र का भी जिक्र किया, जो सेमीकंडक्टर मिशन का हिस्सा है।
मोदी ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि असम में उग्रवाद और अशांति के लिए विपक्षी दल जिम्मेदार है।
उन्होंने कहा, “कांग्रेस ने असम की विरासत और दिग्गज हस्तियों की भी अनदेखी की, लेकिन भाजपा ने राज्य में विकास किया तथा उसकी विरासत को पहचान दिलाई।”
मोदी ने दावा किया कि कांग्रेस ने वोट के लिए घुसपैठियों का समर्थन किया, जिसके चलते असम आज जनसांख्यिकीय चुनौती का सामना कर रहा है।
उन्होंने कहा, “असम सरकार अतिक्रमणकारियों को बेदखल कर रही है और वंचित लोगों को भूमि अधिकार प्रदान कर रही है।”
मोदी ने ‘मिशन बसुंधरा’ के लिए असम सरकार की सराहना की, जिसके तहत लाखों परिवारों को भूमि के पट्टे मिले हैं।
उन्होंने कहा कि कुछ जनजातीय क्षेत्रों में अहोम, कोच-राजबोंगशी और गोरखा समुदायों के भूमि अधिकारों को मान्यता दी गई है और उन्हें संरक्षित वर्गों की सूची में शामिल किया गया है।
कांग्रेस पर गरीबों और वंचितों की अनदेखी करने का आरोप लगाते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, “हम आदिवासियों के कल्याण के लिए कदम उठा रहे हैं, जिन्हें कांग्रेस शासन के दौरान नजरअंदाज किया गया था।”
उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार असम को व्यापार और पर्यटन का केंद्र बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।
भाषा पारुल