भाजपा ने यासीन मलिक के खुलासे को लेकर कांग्रेस पर हमला किया, विपक्ष ने किया पलटवार
नोमान
- 20 Sep 2025, 01:13 AM
- Updated: 01:13 AM
नयी दिल्ली, 19 सितंबर (भाषा) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कश्मीरी अलगाववादी नेता यासीन मलिक के इस दावे को लेकर शुक्रवार को कांग्रेस पर निशाना साधा कि उसने (मलिक ने) 2006 में तत्कालीन केंद्र सरकार के कहने पर लश्कर-ए-तैयबा के संस्थापक हाफिज सईद से पाकिस्तान में मुलाकात की थी।
भाजपा ने कहा कि इससे राष्ट्रीय सुरक्षा और गुप्त कूटनीति के मामले में संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठते हैं।
कांग्रेस ने पलटवार करते हुए भाजपा पर आरोप लगाया कि उसने दिल्ली उच्च न्यायालय में पेश किए गए मलिक के हलफनामे के कुछ हिस्सों को ‘चुनिंदा तरीके से लीक’ किया है, ताकि तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और संप्रग की छवि को धूमिल किया जा सके और उसके खिलाफ लगे 'वोट चोरी' के आरोप से जनता का ध्यान भटकाया जा सके।
दिल्ली उच्च न्यायालय में पेश 85 पृष्ठों के हलफनामे में मलिक ने दावा किया है कि उसने सरकार द्वारा अनुमोदित ‘पर्दे के पीछे’ के तंत्र में एक प्रमुख व्यक्ति के रूप में लगभग तीन दशक बिताए हैं तथा जम्मू-कश्मीर में शांति स्थापित करने के लिए विभिन्न प्रधानमंत्रियों, खुफिया प्रमुखों और यहां तक कि उद्योगपतियों के साथ काम किया है।
प्रतिबंधित जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) के प्रमुख यासीन मलिक ने अपनी यात्रा के बारे में विवरण साझा किया है - अपने स्कूल के दिनों से लेकर आतंकवादियों के साथ संबंध और राजनीतिक नेताओं के साथ बैठकें तक।
वह फिलहाल में तिहाड़ जेल में बंद है और एक मामले में उम्रकैद की सजा काट रहा है।
इस हलफनामे का हवाला देते हुए केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया,‘‘प्रिय कांग्रेसजनो, यह देखिए...जेकेएलएफ आतंकवादी यासीन मलिक ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने व्यक्तिगत रूप से उसे धन्यवाद दिया और आभार व्यक्त किया, जब उसने लश्कर-ए-तैयबा के संस्थापक और 26/11 के मास्टरमाइंड हाफिज सईद से पाकिस्तान में मुलाकात की।’’
भाजपा के आईटी विभाग के प्रमुख अमित मालवीय ने हलफनामे का एक पन्ना एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा,‘‘उसने (मलिक ने) 2006 में पाकिस्तान में लश्कर-ए-तैयबा के संस्थापक और 26/11 के मास्टरमाइंड हाफिज सईद से मुलाकात की थी। यह मुलाकात उसकी स्वतंत्र पहल नहीं थी, बल्कि वरिष्ठ भारतीय खुफिया अधिकारियों के अनुरोध पर एक गुप्त शांति प्रक्रिया के तहत आयोजित की गई थी। मुलाकात के बाद, तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने व्यक्तिगत रूप से उसे धन्यवाद दिया और उसके प्रति कृतज्ञता व्यक्त की।’’
कांग्रेस के मीडिया और प्रचार विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने कहा, ‘‘वोटचोरी से ध्यान भटकाने के लिए टूलकिट का पर्दाफाश हुआ। सुबह से ही भाजपा डॉ. मनमोहन सिंह और संप्रग की छवि खराब करने के लिए यासीन मलिक के हलफनामे के कुछ हिस्सों को चुनिंदा तरीके से लीक कर रही है।’’
कांग्रेस नेता ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया,‘‘वाजपेयी जी से लेकर मनमोहन सिंह जी तक, जब राज्य की नीति संवाद और सहभागिता की थी, तब दोनों सरकारों ने सभी प्रकार के हितधारकों से मुलाकात की। अगर डॉ. सिंह के शिष्टाचार पर सवाल उठाना है, तो शायद भाजपा को हुर्रियत नेतृत्व के साथ वाजपेयी जी के मुस्कुराते हुए फोटो खिंचवाने या आडवाणी जी द्वारा कराची में जिन्ना की कब्र पर पवित्र तीर्थयात्रा करने के बारे में स्पष्टीकरण देना चाहिए।’’
भाषा राजकुमार