उप्र: बलिया की एक अदालत ने थाना प्रभारी और अन्य व्यक्तियों के खिलाफ प्राथमिकी का आदेश दिया
सं आनन्द जोहेब
- 14 Sep 2025, 04:25 PM
- Updated: 04:25 PM
बलिया (उप्र), 14 सितंबर (भाषा) बलिया की एक अदालत ने फेफना थाने के तत्कालीन प्रभारी समेत छह लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया है।
अभियोजन पक्ष ने रविवार को बताया कि एक महिला ने आरोप लगाया है कि पुलिस ने आरोपियों के इशारे पर, उसके साथ मारपीट की शिकायत पर उचित कार्रवाई नहीं की, जिसके बाद अदालत ने प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया है।
मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम) शैलेश पांडे ने शनिवार को बैरिया गांव की सोमारी देवी की अर्जी पर यह आदेश पारित किया। पांडे ने आरोप लगाया था कि 11 जून, 2024 को उसी गांव की उनकी 'पट्टीदार' (कृषि साझेदार) रिंकू देवी और उनके परिवार के सदस्य घर में घुस आए और भूमि विवाद को लेकर उनके साथ दुर्व्यवहार व मारपीट की।
पीड़िता ने यह दावा भी किया कि उसके बाएं हाथ में चाकू मारा गया था।
राय ने कहा कि अदालत ने पाया कि थाने की रिपोर्ट से स्पष्ट है कि विरोधी पक्ष के प्रभाव में आकर सोमारी देवी की चिकित्सकीय जांच नहीं कराई गई।
अदालत ने कहा कि पीड़िता की चिकित्सकीय जांच न कराना इस बात का संकेत है कि पुलिस और अस्पताल प्रशासन ने अपनी भूमिका ठीक से नहीं निभाई।
अदालत ने कहा कि ऐसी स्थिति में मामले की जांच पुलिस से कराना उचित प्रतीत होता है।
अदालत ने तत्कालीन थाना प्रभारी (एसएचओ) और आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज करने का आदेश दिया और तीन दिन में प्राथमिकी की एक प्रति के साथ साथ जांच के बाद प्रगति रिपोर्ट भी अदालत को सौंपने का निर्देश दिया।
शिकायतकर्ता ने दावा किया था कि मारपीट की घटना की लिखित सूचना थाने को दी गई थी, लेकिन तत्कालीन थाना प्रभारी सहजानंद चौबे ने उसे डांटा और चाकू लगने की घटना का जिक्र रिपोर्ट से हटाने के लिए मजबूर किया।
शिकायतकर्ता ने कहा कि चौबे ने एक नया आवेदन पत्र लिखवाया, जिसमें कहा गया था कि चोट लाठी से लगी।
शिकायतकर्ता ने कहा, “विरोधी पक्ष के दबाव में उसकी चोटों की मेडिकल जांच भी नहीं कराई गई। इतना ही नहीं, पुलिस ने उसके बेटे मनोज के खिलाफ शांति भंग करने के आरोप में चालान भी दाखिल कर दिया।”
अपनी अर्जी में सोमारी देवी ने चौबे और उपनिरीक्षक अजय कुमार समेत छह लोगों पर गड़बड़ी का आरोप लगाया था।
उन्होंने 20 जून, 2024 को अदालत का रुख किया था।
भाषा सं आनन्द