‘कीमत युद्ध’ में नहीं उलझेगी ब्रिटानिया, स्थानीय दृष्टिकोण अपनाएगी : प्रबंध निदेशक
अजय अजय
- 14 Sep 2025, 11:19 AM
- Updated: 11:19 AM
बेंगलुरु, 14 सितंबर (भाषा) क्षेत्रीय कंपनियों से बढ़ती प्रतिस्पर्धा के बीच ब्रिटानिया इंडस्ट्रीज स्थानीय दृष्टिकोण अपना रही है और ‘भारत को केवल एक देश के रूप में नहीं, बल्कि कई देशों के रूप में’ देख रही है ताकि प्रतिद्वंद्वियों से आगे रह सके और आगे की रणनीति को और व्यापक बना सके। कंपनी के वाइस चेयरमैन और प्रबंध निदेशक वरुण बेरी ने यह बात कही है।
‘गुड डे’, ‘मैरी गोल्ड’ और ‘टाइगर’ बिस्कुट बनाने वाली कंपनी ब्रिटानिया ‘कीमत युद्ध’ में नहीं उतरेगी। बेरी ने कहा कि वह अपनी ब्रांड क्षमता, कार्यान्वयन और 70 कारखानों के नेटवर्क तथा देशभर में फैले विशाल वितरण नेटवर्क का लाभ उठाएगी, जिससे उसके उत्पाद सबसे निचले तबके तक पहुंच सकें।
बेरी ने कहा कि लागत को महत्तम करने की पहल के माध्यम से मार्जिन में वृद्धि हुई है। ब्रिटानिया पिछले लगभग 13 साल से राजस्व बचत के लगभग दो प्रतिशत के बराबर लागत अनुकूलन कर रही है।
बेरी ने कहा, ‘‘और जैसे-जैसे हम आगे बढ़ रहे हैं, हम यह देख रहे हैं कि क्या हम उस दो प्रतिशत के साथ आगे बढ़ सकते हैं, और हमारे पास निश्चित रूप से ऐसा करने की एक योजना है।’’
उन्होंने कहा कि इसके अलावा, जिंस मुद्रास्फीति भी ‘अ स्थिर’ स्थिति में है। बेरी ने कहा कि इसके तीन से पांच प्रतिशत की ‘सीमा’ में रहने की उम्मीद है, जिसे ‘हम बहुत अच्छी तरह से प्रबंधित कर सकते हैं।’
स्थानीय खिलाड़ियों से प्रतिस्पर्धा के बारे में, बेरी ने कहा कि ज्यादातर नए खिलाड़ी लंबे समय तक टिक नहीं पाते क्योंकि कम लाभप्रदता के कारण उनका कारोबार व्यावहारिक नहीं रह जाता। हालांकि, कंपनी इन सभी क्षेत्रीय खिलाड़ियों पर नजर रख रही है और अपने स्थानीय दृष्टिकोण से प्रतिस्पर्धा कर रही है।
उन्होंने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘हम स्पष्ट रूप से इन सभी क्षेत्रीय खिलाड़ियों पर नजर रख रहे हैं। हमारा उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि हम भारत को केवल एक देश के रूप में न देखें, बल्कि उसके भीतर कई देशों के रूप में देखें। एक भारत में कई भारत समाहित हैं, और हम इसे इसी रूप में देखना चाहते हैं, और यही हमें इन खिलाड़ियों के साथ प्रतिस्पर्धा करने के दृष्टिकोण से सही सुधारात्मक कदम उठाने में मदद कर रहा है।’’
ब्रिटानिया ने अपनी पैमाने और लागत अनुकूलन पहल के माध्यम से, इस उद्योग की लाभप्रदता को काफी हद तक बढ़ाया है, जिससे यह नए खिलाड़ियों के लिए आकर्षक बन गया है।
अगस्त की शुरुआत में, वित्तीय नतीजों की घोषणा के समय बेरी ने कहा था कि ‘युद्ध कोष’ तैयार होने के साथ, वह क्षेत्रीय खिलाड़ियों के खिलाफ ‘छोटे क्षेत्रों में कई लड़ाइयां लड़ने’ के लिए तैयार हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘हमारे पास ऐसे ब्रांड हैं जो पिछली सदी की शुरुआत में ही स्थापित हो चुके हैं। ये ब्रांड हमारे पास हमेशा से रहे हैं और उपभोक्ताओं के साथ हमारी गहरी पैठ है। स्थानीय कारखानों और स्थानीय टीमों के साथ, यह हमारा एक बड़ा लाभ है। इसलिए हम इन राज्यों में से प्रत्येक में अपना व्यवसाय स्थापित करने के लिए इनका लाभ उठा रहे हैं।’’
ब्रिटानिया की अन्य श्रेणियों में वृद्धि के बारे में, बेरी ने कहा कि यह मिश्रित परिणाम दे रही है।
‘‘हम निश्चित रूप से कुछ अन्य श्रेणियों में अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं। उदाहरण के लिए, हम रस्क में बहुत अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं। हम वेफर्स, क्रोइसैन और मिल्क शेक में बहुत अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं। कुछ ऐसे हैं जहां हमें अपनी वर्तमान वृद्धि से थोड़ी तेजी से बढ़ना होगा।’’
किसी उत्पाद की पेशकश के बारे में पूछे जाने पर, बेरी ने कहा कि ब्रिटानिया कम से कम एक साल के लिए समेकन के चरण में है।
उन्होंने कहा, ‘‘हम नई श्रेणियों में प्रवेश नहीं करेंगे। हम उन श्रेणियों को और विकसित करेंगे जिनमें हम पहले से हैं। इसके बाद, हमारे पास कई और श्रेणियां पाइपलाइन में हैं। जैसे-जैसे हम अपनी नई शुरू की गई श्रेणियों को स्थिर करेंगे, हम उन श्रेणियों पर ध्यान देना शुरू करेंगे।’’
ब्रिटानिया के दूध कारोबार के बारे में, बेरी ने कहा कि इसने ‘उतना अच्छा प्रदर्शन नहीं किया जितना हमने सोचा था।’
उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन फिर भी, हमने पिछले चार-पांच साल में कारोबार को लगभग 400 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 700 करोड़ रुपये कर दिया है।’’ उन्होंने आगे कहा, ‘‘डेयरी क्षेत्र में हमारी एक बहुत बड़ी आकांक्षा है और हम उसे पूरा करेंगे।’’
पूंजीगत व्यय और निवेश के बारे में, बेरी ने कहा कि इस वर्ष यह पिछले चार-पांच साल जितना बड़ा नहीं होगा, क्योंकि हमने पहले ही कई संयंत्रों में निवेश कर लिया है।
उन्होंने कहा, ‘‘हमारे पास कुछ गुंजाइश है, और हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि निवेश की अगली लहर शुरू करने से पहले हम उस गुंजाइश को पूरी तरह से खत्म कर दें।’’
भाषा अजय