दिल्ली में रत्न-आभूषण मेला शुरू, 600 से अधिक कंपनियां 1,200 से ज्यादा ब्रांड कर रहीं प्रदर्शित
योगेश पाण्डेय
- 13 Sep 2025, 08:11 PM
- Updated: 08:11 PM
नयी दिल्ली, 13 सितंबर (भाषा) राष्ट्रीय राजधानी में तीन दिवसीय 13वां दिल्ली रत्न एवं आभूषण मेला (डीजेजीएफ) शनिवार को शुरु हो गया। इसमें 600 से अधिक कंपनियां 1,200 से ज्यादा ब्रांड प्रदर्शित कर रही हैं।
मेले का आयोजन कर रही इंफोर्मा मार्केट्स इन इंडिया ने एक बयान में कहा कि भारत मंडपम में आयोजित 'अपना दिल्लीवाला शो' के नाम से चर्चित यह उत्तर भारत का सबसे बड़ा बी2बी (बिजनेस-टू-बिजनेस) आभूषण मेला है जिसमें खुदरा और थोक विक्रेताओं, खरीदारों समेत कुल 25,000 से ज्यादा आंगतुकों के आने की उम्मीद है।
डीजेजीएफ में सोने, चांदी, हीरे, कुंदन और जड़ाऊ के पारंपरिक आभूषणों के साथ आधुनिक तकनीकों और नवाचारों से तैयार समकालीन डिजाइन भी प्रदर्शित किए जा रहे हैं। पहले दिन त्योहारों के लिए विशेष पेशकश और नई प्रौद्योगिकी का प्रदर्शन भी आकर्षण का केंद्र रहा।
पंद्रह सितंबर तक चलने वाले मेले का विषय 'शिल्प कौशल और नवाचार का जश्न' रखा गया है। इसमें मुख्य जोर हल्की, टिकाऊ और पर्यावरण अनुकूल आभूषणों पर है।
बयान के अनुसार, मेले का उद्घाटन करते हुए सांसद, प्रवीण खंडेलवाल ने कहा, ‘‘इस प्रदर्शनी में पेश डिजाइन से लेकर नई तकनीक ,इस कार्यक्रम को एक मिसाल बनाता है। यह देश में आभूषण क्षेत्र की मजबूती को बताता है।’’
उन्होंने कहा , ‘‘वर्ष 2014 से भारत में उद्यमशीलता और क्षमता निर्माण में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है और इस समय उद्यमशीलता की इस भावना को विश्व के समक्ष प्रदर्शित करना अत्यंत महत्वपूर्ण है। हम आने वाले समय में देश में इन्फॉर्मा मार्केट्स के साथ सहयोग करने के लिए उत्सुक हैं, ताकि देश भर के व्यापारियों को प्रदर्शनियों के माध्यम से एकजुट किया जा सके, जो न केवल आभूषणों के लिए, बल्कि खुदरा व्यापार के हर क्षेत्र में एआई, प्रौद्योगिकी, डिजाइन और नवाचार का उपयोग करते हैं।’’
इनफॉर्मा मार्केट्स के प्रबंध निदेशक योगेश मुद्रास ने कहा, ‘‘डीजेजीएफ 2025 ऐसे समय में शुरू हुआ है जब भारत का रत्न और आभूषण बाजार वैश्विक चुनौतियों के बावजूद अपनी चमक बनाए हुए है। यह भारत का पांचवां सबसे बड़ा निर्यात क्षेत्र है, जिसका सालाना मूल्य करीब 30 अरब डॉलर है। यह आयोजन कारोबारियों को नए अवसर, नेटवर्किंग और नवोन्मेष का मंच देता है और आने वाले समय में उद्योग को मजबूती से आगे ले जाएगा।’’
भाषा योगेश