साल 2023 में हिंसा फैलने के बाद मोदी पहली बार मणिपुर जाएंगे, कई परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे
राजकुमार माधव अविनाश
- 12 Sep 2025, 09:38 PM
- Updated: 09:38 PM
इंफाल, 12 सितंबर (भाषा) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 13 सितंबर को मणिपुर का दौरा करेंगे तथा चूड़ाचांदपुर एवं इंफाल में आंतरिक रूप से विस्थापित लोगों से बातचीत करेंगे।
दो वर्ष पहले राज्य में जातीय हिंसा भड़कने के बाद मोदी का यह पहला मणिपुर दौरा होगा।
इस यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री 8,500 करोड़ रुपये की 31 विकास परियोजनाओं का शिलान्यास एवं उद्घाटन भी करेंगे।
मुख्य सचिव पुनीत कुमार गोयल ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री के मणिपुर दौरे की आधिकारिक पुष्टि की।
प्रधानमंत्री की यह यात्रा कुकी और मेईती समुदायों के बीच जातीय संघर्ष के बाद मणिपुर का दौरा नहीं करने को लेकर विपक्षी दलों द्वारा बार-बार आलोचना के बीच हो रही है। मई 2023 से इस जातीय संघर्ष में 260 से अधिक लोग मारे गए हैं और हजारों लोग बेघर हो गए हैं।
गोयल ने एक प्रेसवार्ता में कहा कि केवल हिंसा का नहीं होना ही शांति नहीं है बल्कि विश्वास, सद्भाव और सुलह भी जरूरी है।
उन्होंने कहा, ‘‘इस तरह, प्रधानमंत्री का मणिपुर दौरा राज्य में शांति, सामान्य स्थिति और विकास का मार्ग प्रशस्त करेगा। प्रधानमंत्री 13 सितंबर को आइजोल से मणिपुर पहुंचेंगे।’’
मुख्य सचिव ने बताया कि मोदी चूड़ाचांदपुर और इंफाल में आंतरिक रूप से विस्थापित लोगों से बातचीत करेंगे तथा दो रैलियों को संबोधित करेंगे।
प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) की ओर से जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया है,‘‘मणिपुर के समावेशी, सतत और समग्र विकास के प्रति अपनी प्रतिबद्धता के अनुरूप, प्रधानमंत्री चुड़ाचांदपुर में 7,300 करोड़ रुपये से अधिक की कई विकास परियोजनाओं की आधारशिला रखेंगे।’’
विज्ञप्ति के अनुसार मोदी इंफाल में 1,200 करोड़ रुपये से अधिक की विकास परियोजनाओं का उद्घाटन भी करेंगे।
मोदी की यात्रा की घोषणा पर कांग्रेस ने दावा किया कि यह यात्रा शांति और सद्भाव को ताकत प्रदान करने के बजाय, वास्तव में एक ‘‘तमाशा’’ साबित होगी।
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘तो अब यह आधिकारिक है। प्रधानमंत्री कल मणिपुर में तीन घंटे से भी कम समय बितायेंगे। यह यात्रा शांति और सद्भाव को बल प्रदान करने के बजाय, वास्तव में एक तमाशा साबित होगी।’’
कांग्रेस की मणिपुर इकाई के अध्यक्ष केइशम मेघचंद्र ने भी आरोप लगाया कि जातीय हिंसा प्रभावित राज्य में मोदी की यात्रा ‘‘केवल प्रतीकात्मक’’ है और इसका उद्देश्य ‘‘शांति कायम करना और न्याय सुनिश्चित करना’’ नहीं है।
मुख्य सचिव ने कहा कि राज्य सरकार राज्य में ‘‘शांति और सामान्य स्थिति बहाल करने की दिशा में सफलतापूर्वक आगे बढ़ने’’ के लिए मणिपुर के पहाड़ी और घाटी दोनों क्षेत्रों के लोगों के प्रयासों की सराहना करती है।
उन्होंने कहा, ‘‘सभी पक्षों के संयुक्त प्रयासों से राज्य में धीरे-धीरे लेकिन शांत तरीके से स्थिरता एवं सुरक्षा आई है।’’
मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह के इस्तीफे के बाद फरवरी से मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू है।
गोयल ने यह भी कहा, ‘‘मणिपुर सिर्फ एक सीमावर्ती राज्य नहीं है, बल्कि भारत की ‘एक्ट ईस्ट’ नीति का केंद्रीय स्तंभ और दक्षिण पूर्व एशिया का प्रवेश द्वार तथा भारत की विविधता का गौरवशाली संरक्षक है।’’
उन्होंने मणिपुर के लोगों से अपील की कि वे आगे आकर राज्य में प्रधानमंत्री का स्वागत करें तथा बड़ी संख्या में कार्यक्रमों में भाग लें।
अधिकारियों के अनुसार, इस साल जून तक आंतरिक रूप से विस्थापित लगभग 57,000 लोग राज्य के लगभग 250 राहत केंद्रों में रह रहे थे।
पूर्व मुख्य सचिव पी के सिंह ने इस साल जुलाई में बताया था कि शुरुआत (2023) में 62,000 से ज़्यादा विस्थापित लोग थे, लेकिन कानून-व्यवस्था की स्थिति में सुधार के बाद कई लोग अपने घरों को लौट गए हैं।
गोयल ने मोदी के दौरे का विवरण देते हुए कहा, ‘‘दोपहर करीब 12.15 बजे चूड़ाचांदपुर पहुंचने पर वह सबसे पहले जिले के आंतरिक रूप से विस्थापित कुछ व्यक्तियों (आईडीपी) से बातचीत करेंगे। वह राज्य भर में शुरू की जाने वाली विभिन्न बुनियादी ढांचा परियोजनाओं की आधारशिला रखेंगे। प्रधानमंत्री चूड़ाचांदपुर के पीस ग्राउंड में एक जनसभा को संबोधित करेंगे।’’
मुख्य सचिव ने कहा, ‘‘इसके बाद, वह अपराह्न लगभग 2.30 बजे कांगला पहुंचेंगे और आंतरिक रूप से विस्थापित कुछ लोगों से बातचीत करेंगे। वह विभिन्न विकास परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे। प्रधानमंत्री कांगला में भी एक जनसभा को संबोधित करेंगे।’’
प्रधानमंत्री इंफाल के मंत्रिपुखरी में 101 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित नए मणिपुर पुलिस मुख्यालय और उसी इलाके में 538 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित नागरिक सचिवालय का उद्घाटन करेंगे।
चूड़ाचांदपुर से मोदी विभिन्न परियोजनाओं की आधारशिला रखेंगे, जिनमें 3,647 करोड़ रुपये की जल निकासी और परिसंपत्ति प्रबंधन सुधार परियोजना और 550 करोड़ रुपये की ‘मणिपुर इन्फोटेक डेवलपमेंट (एमआईएनडी)’ परियोजना शामिल है।
वैसे तो मोदी की यात्रा की आधिकारिक घोषणा शुक्रवार को की गई, लेकिन इस यात्रा के बारे में लगभग दो सप्ताह से चर्चा चल रही थी और मणिपुर सरकार ने बृहस्पतिवार शाम को एक बड़ा ‘बिलबोर्ड’ लगाया था, जिसमें प्रधानमंत्री के कार्यक्रमों की घोषणा की गई थी।
राज्य सरकार ने बृहस्पतिवार को एक परामर्श भी जारी किया, जिसमें पीस ग्राउंड में आयोजित ‘‘वीवीआईपी कार्यक्रम’’ में शामिल होने वाले लोगों से ‘‘चाबी, कलम, पानी की बोतल, बैग, रूमाल, छाता, लाइटर, माचिस, कपड़े का टुकड़ा, कोई भी नुकीली वस्तु या हथियार व गोला-बारूद" न लाने को कहा गया।
एक अन्य अधिसूचना में लोगों से 12 साल से कम उम्र के बच्चों और बीमार लोगों को कार्यक्रम स्थल पर न लाने को कहा गया। इस अधिसूचना में प्रधानमंत्री का नाम नहीं था।
मणिपुर सरकार ने पहले मोदी के दौरे के मद्देनजर चुड़ाचांदपुर जिले में ‘एयर गन’ पर प्रतिबंध लगा दिया था।
इस बीच, अधिकारियों ने बताया कि इंफाल और चुड़ाचांदपुर जिला मुख्यालय शहर में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है।
इंफाल में लगभग 237 एकड़ में फैले कांगला किले और चुड़ाचांदपुर के पीस ग्राउंड में और उसके आसपास बड़ी संख्या में राज्य और केंद्रीय बलों के जवान तैनात किए गए हैं, जहां इस आयोजन के लिए एक भव्य मंच तैयार किया जा रहा है।
मणिपुर के एकमात्र राज्यसभा सदस्य लीशेम्बा संजाओबा ने प्रधानमंत्री की यात्रा को लोगों और राज्य के लिए "बहुत सौभाग्यशाली" बताया।
प्रमुख कुकी-ज़ो संगठनों ने भी प्रधानमंत्री की मणिपुर यात्रा का स्वागत किया और इसे "ऐतिहासिक और दुर्लभ अवसर" बताया।
पीएमओ की विज्ञप्ति के अनुसार, मोदी 13 से 15 सितंबर तक मिज़ोरम, असम, पश्चिम बंगाल और बिहार का भी दौरा करेंगे।
भाषा
राजकुमार माधव