केरल: पुलिस ने 2019 में दफनाए गए व्यक्ति के अवशेष बरामद किए
पारुल दिलीप
- 12 Sep 2025, 05:09 PM
- Updated: 05:09 PM
कोझिकोड, 12 सितंबर (भाषा) केरल के कोझिकोड में पुलिस ने शुक्रवार को कुछ मानव अवशेष बरामद किए, जिनके बारे में संदेह है कि वे 35 वर्षीय उस व्यक्ति के हैं, जिसे उसके दोस्तों ने 2019 में यह दावा करते हुए दफना दिया था कि उसकी मौत मादक पदार्थ के अत्यधिक सेवन की वजह से हुई थी।
वेस्ट हिल निवासी विजिल 24 मार्च 2019 को सुबह घर से निकलने के बाद लापता हो गया था। पुलिस ने गुमशुदगी का मामला दर्ज करने के बाद उसके मोबाइल के आखिरी बार उस दिन दोपहर दो बजे सरोवरम पार्क इलाके में चालू होने का पता लगाया था।
आरोपियों के मुताबिक, विजिल सरोवरम पार्क में एक सुनसान जगह पर दोस्तों के साथ ब्राउन शुगर का सेवन करते समय बेहोश हो गया।
यह मानते हुए कि उसकी मौत हो गई है, आरोपियों एरंजपालम निवासी निखिल (35) और वेंगेरी के रहने वाले एस दीपेश (27) ने उसकी मोटरसाइकिल रेलवे स्टेशन के पास छोड़ दी, उसका मोबाइल फोन फेंक दिया और दो दिन बाद उसके शव को एक दलदली भूमि में दफना दिया।
आरोपियों ने दावा किया कि वे महीनों बाद लौटे, कुछ अवशेष एकत्र किए और उन्हें वर्कला में विसर्जित किया। तीसरा संदिग्ध, पूवथुपरंबु निवासी रंजीत अभी भी फरार है।
शव को बरामद करने के पहले के प्रयास विफल हो गए थे, क्योंकि भूमि जलमग्न हो गई थी और मामला तब तक ठंडा पड़ा रहा, जब तक कि हाल ही में लंबित अनसुलझे मामलों की समीक्षा के दौरान इसे फिर से नहीं खोला गया।
पुलिस ने 25 अगस्त को इस मामले में निखिल और दीपेश को गिरफ्तार किया। इस हफ्ते की शुरुआत में उन्हें वापस हिरासत में लेने के बाद, अधिकारियों ने आरोपियों की मौजूदगी में दलदली जमीन की फिर से तलाशी शुरू की।
ग्यारह सितंबर को कपड़े और जूते बरामद किए गए, जिनके विजिल से संबंधित होने का संदेह था। इसके बाद 12 सितंबर को उसके शव के अवशेष मिले, जिनमें हड्डियां, दांत और जबड़े का हिस्सा शामिल है। इन अवशेषों को डीएनए जांच के लिए फॉरेसिंक प्रयोगशाला भेजा जाएगा।
आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 304 (गैर-इरादतन हत्या), 201 (साक्ष्य मिटाना), 297 (कब्रिस्तान में अनधिकृत प्रवेश) और 34 (साझा इरादा) के तहत आरोप लगाए गए हैं।
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि आरोपियों की हिरासत अवधि जल्द ही समाप्त होने वाली है और उन्हें अदालत में पेश किया जाएगा।
भाषा पारुल