देश में चीनी उत्पादन 2025-26 में 3.49 करोड़ टन रहने का अनुमान: इस्मा
राजेश राजेश रमण
- 11 Sep 2025, 09:43 PM
- Updated: 09:43 PM
नयी दिल्ली, 11 सितंबर (भाषा) भारतीय चीनी एवं जैव-ऊर्जा विनिर्माता संघ (इस्मा) ने बृहस्पतिवार को कहा कि अक्टूबर से शुरू होने वाले 2025-26 सत्र में भारत का चीनी उत्पादन 3.49 करोड़ टन रहने का अनुमान है।
इस्मा ने एक विज्ञप्ति में कहा कि कुल मिलाकर, महाराष्ट्र, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु में गन्ने की बेहतर गुणवत्ता चीनी उत्पादन में मामूली वृद्धि को समर्थन दे रही है।
हालांकि, बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में मामूली गिरावट से इन वृद्धि के समायोजित होने की संभावना है, जिससे राष्ट्रीय उत्पादन अनुमान का दृष्टिकोण मोटे तौर पर स्थिर बना रहेगा।
इस्मा ने 2025-26 चीनी सत्र (अक्टूबर-सितंबर) में चीनी उत्पादन के अपने प्रारंभिक अनुमानों की समीक्षा जारी करते हुए कहा, ‘‘इस्मा ने चीनी सत्र 2025-26 में 349 लाख टन सकल चीनी उत्पादन के अपने अनुमान की पुष्टि की है। यह जुलाई 2025 के अनुमान के अनुरूप है, जो क्षेत्रीय विविधताओं के बावजूद उत्पादन अपेक्षाओं में स्थिरता का संकेत देता है।’’
उद्योग निकाय अक्टूबर 2025 में फसल की स्थिति का पुनर्मूल्यांकन करेगा और अक्टूबर या नवंबर 2025 में अपना पहला अग्रिम अनुमान जारी करेगा।
इस्मा ने 31 जुलाई, 2025 को चीनी सत्र 2025-26 के लिए सकल चीनी उत्पादन का अपना पहला प्रारंभिक अनुमान जारी किया था, जिसमें 3.49 करोड़ टन उत्पादन का अनुमान लगाया गया था। यह अनुमान जून 2025 के तीसरे सप्ताह की अखिल भारतीय उपग्रह तस्वीरों और सामान्य मानसून की स्थिति पर आधारित था।
इस्मा ने कहा कि शुरुआती अनुमानों का उद्देश्य फसल के लिए एक प्रारंभिक दिशात्मक दृष्टिकोण प्रदान करना था।
उसने कहा, ‘‘फसल की स्थिति का पुनर्मूल्यांकन करने के लिए सितंबर 2025 के पहले सप्ताह में महाराष्ट्र और कर्नाटक के लिए अनुवर्ती उपग्रह चित्र प्राप्त किए गए थे, और इसके आधार पर, इस्मा ने अपने प्रारंभिक अनुमान की समीक्षा की है।’’
पुनर्मूल्यांकन में सभी चीनी उत्पादक राज्यों के लिए मौजूदा जमीनी हालात, मानसून की प्रगति, पानी की उपलब्धता और अन्य संबंधित कारकों को भी शामिल किया गया है।
महाराष्ट्र और कर्नाटक के बारे में, इस्मा ने कहा कि अनुकूल मानसून की स्थिति, प्रमुख क्षेत्रों में अगस्त में हुई प्रचुर वर्षा के कारण, स्वस्थ फसल वृद्धि और सामान्य विकास सुनिश्चित हुआ है।
शेष दक्षिण-पश्चिम मानसून और आगामी उत्तर-पूर्वी मानसून के लिए सकारात्मक दृष्टिकोण और पिछले वर्ष की तुलना में जलाशयों के उच्च स्तर के साथ, अच्छी फसल की उम्मीदें और भी मजबूत हुई हैं।
चालू 2024-25 सत्र (अक्टूबर-सितंबर) में, चीनी उत्पादन 2.61 करोड़ टन होने का अनुमान है और सरकार ने 10 लाख टन चीनी के निर्यात की अनुमति दी है।
भाषा राजेश राजेश