ओडिशा में उर्वरक की कोई कमी नहीं, सभी कलेक्टर को वितरण पर नजर रखने का निर्देश : माझी
राखी सुरेश
- 11 Sep 2025, 08:45 PM
- Updated: 08:45 PM
भुवनेश्वर, 11 सितंबर (भाषा) ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने खरीफ मौसम के दौरान यूरिया आपूर्ति को लेकर किसानों की शिकायतों के बीच बृहस्पतिवार को सभी जिलाधिकारियों को उर्वरक वितरण की कड़ी निगरानी करने का निर्देश दिया।
यह निर्देश राज्य के विभिन्न हिस्सों से किसानों के सड़क पर उतरने और उर्वरक वितरण में देरी एवं कमी के आरोपों की खबरें सामने आने के बाद आया है।
किसानों ने दावा किया था कि उर्वरक की कमी होने से धान की खेती प्रभावित हो रही है।
स्थिति की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि राज्य में उर्वरक की कोई कमी नहीं है।
मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) के आधिकारिक बयान के अनुसार, ओडिशा को वर्ष 2025 के खरीफ मौसम (30 सितंबर तक) के लिए कुल 9,55,000 मीट्रिक टन उर्वरक की आवश्यकता है और यह पूरी मात्रा पहले ही केंद्र सरकार द्वारा आवंटित की जा चुकी है।
बयान में कहा गया कि राज्य के पास फिलहाल 11,66,733 मीट्रिक टन उर्वरक उपलब्ध है, जिनमें से 9,85,967 मीट्रिक टन किसानों को वितरित किया या बेचा जा चुका है।
उपलब्धता के बावजूद, मुख्यमंत्री ने सभी जिलाधिकारियों को अपने-अपने जिलों में प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों (पीएसीएस) और बड़े आकार की आदिवासी बहुउद्देशीय सहकारी समितियों (एलएएमपीसीएस) के माध्यम से उर्वरक वितरण की सख्त निगरानी सुनिश्चित करने का निर्देश दिया।
मुख्यमंत्री ने विभागीय अधिकारियों से कहा कि अगर कहीं भी कालाबाजारी या जमाखोरी की शिकायत मिले तो तुरंत कार्रवाई की जाए।
उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि निरीक्षण के दौरान जब्त उर्वरकों को वहीं रोकने के बजाय नजदीकी प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों (पैक्स) या वृहद क्षेत्र बहुउद्देशीय समितियों (लैम्प्स) को भेजकर किसानों में वितरित किया जाए।
उन्होंने कृषि विभाग से कहा कि स्थानीय भंडार स्थिति और जिलावार आवश्यकता के अनुसार विभिन्न ग्रेड के उर्वरकों की आपूर्ति पैक्स और लैम्प्स को की जाए।
साथ ही मार्कफेड (मार्केटिंग फेडरेशन) अधिकारियों को उर्वरक आपूर्ति शृंखला तेज करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने जोर देकर कहा कि अवैध गतिविधियों को रोकने के लिए विभाग को जिला और प्रखंड स्तर पर नियमित जांच करनी चाहिए और कालाबाजारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने सभी जिलों में फसल विविधीकरण और एकीकृत कृषि प्रणाली पर सरकार का ध्यान आकृष्ट किया।
उन्होंने तिलहन और दलहन की खेती को बढ़ावा देने के प्रयासों पर भी बल दिया, जिन्हें राज्य की कृषि वृद्धि रणनीति के लिए अहम बताया गया।
माझी ने सभी जिलाधिकारियों से वर्चुअल माध्यम से बातचीत की और सभी जिलों में उर्वरक वितरण गतिविधियों के बारे में जानकारी ली।
भाषा राखी