दिल्ली पुलिस ने पाकिस्तान से जुड़े 'खिलाफत' आतंकी मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया, पांच गिरफ्तार
नोमान माधव
- 11 Sep 2025, 08:47 PM
- Updated: 08:47 PM
नयी दिल्ली, 11 सितंबर (भाषा) दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ ने पाकिस्तान से जुड़े एक आतंकी मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया है और कई राज्यों में छापेमारी के बाद पांच संदिग्धों को गिरफ्तार किया है। एक अधिकारी ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।
विशेष प्रकोष्ठ के अतिरिक्त पुलिस आयुक्त प्रमोद कुशवाह ने यहां संवाददाता सम्मेलन में बताया कि पाकिस्तान स्थित एक व्यक्ति द्वारा सोशल मीडिया के माध्यम से कट्टरपंथी बनाए गए संदिग्ध कथित तौर पर भारत में जमीन खरीदने, उसे 'खिलाफत क्षेत्र' घोषित करने और 'जिहाद' छेड़ने की साजिश रच रहे थे।
उन्होंने कहा कि आरोपियों को 'गजवा-ए-हिंद' (भारत पर हमला) का विचार फैलाने और हिंसक गतिविधियां शुरू करने के लिए निर्देशित किया जा रहा था।
गिरफ्तार आरोपियों की पहचान रांची निवासी एवं अंग्रेजी ऑनर्स स्नातक अशर दानिश उर्फ अशरार कुरैशी (23), मुंबई निवासी आफताब कुरैशी और सूफियान अबुबकर, तेलंगाना निवासी मोहम्मद हुजैफा और मध्य प्रदेश निवासी कामरान कुरैशी के रूप में हुई है।
अतिरिक्त पुलिस आयुक्त ने संवाददाताओं को बताया कि मॉड्यूल का नेतृत्व दानिश कर रहा था, जो अन्य सदस्यों के साथ समन्वय करता था और पाकिस्तानी आका की ओर से कार्यों को अंजाम देता था। पाकिस्तानी आका को 'सीईओ', 'गज्बा' और 'प्रोफेसर' जैसे कोड नामों से जाना जाता था।
उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी आका ने एन्क्रिप्टेड सोशल मीडिया चैट (बातचीत) के माध्यम से मॉड्यूल के सदस्यों को हथियार डिजाइन, वैचारिक मार्गदर्शन और ‘उन्नत विस्फोटक उपकरण’ (आईईडी) बनाने के निर्देश दिए।
कुशवाह ने बताया कि अभियान की शुरुआत दिल्ली के हजरत निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन के पास से आफताब और सूफियान की गिरफ़्तारी से हुई। ये आरोपी मेवात के एक व्यक्ति से हथियार ख़रीदने के लिए शहर में थे और जब उन्हें गिरफ्तार किया गया, तब वे भागने की कोशिश कर रहे थे।
कुशवाह ने कहा, "हमारी टीमें पिछले छह महीनों से उनकी गतिविधियों पर नज़र रख रही थीं। दो संदिग्धों को उस समय गिरफ़्तार किया गया जब वे दिल्ली छोड़ने की योजना बना रहे थे। वे अपने समूह में युवाओं को भर्ती करने की भी योजना बना रहे थे।"
उन्होंने बताया कि दोनों के खुलासे के आधार पर पुलिस उपायुक्त अमित कौशिक के नेतृत्व में टीमों ने झारखंड के रांची, मध्य प्रदेश के राजगढ़ और तेलंगाना में छापेमारी की, जिससे तीन और संदिग्धों की गिरफ्तारी हुई।
कुशवाह ने कहा कि संदिग्धों के ठिकानों से अहम चीज़ों की बरामदगी हुई है। जांच दल को तलाशी के दौरान सल्फर पाउडर, सोडियम बाइकार्बोनेट, बॉल बेयरिंग, गैस मास्क, बिजली के तार, फ्यूज पॉइंट, कारतूस और आईईडी बनाने में इस्तेमाल होने वाले अन्य उपकरण मिले हैं। ज़ब्त किए गए इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की केंद्रीय एजेंसियां जांच कर रही हैं।
कुशवाह ने कहा, "अभियान के दौरान हमने 11 लोगों को हिरासत में लिया, जिनसे पूछताछ की जा रही है। इनमें से पांच लोगों को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है। उन्हें बुधवार को गिरफ्तार किया गया और आगे की पूछताछ के लिए उन्हें पुलिस रिमांड पर लिया जाएगा।"
अतिरिक्त पुलिस आयुक्त ने बताया कि आरोपियों को हथियार और कारतूस बनाने का प्रशिक्षण दिया गया है।
उन्होंने बताया कि समूह 'खिलाफत क्षेत्र' स्थापित करने के लिए भूमि खरीदने के वास्ते धन जुटाने की कोशिश में था। इसी तरह की कोशिश महाराष्ट्र में साकिब नाचन ने की थी।
अधिकारी ने बताया कि प्रारंभिक जांच से पता चलता है कि यह मॉड्यूल एक नया नेटवर्क है जिसका पहले भंडाफोड़ किए गए आतंकी संगठनों से कोई संबंध नहीं है। उन्होंने बताया कि पाकिस्तान स्थित आका ने संचार और भर्ती के लिए विशेष रूप से सोशल मीडिया मंचों का इस्तेमाल किया।
पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार संदिग्धों से उनके नेटवर्क, वित्त पोषण और संभावित ठिकानों का पता लगाने के लिए पूछताछ जारी है। पुलिस ने कहा कि इन गिरफ्तारियों से देश में संभावित आतंकवादी हमले को रोका गया है।
भाषा नोमान