जैव ईंधन उत्पादक एथनॉल उत्पादन बढ़ाएं, निर्यात पर ध्यान दें: प्रल्हाद जोशी
योगेश रमण
- 11 Sep 2025, 07:36 PM
- Updated: 07:36 PM
नयी दिल्ली, 11 सितंबर (भाषा) केंद्रीय उपभोक्ता मामलों के मंत्री प्रल्हाद जोशी ने बृहस्पतिवार को जैव ईंधन उत्पादकों से एथनॉल का उत्पादन बढ़ाने को कहा ताकि वैश्विक बाजारों में इसका निर्यात किया जा सके।
जोशी ने भारत शुगर एंड बायो-एनर्जी कॉन्फ्रेंस 2025 में एथनॉल मिश्रण, ऊर्जा सुरक्षा और ग्रामीण समृद्धि के क्षेत्र में भारत की प्रगति को रेखांकित किया।
उन्होंने कहा कि चीनी मिलों का संगठन सतत विकास को आगे बढ़ाने और भारत की पर्यावरण अनुकूल जैव-अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय की भी जिम्मेदारी संभाल रहे जोशी ने कहा, ‘‘सबका साथ, सबका विकास, सबका प्रयास के साथ, हम 2047 तक आत्मनिर्भर और विकसित भारत के निर्माण की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।"
उन्होंने कहा कि 2014 में भारत में ईंधन में एथनॉल मिश्रण 1.5 प्रतिशत था और आज यह 20 प्रतिशत है। पिछले 11 वर्षों में 13 गुना वृद्धि है।
जोशी ने कहा कि एथनॉल मिश्रित ईंधन की ओर बदलाव से ऊर्जा सुरक्षा, महत्वपूर्ण आर्थिक और पर्यावरणीय लाभ प्राप्त हुए हैं।
वरिष्ठ मंत्री ने कहा कि आयातित कच्चे तेल पर निर्भरता कम करके भारत ने 1.44 लाख करोड़ रुपये की विदेशी मुद्रा बचाई है।
उन्होंने कहा कि पिछले दशक में भारतीय चीनी क्षेत्र ने एक उल्लेखनीय परिवर्तन देखा है। इस परिवर्तन के केंद्र में राष्ट्रीय जैव ईंधन नीति और एथनॉल मिश्रित कार्यक्रम हैं, जिनका मुख्य उद्देश्य जैव ईंधनों के प्रचार-प्रसार पर जोर देना और चीनी मिलों के उत्पादों की विविधता बढ़ाकर नए नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत उत्पन्न करना है।
जोशी ने कहा कि सरकार की पहल से न केवल किसानों को समय पर भुगतान सुनिश्चित हुआ है, बल्कि मिलों और किसानों दोनों के लिए आय का एक अतिरिक्त स्रोत भी पैदा हुआ है।
उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में पिछले 11 वर्षों में गन्ने का उत्पादन 40 प्रतिशत और चीनी का उत्पादन 58 प्रतिशत बढ़ा है।
जोशी ने कहा, ‘‘मैं जैव ईंधन उत्पादकों से आग्रह करूंगा कि वे एथनॉल उत्पादन बढ़ाएं और वैश्विक बाजार में प्रवेश करें। उद्योग को सतत नवाचार और नई तकनीकों को अपनाने पर ध्यान देना चाहिए ताकि उत्पादन, दक्षता और रोजगार बढ़ सके।’’
उन्होंने यह भी बताया कि सरकार ने घरेलू उपभोक्ताओं को उचित कीमत पर चीनी उपलब्ध कराई है और गन्ना किसानों को समय पर भुगतान सुनिश्चित किया है।
भाषा योगेश