यात्रियों से विश्वास बनाने के वास्ते स्वच्छताकर्मियों के लिए परामर्श सत्र आयोजित हों : रेलवे बोर्ड
नेत्रपाल सुरेश
- 11 Sep 2025, 04:30 PM
- Updated: 04:30 PM
नयी दिल्ली, नौ सितंबर (भाषा) रेलवे बोर्ड ने अपने सभी जोन को निर्देश दिया है कि वे ट्रेन यात्रा के दौरान यात्रियों के साथ विश्वास बनाने के वास्ते सफाई एवं रखरखाव कर्मचारियों के लिए परामर्श सत्र आयोजित करें।
बोर्ड ने सभी जोन को लिखे पत्र में कहा कि सदस्य (ट्रैक्शन और रोलिंग स्टॉक) ने हाल में ट्रेन के निरीक्षण के दौरान प्रणाली में सुधार का सुझाव दिया था, जिसमें सफाई एवं रखरखाव कर्मचारियों को परामर्श देना भी शामिल है।
बोर्ड के पत्र में सदस्य (ट्रैक्शन और रोलिंग स्टॉक) के हवाले से कहा गया, ‘‘ट्रेन में सवार सभी सफाई एवं रखरखाव सेवा कर्मचारियों (ओबीएचएस) को यात्रा की शुरुआत में अपना परिचय देने और यात्रियों का विश्वास जीतने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए, यानी वे यात्रा के दौरान सहायता के लिए उपलब्ध रहें।’’
इसमें कहा गया, ‘‘ओबीएचएस कर्मचारियों को दैनिक रूप से परामर्श दिया जाना चाहिए, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि इस कवायद का निरंतर पालन किया जाए।’’
रेलवे बोर्ड ने सभी जोन को निर्देशों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है।
बोर्ड ने 2006 में छह मेल और एक्सप्रेस ट्रेन में प्रायोगिक परियोजना के तौर पर ओबीएचएस योजना शुरू की थी। बाद में, ओबीएचएस सेवाओं को अन्य ट्रेन में भी लागू किया गया।
अधिकारियों के अनुसार, वर्तमान में यह योजना 1,200 से ज़्यादा जोड़ी महत्वपूर्ण मेल और एक्सप्रेस ट्रेन में जारी है।
इस योजना के तहत, रेलवे बोर्ड ने भारतीय रेलवे खानपान एवं पर्यटन निगम (आईआरसीटीसी) को शौचालयों, दरवाजों और गलियारों सहित कोच की समग्र सफाई सुनिश्चित करने के साथ-साथ खानपान और बिस्तर सेवाओं जैसी विभिन्न यात्री सुविधाएं प्रदान करने का काम सौंपा है।
हाल ही में, भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) ने संसद के दोनों सदनों में पेश अपनी रिपोर्ट में कहा कि 2023 में 15 ट्रेन (पूर्वी तटीय रेलवे जोन को छोड़कर सभी जोन में एक-एक ट्रेन) में ओबीएचएस के ऑडिट के दौरान कई कमियां पाई गईं।
कैग ने कहा कि बिलासपुर राजधानी एक्सप्रेस, पुणे-सिकंदराबाद शताब्दी एक्सप्रेस, कोटा-पटना एक्सप्रेस, दार्जिलिंग मेल और गोरखपुर साप्ताहिक एक्सप्रेस जैसी 15 में से 13 ट्रेन में उसने कई कमियां पाईं, जैसे कि बंद और बदबूदार शौचालय तथा वॉश बेसिन, दरवाजे के पास रखे गंदे कपड़े आदि।
सूत्रों ने बताया कि कैग की ऑडिट रिपोर्ट के बाद रेलवे बोर्ड ओबीएचएस के कामकाज में सुधार के लिए अपने मौजूदा दिशानिर्देशों को लागू करने को लेकर काफी गंभीर हो गया है और इसीलिए वरिष्ठ रेलवे अधिकारी व्यवस्था में सुधार के लिए निरीक्षण कर रहे हैं।
भाषा नेत्रपाल