भारत-अमेरिका संबंधों के बारे में ट्रंप की सकारात्मक राय का समर्थन करता हूं : प्रधानमंत्री मोदी
देवेंद्र दिलीप
- 06 Sep 2025, 09:46 PM
- Updated: 09:46 PM
नयी दिल्ली, छह सितंबर (भाषा) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को कहा कि वह भारत-अमेरिका संबंधों के “सकारात्मक” आकलन के लिए अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की सराहना करते हैं।
इससे पहले, ट्रंप ने दोनों देशों के “विशेष” संबंध की सराहना की, जिसे दोनों देशों के रिश्तों में आए तनाव को खत्म करने के प्रयास के तौर पर देखा गया।
ट्रंप ने व्हाइट हाउस में संवाददाता सम्मेलन में कहा कि वह हमेशा ‘‘मोदी के मित्र’’ रहेंगे, लेकिन मोदी इस समय जो कर रहे हैं, वह उन्हें पसंद नहीं आया। ट्रंप ने हालांकि, विस्तार से नहीं बताया कि वह किस बारे में बात कर रहे हैं।
इसके कुछ घंटे बाद मोदी की सोशल मीडिया पर यह टिप्पणी आई।
मोदी ने कहा, ‘‘हम राष्ट्रपति ट्रंप की भावनाओं और हमारे संबंधों को लेकर उनकी सकारात्मक राय की सराहना करते हैं और उसका पूरी तरह से समर्थन करते हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘भारत और अमेरिका के बीच बहुत सकारात्मक, दूरदर्शी, व्यापक और वैश्विक रणनीतिक साझेदारी है।’’
दोनों नेताओं ने 17 जून को फोन पर हुई बातचीत के बाद पहली बार एक दूसरे के बारे में बयान दिए हैं।
भारतीय सामानों पर 50 प्रतिशत शुल्क लगाने के ट्रंप के फैसले के बाद दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया था। इसमें से 25 प्रतिशत शुल्क रूस से कच्चा तेल खरीदने को लेकर लगाया गया था। भारत ने अमेरिकी कार्रवाई को “अनुचित और विवेकहीन” बताया था।
इससे पहले, भारत के साथ संबंधों को पुनः स्थापित करने की संभावना के बारे में पूछे गए प्रश्न का उत्तर देते हुए ट्रंप ने कहा कि दोनों देशों के बीच विशेष संबंध हैं और ‘‘चिंता की कोई बात नहीं है।’’
ट्रंप ने कहा, ‘‘मैं हमेशा (नरेन्द्र) मोदी का मित्र रहूंगा, वह एक महान प्रधानमंत्री हैं। लेकिन वह इस समय जो कर रहे हैं, मुझे पसंद नहीं है।”
उन्होंने कहा, ‘‘भारत और अमेरिका के बीच विशेष संबंध हैं। चिंता की कोई बात नहीं है।’’
ट्रंप ने बृहस्पतिवार को कहा था कि अमेरिका भारत को चीन के हाथों खो रहा है।
इस पोस्ट के बारे में पूछे जाने पर अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘मुझे नहीं लगता कि ऐसा हुआ है। मैं इस बात से बहुत निराश हूं कि भारत रूस से इतना तेल खरीद रहा है।’’
उन्होंने कहा, “मैंने उन्हें बताया कि हमने भारत पर बहुत बड़ा शुल्क लगाया है - 50 प्रतिशत शुल्क, बहुत ज्यादा शुल्क। जैसा कि आप जानते हैं, मोदी के साथ मेरे बहुत अच्छे संबंध हैं, वह कुछ महीने पहले यहां आए थे।’’
अमेरिकी राष्ट्रपति ने बृहस्पतिवार को ‘ट्रुथ सोशल’ पर लिखा था, ‘‘लगता है हमने भारत और रूस को चीन के हाथों खो दिया है। उनका भविष्य लंबा और समृद्ध हो!’’
सोशल मीडिया पर ट्रंप का यह नया पोस्ट ऐसे समय में आया था, जब कुछ ही दिन पहले चीन के शहर तियानजिन में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी, चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच गर्मजोशी से हुई बातचीत ने दुनिया का ध्यान खींचा।
पिछले कुछ दिनों में व्हाइट हाउस के व्यापार सलाहकार पीटर नवारो समेत ट्रंप प्रशासन के कई अधिकारियों ने भारत को निशाना बनाने के लिए आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल किया है।
भारत ने शुक्रवार को नवारो की टिप्पणी को खारिज करते हुए उसे ‘‘गलत और भ्रामक’’ बताया था।
पिछले कुछ सप्ताह में, दो दशकों से अधिक के घनिष्ठ सहयोग के बाद भारत-अमेरिका संबंधों में गंभीर तनाव देखा गया।
यह तनाव तब शुरू हुआ, जब व्यापार समझौते के लिए बातचीत में बाधा उत्पन्न हो गई तथा ट्रंप ने बार-बार दावा किया कि उन्होंने मई में भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य संघर्ष को समाप्त कराया।
भारत का कहना है कि दोनों पक्षों के बीच सीधी बातचीत के बाद संघर्ष समाप्त हुआ।
पिछले कुछ महीनों में भारत और अमेरिका ने द्विपक्षीय व्यापार समझौते के लिए कई दौर की बातचीत की, लेकिन कृषि और डेयरी समेत कुछ महत्वपूर्ण क्षेत्रों में मतभेदों के कारण इस पर अंतिम निर्णय नहीं हो सका।
अमेरिका रूस के साथ ऊर्जा संबंधों को लेकर भी भारत पर निशाना साधता रहा है।
रूस से कच्चे तेल की खरीद का बचाव करते हुए भारत यह कहता रहा है कि उसकी ऊर्जा खरीद राष्ट्रीय हित और बाजार की गतिशीलता से प्रेरित है।
भाषा
देवेंद्र