दिल्ली में बाढ़: आप ने उपराज्यपाल एवं दिल्ली सरकार पर साधा निशाना
राजकुमार अविनाश
- 04 Sep 2025, 08:04 PM
- Updated: 08:04 PM
नयी दिल्ली, चार सितंबर (भाषा) आम आदमी पार्टी (आप) ने राजधानी में बाढ़ को लेकर उपराज्यपाल वी के सक्सेना और दिल्ली सरकार पर निशाना साधा तथा जमीनी स्तर पर राहत प्रयासों में उनकी कथित अनुपस्थिति को लेकर सवाल उठाया।
दिल्ली सरकार या उपराज्यपाल कार्यालय की ओर से इस आरोप पर तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली।
यमुना का स्तर अपराह्न चार बजे 207.44 मीटर पर था, जो दो बजे से तीन बजे तक 207.45 मीटर पर था।
आप की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष सौरभ भारद्वाज ने सवाल उठाया कि क्या भाजपा सरकार ने नालों की सफाई ईमानदारी से की है। उन्होंने यह भी पूछा कि इस बार सक्सेना बाढ़ग्रस्त इलाकों का दौरा क्यों नहीं कर रहे हैं।
उन्होंने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘उपराज्यपाल साहब इतने ज्ञानी और नदी नालों के विशेषज्ञ हैं। चार इंजन की भाजपा सरकार है, फिर भी दिल्ली डूबी हुई है।’’
उन्होंने लिखा, ‘‘ उपराज्यपाल साहब बतायें। क्या भाजपा सरकार ने ईमानदारी से नालों की सफाई करवायी है? क्या यमुना से गाद हटाया गया? क्या नजफगढ़ नाले की सफाई करवायी है? विशेषज्ञ उपराज्यपाल साहब बतायें कि अगर गाद हटाने का काम ईमानदारी से हुआ है तो दिल्ली क्यों डूबी हुई है? ’’
उन्होंने कहा कि गाद हटाने के काम का तीसरे पक्ष से ऑडिट क्यों नहीं करवाया जा रहा है, पूरे मामले पर उपराज्यपाल क्यों चुप हैं।
भारद्वाज ने ‘एक्स’ पर एक वीडियो भी साझा किया, जिसमें सक्सेना से स्थिति का जायजा लेने के लिए आगे आने का आह्वान किया। सक्सेना से सवाल करने के लिए, उन्होंने 2023 की कुछ खबरें साझा कीं, जब दिल्ली के कई हिस्से जलमग्न हो गए थे।
आप नेता ने कहा, ‘‘कृपया पता करें कि उपराज्यपाल साहब के कार्यालय में अभी भी स्टेनो और प्रिंटर हैं या नहीं। उन्होंने लंबे समय से दिल्ली की मुख्यमंत्री को पत्र नहीं लिखा है।’’
भारद्वाज ने ‘एक्स’ पर एक समाचार साझा करते हुए लिखा कि सक्सेना ने दिल्ली के तत्कालीन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को पत्र लिखकर 2023 की बाढ़ के लिए जिम्मेदार कारकों की रूपरेखा बताई थी।
दिल्ली ने 2023 में सबसे भयावह स्थिति का सामना किया था, जब भारी बारिश के बाद कई इलाके जलमग्न हो गए थे और 25,000 से ज़्यादा लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाना पड़ा था।
साल 2023 में, जब शहर भीषण बाढ़ की चपेट में आया, तो यमुना का जलस्तर 208.66 मीटर तक पहुंच गया था। इससे पहले, 1978 में यमुना का जलस्तर 207.49 मीटर तक पहुंच गया था।
आप ने 2023 के वीडियो भी साझा किए, जब भारद्वाज, केजरीवाल और पूर्व मुख्यमंत्री आतिशी स्थिति का जायज़ा लेने के लिए ज़मीनी स्तर पर मौजूद थे। उन्होंने इस साल बाढ़ की स्थिति के वीडियो भी साझा किए।
उसने कहा, ‘‘अंतर साफ़ है? काम करने वाली सरकार बनाम खोखले नारे लगाने वाली सरकार।’’
हालांकि दिल्ली की मुख्यमंत्री एवं वरिष्ठ भाजपा रेखा गुप्ता ने कुछ दिन पहले स्थिति का जायज़ा लेने के लिए पुराने रेलवे पुल और यमुना बाज़ार के पास राहत शिविर का दौरा किया था। लोक निर्माण मंत्री प्रवेश वर्मा ने बुधवार को आईटीओ बैराज का दौरा किया।
भाषा राजकुमार