पंजाब बाढ़ : भाखड़ा बांध में पानी अधिकतम क्षमता से एक फुट कम, रूपनगर प्रशासन ने अलर्ट जारी किया
सुरभि मनीषा
- 04 Sep 2025, 02:50 PM
- Updated: 02:50 PM
(तस्वीरों सहित)
चंडीगढ़, चार सितंबर (भाषा) भाखड़ा बांध में पानी इसकी अधिकतम क्षमता 1,680 फुट से लगभग एक फुट कम होने के कारण रूपनगर प्रशासन ने बृहस्पतिवार को अलर्ट जारी किया और सतलुज नदी के पास रहने वाले लोगों से सुरक्षित स्थानों पर जाने का आग्रह किया।
भाखड़ा बांध और इसके जलग्रहण क्षेत्रों में बारिश के बाद बांध में जलस्तर बृहस्पतिवार सुबह इसकी अधिकतम क्षमता 1,680 फुट से महज एक फुट कम 1,678.97 फुट तक पहुंच गया। बांध में 95,435 क्यूसेक पानी पहुंचा, जबकि 73,459 क्यूसेक पानी छोड़ा गया।
ब्यास नदी पर स्थित पौंग बांध का जलस्तर 1,394.51 फुट तक पहुंच गया, जो इसकी ऊपरी सीमा क्षमता 1,390 फुट से चार फुट अधिक है। पौंग बांध में 1,32,595 क्यूसेक पानी पहुंचा जबकि 91,167 क्यूसेक पानी छोड़ा गया।
रूपनगर के उपायुक्त (डीसी) वरजीत सिंह वालिया ने नंगल और आनंदपुर साहिब के कई गांवों में सतलुज नदी के पास निचले इलाकों में रहने वाले लोगों से सुरक्षित स्थानों पर जाने या जिला प्रशासन द्वारा स्थापित राहत शिविरों में जाने का आग्रह किया है।
उन्होंने कहा कि किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और अन्य एजेंसियों की टीम को तैनात किया गया है।
डीसी ने कहा कि भाखड़ा बांध का जलस्तर 1,679 फुट तक पहुंच गया है, जबकि लगभग 75,000 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। इसे बढ़ाकर 80,000 से 85,000 क्यूसेक किया जा सकता है।
कैबिनेट मंत्री हरजोत बैंस ने बुधवार को नदी के किनारे और निचले इलाकों में रहने वाले श्री आनंदपुर साहिब के निवासियों से सुरक्षित स्थानों या राहत शिविरों में जाने की अपील की।
उन्होंने बाढ़ प्रभावित 24 से अधिक गांवों का दौरा किया और सतलुज नदी के किनारे फंसे परिवारों को निकालने के काम का व्यक्तिगत रूप से निरीक्षण किया।
इस बीच, पटियाला जिला प्रशासन ने भी जल निकाय के जलग्रहण क्षेत्रों में भारी बारिश के मद्देनजर पटरान में घग्गर नदी के पास के गांवों के निवासियों के लिए अलर्ट जारी किया है।
पंजाब वर्तमान में दशकों में आई सबसे भीषण बाढ़ आपदाओं में से एक का सामना कर रहा है। यह बाढ़ सतलुज, व्यास और रावी नदियों के उफान के साथ-साथ हिमाचल प्रदेश और जम्मू कश्मीर में उनके जलग्रहण क्षेत्रों में भारी वर्षा के कारण बरसाती छोटी नदियों में आई बाढ़ का परिणाम है।
पंजाब में अतिरिक्त भारी बारिश ने बाढ़ की स्थिति को और गंभीर बना दिया है, जिससे निवासियों के सामने चुनौतियां और बढ़ गई हैं।
अधिकारियों ने बताया कि बाढ़ से अब तक 37 लोगों की जान चली गई है और 3.55 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं। बाढ़ में 1.75 लाख हेक्टेयर से ज्यादा जमीन पर लगी फसलें बर्बाद हो गई हैं।
भाषा सुरभि