मोदी एवं आरएसएस पर 'आपत्तिजनक' कार्टून: न्यायालय ने कार्टूनिस्ट हेमंत मालवीय को अग्रिम जमानत दी
सिम्मी मनीषा
- 02 Sep 2025, 12:22 PM
- Updated: 12:22 PM
नयी दिल्ली, दो सितंबर (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) कार्यकर्ताओं के कथित आपत्तिजनक कार्टून सोशल मीडिया पर साझा करने के आरोपी कार्टूनिस्ट हेमंत मालवीय को मंगलवार को अग्रिम जमानत दे दी।
न्यायमूर्ति अरविंद कुमार और न्यायमूर्ति एन वी अंजारिया की पीठ ने इस बात पर गौर किया कि मालवीय ने अपने फेसबुक और इंस्टाग्राम अकाउंट पर माफी मांग ली है। उसने पुलिस को यह छूट दी कि अगर कार्टूनिस्ट जांच में सहयोग नहीं करते हैं तो वह उनकी जमानत रद्द किए जाने का अनुरोध कर सकती है।
मालवीय की वकील वृंदा ग्रोवर ने सुनवाई के दौरान अदालत से कहा कि उनके मुवक्किल ने माफी मांग ली है और याचिकाकर्ता को अभी तक तलब नहीं किया गया है।
अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल के एम नटराज ने जवाब दिया कि सभी सबूत एकत्र किए जाने के बाद ही समन जारी किया जाएगा।
वकील और आरएसएस कार्यकर्ता विनय जोशी द्वारा दायर एक शिकायत पर मई में इंदौर पुलिस ने मालवीय के खिलाफ मामला दर्ज किया था। जोशी ने आरोप लगाया है कि मालवीय ने सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक सामग्री अपलोड करके हिंदुओं की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाई और सांप्रदायिक सद्भाव बिगाड़ा।
न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया और न्यायमूर्ति अरविंद कुमार की शीर्ष अदालत की पीठ ने कार्टूनिस्ट को 15 जुलाई को दंडात्मक कार्रवाई से संरक्षण प्रदान किया था। मंगलवार को उसने इस आदेश को ‘‘स्थायी’’ घोषित कर दिया।
शीर्ष अदालत ने इससे पहले मालवीय द्वारा दायर उस हलफनामे पर संज्ञान लिया था जिसमें उन्होंने खेद व्यक्त किया था और तहे दिल से माफी मांगी थी।
शीर्ष अदालत ने सोशल मीडिया पर बढ़ती आपत्तिजनक पोस्ट पर भी 15 जुलाई को चिंता व्यक्त की थी और इस पर अंकुश लगाने के लिए न्यायिक आदेश पारित करने की आवश्यकता पर बल दिया था।
कार्टूनिस्ट मालवीय ने तीन जुलाई को मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय द्वारा उन्हें अग्रिम जमानत देने से इनकार करने के आदेश को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी है।
प्राथमिकी में कई ‘आपत्तिजनक’ पोस्ट का जिक्र है जिनमें भगवान शिव पर कथित रूप से अनुचित टिप्पणियों के साथ-साथ कार्टून, वीडियो, तस्वीरें और मोदी, आरएसएस कार्यकर्ताओं एवं अन्य लोगों के बारे में टिप्पणियां शामिल हैं।
उच्च न्यायालय में मालवीय के वकील ने दलील दी थी कि उन्होंने केवल एक कार्टून पोस्ट किया था, लेकिन अन्य फेसबुक उपयोगकर्ताओं द्वारा उस पर पोस्ट की गई टिप्पणियों के लिए उन्हें जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता।
भाषा सिम्मी