महाराष्ट्र: वीएसआई के ‘ऑडिट’ पर राकांपा (एसपी) ने उठाए सवाल, मुख्यमंत्री ने नियमित प्रक्रिया बताया
जोहेब अविनाश
- 28 Oct 2025, 05:27 PM
- Updated: 05:27 PM
पुणे, 28 अक्टूबर (भाषा) महाराष्ट्र सरकार ने शरद पवार की अध्यक्षता वाले वसंतदादा शुगर इंस्टिट्यूट (वीएसआई) की निधियों के उपयोग के बारे में जानकारी मांगी है, जिसकी राकांपा (एसपी) ने आलोचना की। हालांकि मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने कहा कि यह एक नियमित प्रक्रिया है।
महाराष्ट्र सरकार ने राज्य के चीनी आयुक्त को पुणे स्थित वीएसआई को अनुसंधान के लिए दी गई धनराशि का ऑडिट करने और यह सत्यापित करने के लिए एक समिति गठित करने का निर्देश दिया है कि उसका उचित उपयोग किया गया है या नहीं। अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) के विधायक रोहित पवार ने दावा किया कि एक समिति बनाने का फडणवीस का आदेश नियमित प्रक्रिया का हिस्सा नहीं है। उन्होंने कहा कि सत्तारूढ़ भाजपा "ठाणे के बाद अब अपना ध्यान बारामती पर केंद्रित कर रही है।”
गौरतलब है कि राकांपा (एसपी) प्रमुख शरद पवार वीएसआई के अध्यक्ष हैं, जबकि महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री और प्रतिद्वंद्वी राकांपा के नेता अजित पवार इस शोध संस्थान के सदस्य हैं।
पुणे जिले का बारामती पवार परिवार का राजनीतिक गढ़ है, जबकि ठाणे शिवसेना नेता व उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का गढ़ है।
महाराष्ट्र के चीनी आयुक्त संजय कोल्टे ने कहा, "हम आम तौर पर राज्य की चीनी मिलों से वीएसआई के लिए प्रति टन चीनी (क्रश्ड शुगर) पर एक रुपया वसूलते हैं और एकत्रित धनराशि का उपयोग चीनी उद्योग में अनुसंधान एवं विकास गतिविधियों के लिए किया जाता है। 30 सितंबर को हुई कैबिनेट बैठक में, इस धनराशि का उपयोग कैसे किया जा रहा है, इसकी जांच के लिए एक समिति गठित करने के निर्देश दिए गए थे।"
उन्होंने कहा, "सोमवार को हमें बैठक में लिए गए फैसले की जानकारी मिली और उसके अनुसार समिति का गठन किया जाएगा।"
यह पूछे जाने पर कि क्या धनराशि के उपयोग को लेकर कोई शिकायत मिली है, तो कोल्टे ने कहा कि ऐसी कोई शिकायत नहीं मिली है।
रोहित पवार ने ‘एक्स’ पर कहा कि वीएसआई ने राज्य में चीनी उद्योग को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
उन्होंने कहा कि यह संस्थान, "पवार साहब, अजित दादा और अन्य नेताओं के नेतृत्व में" कई वर्षों से किसानों के कल्याण के लिए काम कर रहा है।
विधायक ने कहा, "संस्थान की जांच का मुख्यमंत्री का आदेश कोई सामान्य प्रक्रिया नहीं है। यह दर्शाता है कि ठाणे के बाद भाजपा ने अपना ध्यान बारामती पर केंद्रित कर लिया है। कल केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अपने भाषण में कहा था कि भाजपा को बैसाखी की जरूरत नहीं है, और अब मुख्यमंत्री ने वीएसआई की जांच के आदेश दे दिए हैं। क्या यह बैसाखियों पर निर्भरता कम करने का प्रयास नहीं है?"
उन्होंने आरोप लगाया कि जब विपक्ष करोड़ों रुपये के भ्रष्टाचार के सबूत पेश करता है, तो सरकार चुप रहती है।
पवार ने दावा किया, "एक अच्छे संस्थान की जांच कर उसे बदनाम करने की कोशिश की जा रही है। यह भाजपा की आधुनिक राजनीति है। भाजपा को राजनीतिक लाभ हो सकता है, लेकिन राज्य को नुकसान होगा।"
इस बीच, फडणवीस ने संवाददाताओं से कहा कि वसंतदादा शुगर इंस्टीट्यूट को किसी जांच के उद्देश्य से नोटिस जारी नहीं किया गया, बल्कि यह वित्तीय जानकारी मांगने के लिए एक नियमित अनुरोध था।
मुख्यमंत्री ने कहा, "यह कोई जांच नहीं है, बल्कि (चीनी आयुक्त) ने तो बस चीनी मिलों पर शुल्क लगाकर वीएसआई को दिए गए धन के बारे में जानकारी मांगी थी। किसी भी संस्थान से उसे प्राप्त धन का हिसाब मांगने में कुछ भी गलत नहीं है।"
भाषा जोहेब