योगी, उनके ओएसडी के खिलाफ आपत्तिजनक पोस्ट के आरोप में भाजपा विधायक का भाई गिरफ्तार
सं आनन्द मनीषा सुरभि
- 01 Sep 2025, 01:09 PM
- Updated: 01:09 PM
गोरखपुर (उप्र), एक सितंबर (भाषा) गोरखपुर के पिपराइच क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक महेंद्र पाल सिंह के भाई भोलेंद्र पाल सिंह को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी।
भोलेन्द्र पाल सिंह के विरुद्ध मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उनके विशेष कार्याधिकारी (ओएसडी) के खिलाफ आपत्तिजनक पोस्ट करने के आरोप में कुल छह मामले दर्ज किये गये थे। पुलिस के अनुसार गहन तलाशी के बाद, गोरखपुर पुलिस और अपराध शाखा की टीम ने रविवार देर रात कुशीनगर के एक होटल से उन्हें गिरफ्तार कर लिया।
उनकी गिरफ्तारी के बाद पिपराइच थाने में एक और मामला दर्ज किया गया, जिससे कुल दर्ज मामलों की संख्या सात हो गई।
गोरखपुर पुलिस के प्रवक्ता ने बताया कि भोलेंद्र पर सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने का मामला दर्ज किया गया है। उनके ईंट भट्ठे पर छापेमारी के दौरान पुलिस ने भारी मात्रा में नकली शराब बरामद की, जिसकी वीडियोग्राफी भी की गई और पिपराइच थाने में मामला दर्ज कर लिया गया है और आगे की कानूनी कार्रवाई जारी है।
पुलिस के अनुसार उनके सहयोगियों का पता लगाने के लिए उनके मोबाइल फोन और अन्य स्रोतों से डेटा की जांच की जा रही है।
पुलिस अधिकारियों ने रविवार को बताया था कि भाजपा विधायक महेंद्र पाल सिंह के भाई भोलेंद्र पाल सिंह ने गत बृहस्पतिवार की रात मुख्यमंत्री, उनके ओएसडी और भाजपा विधायक विपिन सिंह के खिलाफ ‘फेसबुक’ पर कथित तौर पर अपमानजनक पोस्ट किया। बृहस्पतिवार को देर रात किया गया यह पोस्ट सोशल मीडिया पर खूब प्रसारित हुआ, जिसे बाद में उनके परिवार ने ‘डिलीट’ कर दिया।
गोरखपुर साइबर प्रकोष्ठ को इस मामले की सूचना दी गई और साइबर थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई। इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए, विधायक महेंद्र पाल सिंह ने अपने भाई के कृत्य से दूरी बनाते हुए कहा, ‘‘उन्होंने जो किया है, उससे मैं बहुत दुखी हूं। प्रशासन जो भी कार्रवाई करता है, उसका मुझसे कोई लेना-देना नहीं है।’’
महेंद्र पाल सिंह ने रविवार को इस मामले पर सफाई देते हुए कहा कि उनके भाई एक अरसे से उनसे अलग रहते हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘हम पिछले 20 से 25 साल से अलग रह रहे हैं। फिर भी, उनका मुझसे खून का रिश्ता है। मैं उनके बयान के लिए मुख्यमंत्री और उनके ओएसडी से माफी मांगता हूं। इसके पीछे एक साजिश भी हो सकती है, क्योंकि कुछ लोग, जो जनता के लिए मेरे काम का विरोध करते हैं, मुझे बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं।’’
भाषा सं आनन्द मनीषा