उच्चतम न्यायालय ने गेटवे ऑफ इंडिया पर नए यात्री जेटी के निर्माण के खिलाफ याचिका खारिज की
वैभव मनीषा
- 01 Sep 2025, 04:57 PM
- Updated: 04:57 PM
नयी दिल्ली, एक सितंबर (भाषा) दक्षिण मुंबई में ऐतिहासिक ‘गेटवे ऑफ इंडिया’ पर नए यात्री जेटी और टर्मिनल का निर्माण जारी रहेगा क्योंकि उच्चतम न्यायालय ने इस परियोजना को मंजूरी देने वाले मुंबई उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ याचिका सोमवार को खारिज कर दी।
उच्च न्यायालय ने 15 जुलाई को गेटवे ऑफ इंडिया के निकट महाराष्ट्र मैरीटाइम बोर्ड (एमएमबी) द्वारा प्रस्तावित 229 करोड़ रुपये की लागत वाली यात्री जेटी और टर्मिनल सुविधा के निर्माण को चुनौती देने वाली तीन याचिकाओं को खारिज कर दिया था।
प्रधान न्यायाधीश बी आर गवई और न्यायमूर्ति के विनोद चंद्रन की पीठ ने उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ लॉरा डी सूजा द्वारा दायर अपील को खारिज करते हुए कहा कि यह मुद्दा सरकार के नीतिगत अधिकार क्षेत्र में आता है।
पीठ ने कहा कि नए यात्री जेटी और टर्मिनल के निर्माण से संबंधित मुद्दों पर केवल दक्षिण मुंबई के कोलाबा क्षेत्र में ताज महल पैलेस होटल और उसके आसपास रहने वाले लोगों की शिकायतों के आधार पर फैसला नहीं किया जा सकता।
प्रधान न्यायाधीश ने याचिका खारिज करने के बाद कहा, ‘‘इसे सिर्फ उन इमारतों में रहने वाले लोगों के नजरिए से नहीं देखा जा सकता। श्री (संजय) हेगड़े ने पहले तर्क दिया था कि यह ‘आमची मुंबई बनाम त्यांची मुंबई’ का मामला है। मैंने कहा था कि ‘आमची मुंबई’ उस इलाके में नहीं रहती। गोरेगांव, डोंबिवली वगैरह में भी है।’’
हालांकि, एक अधिवक्ता ने इस धारणा पर आपत्ति जताई कि कोलाबा के निवासी ‘संभ्रांत’ हैं।
प्रधान न्यायाधीश ने इस दलील से सहमति जताई कि उन्हें इलाके की जानकारी है जहां कई निर्धन लोग भी रहते हैं।
डी सूजा की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता सी. यू. सिंह ने उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती दी और कहा कि यातायात की भीड़ और कठिनाइयों के कारण क्षेत्र में रहने वाले लोगों की संभावित स्थिति पर विचार नहीं किया गया।
एक अन्य अधिवक्ता ने कहा, ‘‘यह बड़ी परियोजना है जो इसके आकार के हिसाब से ठीक नहीं लगती। यह पूरे क्षेत्र को प्रभावित करेगी। यह बहुत बड़ी है।’’
महाराष्ट्र के अधिकारियों की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने दलीलों का विरोध किया और कहा कि बंदरगाह और जेटी में अंतर है।
उन्होंने कहा कि पूरे शहर के कल्याण को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया है और इस सुविधा से दक्षिण मुंबई से नवी मुंबई, मांडवा और अलीबाग के बीच यात्रा का समय कम हो जाएगा।
मेहता ने कहा कि कुछ स्थानीय लोगों की तथाकथित असुविधा को इस महत्वपूर्ण परियोजना के आड़े नहीं आना चाहिए। उन्होंने इसे ‘अच्छी तरह से सोचा गया’ बताया।
समुद्र में लगभग 1.5 एकड़ में फैली यह परियोजना गेटवे ऑफ इंडिया से लगभग 280 मीटर की दूरी पर होगी, जो दक्षिण मुंबई में रेडियो क्लब के पास स्थित है।
याचिका के अनुसार, परियोजना में 150 कारों की पार्किंग, वीआईपी लाउंज/प्रतीक्षा क्षेत्र, एम्फीथिएटर और टिकट काउंटर/प्रशासनिक क्षेत्र के साथ-साथ समुद्र में खंभों पर एक विशाल टेनिस रैकेट के आकार का जेटी बनाना शामिल है।
भाषा वैभव