पूर्व सांसद पर पाबंदी के बाद फिलीपीन ने चीन के राजदूत को तलब किया
एपी आशीष माधव
- 08 Jul 2025, 04:48 PM
- Updated: 04:48 PM
मनीला, आठ जुलाई (एपी) चीन ने फिलीपीन के एक पूर्व सांसद पर प्रतिबंध लगा दिया है, जिसके बाद मनीला में चीन के राजदूत को तलब किया गया है। फिलीपीन के अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
सांसद विवादित दक्षिण चीन सागर में चीन की आक्रामक कार्रवाइयों की आलोचना करते रहे हैं।
चीनी विदेश मंत्रालय ने पिछले सप्ताह कहा था कि वह फिलीपीन के पूर्व सांसद फ्रांसिस टॉलेंटिनो के चीन तथा उसके क्षेत्रों हांगकांग और मकाऊ में प्रवेश पर अनिश्चित काल के लिए प्रतिबंध लगा रहा है।
मंत्रालय ने कहा कि टॉलेंटिनो चीन विरोधी नेताओं में से एक हैं, जिन्होंने "दुर्भावनापूर्ण शब्दों और कार्यों" का सहारा लिया है, जिससे चीन के हितों को नुकसान पहुंचा और चीन-फिलीपीन संबंधों को कमजोर किया है।
चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा, "चीन सरकार अपनी राष्ट्रीय संप्रभुता, सुरक्षा और विकास हितों की रक्षा के लिए दृढ़ है।"
फिलीपीन के अधिकारियों ने कहा कि टॉलेंटिनो पर प्रतिबंध लगाना "आपसी सम्मान के मानदंडों के साथ असंगत" है।
मनीला में विदेश मामलों के विभाग ने शुक्रवार को चीन के राजदूत हुआंग ज़िलियन को तलब किया और उन्हें चीन के प्रतिबंधों पर अपनी चिंता से अवगत कराया।
बयान में कहा गया, "इस तरह के प्रतिबंध लगाना चीन के कानूनी विशेषाधिकार के अंतर्गत आता है, लेकिन लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित अधिकारियों के खिलाफ उनके आधिकारिक कार्यों के लिए दंडात्मक उपाय लागू करना दो समान संप्रभु देशों के बीच आपसी सम्मान और संवाद के मानदंडों के साथ असंगत है।’’
सीनेट में टॉलेंटिनो का कार्यकाल पिछले महीने समाप्त हो गया था। उन्होंने दो विधेयक पेश किए थे - ‘फिलीपीन मैरीटाइम ज़ोन एक्ट’ और ‘फिलीपीन आर्किपेलजिक सी लेन्स एक्ट’ - जो फिलीपीन के अपतटीय क्षेत्रों की सीमा और दक्षिण चीन सागर सहित संसाधनों के अधिकार की पुष्टि करते हैं। वह फिर से चुनाव लड़े लेकिन हार गए।
फिलीपीन के राष्ट्रपति फर्डिनेंड मार्कोस जूनियर ने नवंबर में दोनों विधेयकों पर हस्ताक्षर किए थे, जिससे चीन नाराज हो गया था। चीन विवादित जलमार्ग के लगभग सम्पूर्ण हिस्से पर अपना दावा करता है।
टॉलेंटिनो ने चीन पर मई में फिलीपीन में हुए मध्यावधि चुनावों में हस्तक्षेप करने की योजना बनाने का भी आरोप लगाया, तथा जब वह सांसद थे, तब उन्होंने कथित चीनी जासूसी की जांच भी शुरू की थी।
एपी आशीष