उप्र में फॉर्च्यून 500 कंपनियों और एफडीआई को आकर्षित करने के लिए दिए जा रहे विशेष प्रोत्साहन
आनन्द, रवि कांत रवि कांत अनुराग
- 18 May 2025, 07:14 PM
- Updated: 07:14 PM
लखनऊ, 18 मई (भाषा) उत्तर प्रदेश में फॉर्च्यून 500 कंपनियों और प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) को आकर्षित करने के लिए सरकार विशेष प्रोत्साहन दे रही है। रविवार को एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गई।
बयान में कहा गया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व की सरकार की वैश्विक क्षमता केंद्र (जीसीसी) नीति 2024 उत्तर प्रदेश को वैश्विक कारोबारी मानचित्र पर एक नया मुकाम दिलाने की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करने जा रही है।
यह नीति नोएडा, लखनऊ, कानपुर और वाराणसी जैसे शहरों को प्रौद्योगिकी और डिजिटल सेवा केंद्र के रूप में स्थापित करेगी, जिससे अगले पांच वर्षों में दो लाख से अधिक उच्च-वेतन वाली नौकरियां सृजित होंगी।
बयान के अनुसार, इस नीति के तहत फॉर्च्यून 500 कंपनियों और विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (एफडीआई) को आकर्षित करने के लिए विशेष प्रोत्साहन प्रदान किए जाएंगे। विशेषज्ञों का मानना है कि जीसीसी नीति न केवल आर्थिक वृद्धि को गति देगी, बल्कि युवाओं को उच्च-कुशल रोजगार के अवसर भी प्रदान करेगी। योगी सरकार की इस नीति के माध्यम से उत्तर प्रदेश को एक लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के संकल्प को भी मजबूती मिलेगी।
बयान के अनुसार, नीति में लेवल-1 और एडवांस्ड जीसीसी के लिए स्पष्ट मानदंड निर्धारित किए गए हैं। लेवल-1 के लिए गौतमबुद्ध नगर और गाजियाबाद के बाहर 15 करोड़ रुपये या 500 कर्मचारियों, और इन जिलों में 20 करोड़ रुपये का निवेश जरूरी है। एडवांस्ड जीसीसी के लिए 50 करोड़ रुपये (गौतमबुद्ध नगर/गाजियाबाद के बाहर) या 75 करोड़ रुपये (इन जिलों में) और 1000 कर्मचारियों की पात्रता है। यह छोटे और बड़े निवेशकों को समान अवसर प्रदान करता है।
उप्र सरकार ने निवेशकों का भरोसा जीतने के लिए उदार प्रोत्साहन पेश किए हैं। भूमि पर 30-50 प्रतिशत सब्सिडी, 100 प्रतिशत स्टांप ड्यूटी छूट, 25 प्रतिशत पूंजीगत सब्सिडी (लेवल-1 के लिए 10 करोड़, एडवांस्ड के लिए 25 करोड़ रुपये), एसजीएसटी प्रतिपूर्ति, पांच प्रतिशत ब्याज सब्सिडी, 20 प्रतिशत परिचालन सब्सिडी (लेवल-1 के लिए 40 करोड़, एडवांस्ड के लिए 80 करोड़ रुपये) और पेरोल सब्सिडी (प्रति कर्मचारी 1.8 लाख रुपये तक) जैसे प्रावधान लागत कम करेंगे और निवेश को बढ़ावा देंगे।
फॉर्च्यून ग्लोबल 500/इंडिया 500 कंपनियों और 100 करोड़ रुपये से अधिक के एफडीआई वाले जीसीसी के लिए अनुकूलित प्रोत्साहन पैकेज दिए जाएंगे। यह वैश्विक दिग्गजों को उप्र की ओर आकर्षित करने की रणनीति का हिस्सा है।
नीति में स्टार्टअप आइडिएशन के लिए 50 प्रतिशत लागत प्रतिपूर्ति (दो करोड़ रुपये तक), पेटेंट के लिए 5-10 लाख रुपये की आईपीआर सब्सिडी और उत्कृष्टता केंद्रों के लिए 10 करोड़ रुपये तक का अनुदान शामिल है। यह उप्र को तकनीकी नवाचार का केंद्र बनाएगा।
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