बीते सप्ताह सरसों, मूंगफली तेल-तिलहन में सुधार, सोयाबीन, पाम-पामोलीन के भाव गिरे
राजेश अजय
- 18 May 2025, 10:00 AM
- Updated: 10:00 AM
नयी दिल्ली, 18 मई (भाषा) मंडियों में कम आवक और मांग बढ़ने के बीच बीते सप्ताह देश के तेल-तिलहन बाजार में सरसों तेल-तिलहन, हल्की मांग के बीच पहले से ही न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से काफी नीचे दाम पर बिक रहे मूंगफली तेल-तिलहन और नगण्य उपलब्धता के बीच हल्की मांग के कारण बिनौला तेल कीमतों में सुधार दर्ज हुआ।
वहीं आयात शुल्क मूल्य में कटौती की वजह से सोयाबीन तेल-तिलहन और कच्चे पामतेल (सीपीओ) एवं पामोलीन तेल के दाम में गिरावट आई।
बाजार सूत्रों ने कहा कि सामान्य तौर पर इस समय पिछले वर्षों में सरसों की आवक 8-10 लाख बोरी के बीच हुआ करती थी लेकिन समीक्षाधीन सप्ताहांत में यह मात्र लगभग 3.60 लाख बोरी की रह गई। आवक घटने और आगामी बरसात के दिनों में अचार कंपनियों की मांग बढ़ने के कारण बीते सप्ताह सरसों तेल-तिलहन कीमतों में सुधार आया।
उन्होंने कहा कि कच्ची घानी की बड़ी तेल पेराई मिलें खुदरा में ऊंचे दाम के साथ तेल बेचती हैं लेकिन छोटी तेल पेराई मिलों को टैंकर में लदान के लिए अपेक्षाकृत कमजोर थोक दाम पर बिक्री से नुकसान उठाना पड़ता है।
सरसों तेल का कोई विकल्प नहीं है और विदेशी खाद्य तेलों की घट-बढ़ का इसपर अधिक असर नहीं होता है।
सूत्रों ने कहा कि खुदरा मंडियों में मूंगफली तेल का हाजिर दाम भी एमएसपी से काफी कम है। नेफेड अगर अपनी बिकवाली रोक दे तो इसके दाम तुरंत संभाले जा सकते हैं। थोड़ी मांग निकलने के बीच पहले से काफी नीचे दाम पर बिकने वाले मूंगफली तेल-तिलहन कीमत में भी सुधार आया। बेशक पिछले सप्ताहांत के मुकाबले मूंगफली में सुधार है मगर इसे सुधार कहना उचित नहीं होगा क्योंकि एमएसपी को देखते हुए मूंगफली तेल-तिलहन के दाम कमजोर ही बने हुए हैं।
उन्होंने कहा कि किसानों को कपास के अच्छे दाम मिल रहे हैं जिससे इसकी आगे बिजाई बढ़ने की उम्मीद की जा सकती है। मांग होने की वजह से बिनौला तेल कीमत में भी बीते सप्ताह सुधार आया।
सूत्रों ने कहा कि सरकार की ओर से कच्चे पामतेल (सीपीओ) के आयात शुल्क मूल्य में 123 रुपये क्विंटल, पामोलीन के आयात शुल्क मूल्य में 244 रुपये क्विंटल और सोयाबीन के आयात शुल्क मूल्य में 53 रुपये क्विंटल की कमी की गई है। जिसकी वजह से सोयाबीन तेल-तिलहन और सीपीओ एवं पामोलीन तेल कीमतों में गिरावट दर्ज हुई।
उन्होंने कहा कि कुछ तेल संगठन की मांग थी कि सीपीओ के मुकाबले पामोलीन के आयात शुल्क मूल्य का अंतर अधिक बढ़ाया जाये। लेकिन देखने में यह सामने आता है कि कच्चे तेल पर कम कटौती की गई है और रिफाइंड यानी पामोलीन के आयात शुल्क मूल्य में लगभग दोगुनी कटौती की गई है।
इससे बंदरगाहों पर लगे खाद्य तेल प्रसंस्करण करने वाले तेल संयंत्रों का कामकाज प्रभावित होगा जो पहले ही परेशानी से गुजर रहे थे। जाहिर सी बात है कि जब रिफाइंड तेल सस्ता होगा तो कौन महंगे में कच्चा तेल मंगायेगा। स्थानीय मिलों का कामकाज ठप पड़ने का खतरा और बढ़ जायेगा।
आयात शुल्क मूल्य में बीते सप्ताहांत की गई कटौती की वजह से समीक्षाधीन सप्ताह में सोयाबीन तेल-तिलहन तथा सीपीओ एवं पामोलीन तेल कीमतों में गिरावट आई।
बीते सप्ताह सरसों दाने का थोक भाव 40 रुपये के सुधार के साथ 6,525-6,600 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ। जबकि, सरसों दादरी तेल का थोक भाव 125 रुपये के सुधार के साथ 13,850 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ। सरसों पक्की और कच्ची घानी तेल का भाव क्रमश: 10 और 20 रुपये के सुधार के साथ क्रमश: 2,445-2,545 रुपये और 2,445-2,580 रुपये टिन (15 किलो) पर बंद हुआ।
समीक्षाधीन सप्ताह में सोयाबीन दाने और सोयाबीन लूज का थोक भाव क्रमश: 150 और 100 रुपये की गिरावट के साथ क्रमश: 4,450-4,500 रुपये और 4,200-4,250 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ। इसी प्रकार, सोयाबीन दिल्ली एवं सोयाबीन इंदौर और सोयाबीन डीगम के दाम क्रमश: 300 रुपये, 200 रुपये और 200 रुपये घटकर क्रमश: 13,250 रुपये, 13,100 रुपये और 9,250 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुए।
समीक्षाधीन सप्ताह में मूंगफली तेल-तिलहन के भाव भी मजबूत बंद हुए। मूंगफली तिलहन का दाम 25 रुपये की मजबूती के साथ 5,775-6,150 रुपये क्विंटल, मूंगफली तेल गुजरात और मूंगफली साल्वेंट रिफाइंड तेल का भाव क्रमश: 50 और 10 रुपये की मजबूती के साथ क्रमश: 14,150 रुपये क्विंटल और 2,260-2,560 रुपये प्रति टिन पर बंद हुआ।
सूत्रों ने कहा कि आयात शुल्क मूल्य घटाने के बाद सीपीओ 25 रुपये की गिरावट के साथ 11,775 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ। पामोलीन दिल्ली का भाव 200 रुपये की गिरावट के साथ 13,100 रुपये प्रति क्विंटल तथा पामोलीन एक्स कांडला तेल का भाव 300 रुपये की गिरावट के साथ 12,000 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ।
मांग में मामूली वृद्धि के कारण, समीक्षाधीन सप्ताह में बिनौला तेल भी 100 रुपये बढ़कर 13,350 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ।
भाषा राजेश