‘ऑपरेशन सिंदूर’ में आईसी-814 के साजिशकर्ता समेत शीर्ष आतंकवादी मारे गए
आशीष पारुल
- 10 May 2025, 06:23 PM
- Updated: 06:23 PM
नयी दिल्ली, 10 मई (भाषा) ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत सात मई को पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी ठिकानों पर भारतीय सैन्य बलों के हमलों में इन संगठनों के पांच शीर्ष वांछित आतंकवादियों को ढेर कर दिया गया। अधिकारियों ने शनिवार को बताया कि मारे गए आतंकियों में 1999 में विमान आईसी-814 के अपहरण का मास्टरमाइंड भी शामिल है।
अधिकारियों के मुताबिक, इन आतंकियों के जनाजे में पाकिस्तान के वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों और पुलिसकर्मियों ने हिस्सा लिया तथा पाकिस्तान के पंजाब प्रांत की मुख्यमंत्री मरयम नवाज की ओर से फूल चढ़ाए गए, जिससे आतंकवादी संगठनों के साथ पाकिस्तान सरकार की मिलीभगत का खुला प्रमाण मिलता है।
केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा तैयार की गई आतंकवादियों की सर्वाधिक वांछित सूची में 21वें नंबर पर सूचीबद्ध मोहम्मद यूसुफ अजहर जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) के प्रमुख मौलाना मसूद अजहर का रिश्तेदार था।
युसूफ अजहर इंडियन एयरलाइंस के विमान आईसी-814 के अपहरण का मास्टरमाइंड था, जिसमें मसूद अजहर को दो अन्य आतंकवादियों के साथ इंडियन एयरलाइंस के विमान के यात्रियों और चालक दल के सदस्यों के बदले में रिहा किया गया था। विमान को आतंकवादियों द्वारा दक्षिणी अफगानिस्तान के कंधार ले जाया गया था।
यूसुफ अजहर अपने परिवार के सदस्यों के साथ जैश-ए-मोहम्मद के बहावलपुर मुख्यालय में मौजूद था, जब भारतीय सशस्त्र बलों ने अड्डे पर सटीक हमला किया और उसे मलबे में तब्दील कर दिया। इस जगह पर यूसुफ अजहर आतंकवादियों को हथियार का प्रशिक्षण देता था।
अधिकारियों ने बताया कि मसूद अजहर का एक अन्य रिश्तेदार हाफिज मोहम्मद जमील भी हमले में मारा गया। वह बहावलपुर में मरकज सुभान अल्लाह का प्रभारी था, जो जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादियों के लिए एक बड़ा प्रशिक्षण केंद्र था।
जमील युवाओं को कट्टरपंथी बनाने और जैश-ए-मोहम्मद के लिए धन जुटाने में सक्रिय रूप से शामिल था।
लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) का आतंकवादी मुदस्सर खादियन खास उर्फ मुदस्सर उर्फ अबू जुंदाल मरकज तैयबा, मुरीदके का प्रभारी था। आतंकी संगठन के मुख्य अड्डे पर भारतीय सुरक्षा बलों द्वारा किए गए हमले में वह मारा गया।
मुदस्सर खादियन के अंतिम संस्कार ने पाकिस्तान सरकार और आतंकवाद के बीच सक्रिय मिलीभगत को उजागर कर दिया, जब सोशल मीडिया पर उसे पाकिस्तानी सेना द्वारा ‘गार्ड ऑफ ऑनर’ दिए जाने का वीडियो सामने आया।
यह देखा गया कि पाकिस्तान के सेना प्रमुख और पंजाब की मुख्यमंत्री मरयम नवाज की ओर से फूल चढ़ाए गए। मरयम पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की बेटी और प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की भतीजी हैं।
एक सरकारी स्कूल में जनाजे की नमाज का नेतृत्व जमात अल-दावा के हाफिज अब्दुल रऊफ ने किया और इसमें पाकिस्तानी सेना के एक सेवारत लेफ्टिनेंट जनरल और पंजाब पुलिस के महानिरीक्षक शामिल हुए, जो इस बात का ठोस सबूत है कि सरकार की आतंकवादियों के साथ मिलीभगत है। रऊफ घोषित वैश्विक आतंकवादी है।
लश्कर का आतंकवादी खालिद उर्फ अबू अकाशा जम्मू-कश्मीर में कई आतंकवादी हमलों में शामिल था, इसके अलावा वह अफगानिस्तान से हथियारों की तस्करी भी करता था। फैसलाबाद में उसके अंतिम संस्कार में पाकिस्तानी सेना के वरिष्ठ अधिकारी और फैसलाबाद के उपायुक्त शामिल हुए।
पीओके में जैश-ए-मोहम्मद के ऑपरेशनल कमांडर मुफ्ती असगर खान कश्मीरी के बेटे मोहम्मद हसन खान को भी इस हमले में मार गिराया गया। अधिकारियों ने बताया कि खान ने जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी हमलों के समन्वय में अहम भूमिका निभाई थी।
भाषा आशीष