भारत के साथ समझौता,सबसे पहले हस्ताक्षर किए जाने वाले पहले व्यापार समझौतों में से एक होगा:बेसेंट
निहारिका मनीषा
- 29 Apr 2025, 02:00 PM
- Updated: 02:00 PM
वाशिंगटन, 29 अप्रैल (भाषा) अमेरिका के वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट ने कहा कि भारत, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के जवाबी शुल्क से बचने के लिए अमेरिका के साथ द्विपक्षीय व्यापार समझौते को अंतिम रूप देने वाले पहले देशों में शामिल हो सकता है।
बेसेंट ने ये टिप्पणियां सोमवार को सीएनबीसी के ‘स्क्वाक बॉक्स’ के साथ साक्षात्कार में की। उन्होंने साथ ही राष्ट्रपति ट्रंप की अन्य देशों के साथ व्यापार वार्ता के नवीनतम घटनाक्रम पर भी चर्चा की।
बेसेंट ने कहा, ‘‘ हमारे एशियाई व्यापारिक साझेदारों के साथ बातचीत बेहद अच्छी तरह जारी है। (अमेरिका के) उप राष्ट्रपति (जेडी) वेंस पिछले सप्ताह भारत में थे और उन्होंने प्रगति पर चर्चा की। मैंने पहले भी बताया है कि कोरिया गणराज्य के साथ बातचीत बहुत अच्छी रही है। मुझे लगता है कि हमने जापान के अपने सहयोगियों के साथ भी सार्थक बातचीत की है।’’
सीएनबीसी की खबर के अनुसार, बेसेंट ने कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप की सभी देशों पर 10 प्रतिशत मूल शुल्क लागू करने लेकिन व्यक्तिगत व्यापारिक साझेदारों पर आक्रामक शुल्क को 90 दिन के लिए टालने की घोषणा के बाद से अमेरिका ने कई वार्ताओं में प्रगति की है।
उन्होंने साथ ही भारत सहित 15 से 18 ‘‘महत्वपूर्ण व्यापार साझेदारों’’ के साथ आने वाले दिनों में संभावित समझौते होने का संकेत दिया। उन्होंने हालांकि कहा कि यह बातचीत पर निर्भर करता है।
उन्होंने कहा, ‘‘ कई देश सामने आए हैं और उन्होंने कुछ बहुत अच्छे प्रस्ताव पेश किए हैं और हम उनका मूल्यांकन कर रहे हैं।’’
बेसेंट ने कहा, ‘‘ मेरा अनुमान है कि भारत के साथ व्यापार समझौता उन समझौतों में से एक होगा जिन पर हम सबसे पहले हस्ताक्षर करेंगे। इसलिए इस क्षेत्र पर नजर रखें।’’
चीन के संदर्भ में मंत्री ने कहा कि व्यापार समझौते पर पहुंचने की जिम्मेदारी उसकी है।
उन्होंने साक्षात्कार में कहा, ‘‘ मेरा मानना है कि तनाव कम करना चीन पर निर्भर है, क्योंकि हम जितना सामान उन्हें बेचते हैं.. उससे पांच गुना अधिक सामान वे हमें बेचते हैं। इसलिए यह 120 प्रतिशत, 145 प्रतिशत शुल्क स्थायी नहीं हैं।’’
खबरों के अनुसार, अमेरिका की व्यापक स्तर पर शुल्क की घोषणा के बाद करीब 75 देशों ने व्यापार समझौतों के लिए उससे संपर्क किया है।
भाषा निहारिका