पूरी उम्मीद है कि केंद्र सरकार भूस्खलन प्रभावित लोगों के लिए जरूरी सहायता प्रदान करेगी: अब्दुल्ला
योगेश माधव
- 22 Apr 2025, 05:01 PM
- Updated: 05:01 PM
रामबन (जम्मू-कश्मीर), 22 अप्रैल (भाषा) जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने मंगलवार को कहा कि वह केंद्र सरकार से रामबन को आपदा क्षेत्र घोषित करने का आग्रह करेंगे।
मुख्यमंत्री अब्दुल्ला ने उम्मीद जताई कि प्रभावित लोगों को राहत पहुंचाने के लिए केंद्र से पर्याप्त सहायता मिलेगी।
पिछले दो दिनों में आपदा प्रभावित इलाकों का यह मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला का दूसरा दौरा था।
मुख्यमंत्री ने आपदा प्रभावित क्षेत्र की जमीनी स्थिति का जायजा लिया और प्रभावित परिवारों से मुलाक़ात की।
अब्दुल्ला ने कहा कि जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर सड़क साफ करने का काम युद्ध स्तर पर जारी है और अधिकारियों ने उन्हें आश्वासन दिया है कि कश्मीर को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ने वाला यह एकमात्र मार्ग अगले 24 घंटों में एक तरफा यातायात के लिए खोल दिया जाएगा।
अब्दुल्ला ने संवाददाताओं से कहा, "प्रशासन की पहली प्राथमिकता लोगों की जान बचाना था, जो अपने घरों और वाहनों में फंसे हुए थे और यह काम सफलतापूर्वक किया गया। दूसरी प्राथमिकता बंद सड़कों को खोलना है ताकि संपर्क बहाल हो सके। इसके लिए मशीनरी तैनात कर दी गई है और मुझे आश्वासन दिया गया कि 24 घंटे में राजमार्ग एकतरफा यातायात के लिए खोल दिया जाएगा, उसके बाद अन्य क्षेत्रों में जमा हुए भारी कीचड़ को हटाने का काम किया जाएगा।"
अब्दुल्ला ने कहा, "हम कोशिश कर रहे हैं कि आपदा से प्रभावित लोगों को तब तक किसी सुरक्षित जगह पर रखा जाए जब तक उनके घर दोबारा नहीं बन जाते; उपायुक्त (बसीर-उल-हक चौधरी) को रेड क्रॉस के नियमों के तहत तुरंत मदद देने को कहा गया है और जब हालात सामान्य हो जाएंगे, तब हम यह तय करेंगे कि उन्हें
राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष (एसडीआरएफ) और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया कोष (एनडीआरएफ) जैसी सरकारी राहत योजनाओं से कितनी मदद मिल सकती है, साथ ही हम केंद्र सरकार से रामबन को 'आपदा क्षेत्र' घोषित करने की मांग भी करेंगे और मुझे पूरा भरोसा है कि केंद्र से जरूरी मदद मिलेगी।"
इस प्राकृतिक आपदा में तीन लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि मकानों, वाहनों और महत्वपूर्ण सड़कों को व्यापक नुकसान पहुंचा है।
अब्दुल्ला अपने राजनीतिक सलाहकार नासिर असलम वानी के साथ आज सुबह हेलीकॉप्टर से रामबन के चंद्रकोट क्षेत्र पहुंचे और स्थिति का आकलन करने के लिए तुरंत भूस्खलन प्रभावित सेरी के लिए रवाना हो गए।
रामबन के उपायुक्त बसीर-उल-हक चौधरी ने मुख्यमंत्री को स्थिति की जानकारी दी।
मुख्यमंत्री ने रामबन बाजार के अपने दौरे के दौरान अचानक अपना काफिला रोका और उन स्थानीय लोगों से मुलाक़ात की, जिन्होंने बादल फटने की घटना के बाद अपने घरों को हुए नुकसान के कारण तुरंत मदद की मांग करते हुए उनका काफिला रोक लिया था।
मुख्यमंत्री ने कहा, "मैं आपकी चिंताओं को सुनने के लिए यहां हूं और आपको आश्वासन देता हूं कि हम आपके जीवन को फिर से पटरी पर लाने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे।"
भीड़ में से एक आक्रोशित महिला ने कहा, "बादल फटने से हमारा घर बह गया, लेकिन प्रशासन की ओर से अभी तक किसी ने कोई मदद नहीं की है। अगर सरकार हमारी बात नहीं सुनेगी तो कौन सुनेगा? हमने उन्हें चुना है और हमें राहत पहुंचाना उनकी जिम्मेदारी है।"
आपदा प्रभावितों नेनारेबाजी की और कहा, "हमारी मांगें पूरी करो।"
एक अन्य स्थानीय निवासी ने बताया कि इलाके में हालात अब भी बहुत खराब हैं। प्रशासन की तरफ से अभी तक कोई राहत नहीं पहुंचाई गई है, न ही बिजली और पानी जैसी ज़रूरी सुविधाएं बहाल की गई हैं।
उन्होंने कहा, "पहले दिन (रविवार) उपमुख्यमंत्री ने दो संबंधित विधायकों के साथ जिले का दौरा किया। सोमवार को मैं श्रीनगर से सड़क मार्ग से आया था और आज मैं फिर से यह सुनिश्चित करने के लिए यहां आया हूं कि बहाली का काम जितनी जल्दी हो सके पूरा हो जाए।"
प्रदर्शन के लिए स्थानीय भाजपा नेताओं को परोक्ष रूप से दोषी ठहराते हुए अब्दुल्ला ने कहा, "मैं यहां घूम रहे भाजपा उम्मीदवार से अनुरोध करना चाहूंगा कि वह इस तरह की राजनीति यहां के बजाय दिल्ली में करें। इसके बजाय, उन्हें केंद्र से विशेष पैकेज मांगना चाहिए।"
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि कई लोगों ने शिकायत की है कि राजमार्ग निर्माण कार्यों के दौरान पुलियाओं को अवरुद्ध करना इस त्रासदी का मुख्य कारण है।
उन्होंने कहा, "मैं केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से संपर्क करूंगा और उन्हें भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के अधिकारियों के साथ यहां लाऊंगा ताकि राजमार्ग की स्थिरता के लिए नए सिरे से समीक्षा की जा सके।"
उन्होंने कहा कि राजमार्ग ठेकेदारों को यह सुनिश्चित करना होगा कि लोगों को उनके गलत फैसलों की कीमत न चुकानी पड़े। यह सड़क हमारी सुविधा के लिए बनाई गई है और अगर यह सड़क हमारे लिए हानिकारक साबित होती है, तो इस सड़क का क्या फायदा है।
पीड़ित परिवारों से मिलने के अलावा अब्दुल्ला ने उपायुक्त कार्यालय में अधिकारियों की बैठक की भी अध्यक्षता की।
भाषा
योगेश