उद्धव ठाकरे ‘आधुनिक दुर्योधन’ : शिवसेना
रंजन दिलीप
- 21 Apr 2025, 04:28 PM
- Updated: 04:28 PM
ठाणे, 21 अप्रैल (भाषा) शिवसेना ने सोमवार को शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे को ‘‘आधुनिक दुर्योधन’’ करार दिया और उन पर आरोप लगाया कि उन्होंने अपने चचेरे भाई राज ठाकरे को बाल ठाकरे की अविभाजित शिवसेना में कभी उभरने नहीं दिया।
शिवसेना प्रवक्ता और ठाणे के सांसद नरेश म्हस्के ने संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए दावा किया कि उद्धव ठाकरे का मनसे प्रमुख राज ठाकरे के प्रति हालिया झुकाव, शिवसेना (यूबीटी) के घटते मतदाता आधार के मद्देनजर, प्रासंगिक बने रहने की उनकी हताशा को दर्शाता है।
यह तीखी आलोचना अलग हुए चचेरे भाइयों उद्धव और राज ठाकरे द्वारा दिए गए उन बयानों के बाद आई है, जिसने संभावित सुलह के बारे में अटकलें तेज कर दी हैं। इन बयानों में उन्होंने संकेत दिया कि वे "तुच्छ मुद्दों" को नजरअंदाज कर सकते हैं और अलग होने के लगभग दो दशक बाद हाथ मिला सकते हैं।
म्हस्के ने आरोप लगाया, ‘‘शिवसेना (यूबीटी) के पास भीड़ जुटाने वाले नेता नहीं हैं। इस अहसास ने उन्हें राज ठाकरे की ओर रुख करने के लिए प्रेरित किया है। पार्टी लोकसभा और राज्यसभा दोनों में अस्तित्व के संकट का सामना कर रही है।’’
उद्धव ठाकरे को "आधुनिक दुर्योधन" करार देते हुए म्हस्के ने कहा, ‘‘उन्होंने अपने भाई राज ठाकरे को पार्टी में कभी आगे नहीं बढ़ने दिया, तब भी नहीं जब बालासाहेब ठाकरे ने उन्हें महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां देने का प्रस्ताव दिया था। उद्धव ने इसका पुरजोर विरोध किया था।’’
म्हस्के ने कहा कि राज ठाकरे शिवसेना (यूबीटी) के जाल में नहीं फंसेंगे। उन्होंने कहा, "उन्हें अविभाजित शिवसेना से बाहर निकाल दिया गया था। अब वे चाहते हैं कि वह डूबते जहाज पर सवार हों- लेकिन राज भोले-भाले नेता नहीं हैं।"
उन्होंने वक्फ अधिनियम पर शिवसेना (यूबीटी) के रुख का हवाला देकर उसपर हिंदुत्व को लेकर ‘‘दोहरे मानदंड’’ अपनाने का भी आरोप लगाया।
म्हस्के ने आरोप लगाया, "उन्होंने वक्फ (संशोधन) विधेयक का समर्थन नहीं किया। वे राजनीतिक लाभ के लिए कक्षा 1 से 5 तक हिंदी को शिक्षण माध्यम के रूप में पेश करने का भी विरोध कर रहे हैं। हिंदी कक्षा 5 के बाद पहले से ही पढ़ाई जाती है। वे केवल वोट के लिए माहौल बनाने की कोशिश कर रहे हैं।’’
म्हस्के ने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए उन्हें एक ऐसा नेता बताया, जो देश के बाहर बयान देते हैं, लेकिन संसद में महत्वपूर्ण मुद्दे उठाने में विफल रहते हैं।
उन्होंने कहा कि शिवसेना (यूबीटी) झूठी कहानियां गढ़ रही है, क्योंकि वे उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की बढ़ती लोकप्रियता से घबरा गए हैं।
भाषा रंजन