पोप फ्रांसिस के निधन पर राजनीतिक नेताओं ने जताया शोक
प्रशांत नेत्रपाल
- 21 Apr 2025, 08:12 PM
- Updated: 08:12 PM
नयी दिल्ली, 21 अप्रैल (भाषा) देश भर के राजनीतिक और धार्मिक नेताओं ने पोप फ्रांसिस के निधन पर शोक व्यक्त किया और उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।
पोप का सोमवार को निधन हो गया था। वह 88 वर्ष के थे।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि पोप फ्रांसिस के निधन से उन्हें गहरा दुख पहुंचा है। उन्होंने कहा कि दुनिया भर में लाखों लोग उन्हें हमेशा करुणा और आध्यात्मिक साहस के प्रतीक के रूप में याद रखेंगे।
मोदी ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, “दुख और स्मरण की इस घड़ी में, वैश्विक कैथोलिक समुदाय के प्रति मेरी हार्दिक संवेदनाएं।”
प्रधानमंत्री ने कहा, “छोटी उम्र से ही उन्होंने प्रभु ईसा मसीह के आदर्शों को साकार करने के लिए खुद को समर्पित कर दिया था। उन्होंने गरीबों और वंचितों की लगन से सेवा की।”
मोदी ने कहा कि भारत के लोगों के प्रति उनका स्नेह हमेशा स्मरणीय रहेगा।
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि पोप की “करुणा और बेहतर विश्व के निर्माण के प्रति प्रतिबद्धता” पोप के तौर पर उनके कार्यों को परिभाषित करती है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि फ्रांसिस को मानव समाज, विशेष रूप से गरीबों और हाशिए पर पड़े लोगों के प्रति उनकी उल्लेखनीय सेवा के लिए याद किया जाएगा।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को पोप फ्रांसिस के निधन पर शोक व्यक्त किया और इसे “मानवता के लिए क्षति” बताया। उन्होंने कहा, “हम उनके निधन से दुखी हैं, जो एक बड़ी क्षति है।”
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में पोप फ्रांसिस के निधन पर शोक व्यक्त किया और कहा कि उनका जीवन गरीबों के लिए करुणा तथा दुनिया के लिए उम्मीद था।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने पोप फ्रांसिस के निधन पर दुख जताते हुए कहा कि वह अंतर-धार्मिक मेलजोल के पैरोकार और उत्कृष्ट मानवतावादी थे जो अपने पीछे एक अत्यंत मूल्यवान विरासत छोड़कर गए हैं।
खरगे ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘पोप फ्रांसिस के निधन से पूरी दुनिया दुखी है। उन्हें भावी पीढ़ी बेहद प्रभावशाली व्यक्तित्व के रूप में देखेगी। वह अंतर-धार्मिक समझ और संपर्क के निरंतर समर्थक थे। वह वैश्विक शांति और सद्भाव की दिशा में काम करने वाली बहुत प्रभावशाली शक्ति थे, जिन्होंने सभी प्रकार के भेदभाव को समाप्त करने, आर्थिक असमानताओं को कम करने और जलवायु परिवर्तन के प्रभावों से निपटने के लिए सहयोगात्मक प्रयासों जैसे कार्यों का सक्रिय रूप से समर्थन किया।’’
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘करुणा, न्याय और शांति की वैश्विक आवाज पोप फ्रांसिस के निधन पर गहरा दुख हुआ। वह कमजोर और हाशिये पर पड़े लोगों के साथ खड़े रहे, असमानता के खिलाफ निडर होकर बात की और प्रेम एवं मानवता के अपने संदेश से विभिन्न धर्मों के लाखों लोगों को प्रेरित किया।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मेरी संवेदनाएं भारत और दुनिया भर में कैथोलिक समुदाय के साथ हैं।’’
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने कहा कि पोप फ्रांसिस “सत्य के लिए खड़े रहे” और “अन्याय के खिलाफ निडरता से बोले”।
उन्होंने कहा कि वे उन लोगों के लिए प्रेरणा थे जो “अधिक शांतिपूर्ण और दयालु दुनिया की आशा करते हैं तथा इसके लिए प्रयास करते हैं”।
असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने कहा कि वह “कमजोर वर्ग के लोगों की मजबूत आवाज थे और चर्च में महत्वपूर्ण सुधार लेकर आए। उन्होंने अपनी विनम्रता और अंतिम सांस तक काम करने के समर्पण से कैथोलिक चर्च से परे लाखों लोगों को प्रेरित किया।”
मिजोरम के मुख्यमंत्री लालदुहोमा ने सोमवार को पोप फ्रांसिस के निधन पर शोक व्यक्त किया और मानवता के लिए उनके महान योगदान को याद किया।
लालदुहोमा ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, “मैं परम पावन पोप फ्रांसिस के निधन पर गहरा दुख व्यक्त करता हूं।”
केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने कहा कि अर्जेंटीना के ब्यूनस आयर्स, जहां फ्रांसिस का जन्म हुआ था, में उनके अनुभवों ने गरीबी के बारे में उनकी समझ को आकार दिया, जिसके कारण उन्होंने घोषणा की कि “उदासीनता के वैश्वीकरण” का मुकाबला जरूरतमंदों के प्रति सक्रिय करुणा से किया जाना चाहिए।
केरल प्रदेश कांग्रेस कमेटी (केपीसीसी) के प्रमुख सुधाकरन ने घोषणा की कि पार्टी सम्मान के तौर पर तीन दिन का आधिकारिक शोक मनाएगी। उन्होंने कहा कि 23 अप्रैल को केपीसीसी कार्यकारिणी की बैठक समेत अगले तीन दिन के लिए निर्धारित सभी पार्टी कार्यक्रम स्थगित कर दिए गए हैं।
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने फ्रांसिस की सराहना करते हुए कहा कि वह एक परिवर्तनकारी व्यक्ति थे, जिन्होंने सहानुभूति और प्रगतिशील मूल्यों के साथ कैथोलिक चर्च का नेतृत्व किया।
ओडिशा के राज्यपाल हरि बाबू कंभमपति और मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने संकटग्रस्त लोगों के प्रति पोप की करुणा की प्रशंसा की।
माझी ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, “रोमन कैथोलिक चर्च के पहले लातिन अमेरिकी नेता के रूप में उन्होंने एकता और प्रेम के अपने संदेश से दुनिया भर में लाखों लोगों को प्रेरित किया। वैश्विक कैथोलिक समुदाय के प्रति मेरी हार्दिक संवेदना।’’
कैथोलिक नेता को श्रद्धांजलि देते हुए तृणमूल कांग्रेस के नेता डेरेक ओ ब्रायन ने कहा कि पोप फ्रांसिस हमेशा सही मुद्दों के लिए आवाज उठाते रहे।
गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने पोप फ्रांसिस को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि मानवता के उत्थान के लिए उनकी अटूट प्रतिबद्धता सीमाओं और धर्मों से परे है।
सावंत ने ‘एक्स’ पर लिखा, “परम पूज्य पोप फ्रांसिस के निधन के बारे में जानकर बहुत दुख हुआ। शांति, करुणा और मानवता के उत्थान के लिए उनकी अटूट प्रतिबद्धता सीमाओं और धर्मों से परे थी।”
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भी पोप फ्रांसिस के निधन पर दुख व्यक्त किया। सोरेन ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, “परम पूज्य पोप फ्रांसिस के निधन की खबर सुनकर बहुत दुख हुआ। उनका जीवन करुणा, आशा और विनम्रता का प्रमाण था। उनकी आत्मा को शांति मिले।”
वहीं, सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग ने भी सोमवार को पोप फ्रांसिस के निधन पर शोक व्यक्त किया।
तमांग ने कहा, “परम पूज्य पोप फ्रांसिस के निधन के बारे में जानकर बहुत दुख हुआ। उनकी गहन बुद्धिमत्ता, करुणा और शांति एवं एकता के लिए उनके अथक प्रयास ने दुनिया भर में अनगिनत लोगों के जीवन को प्रभावित किया।”
पोप फ्रांसिस के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड के संगमा ने कहा कि उनका जीवन विनम्रता, प्रेम और करुणा का प्रतीक था, जिसने अनगिनत लोगों को प्रेरित किया है।
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने पोप फ्रांसिस के निधन पर शोक व्यक्त किया और कहा कि उन्होंने अपनी विनम्रता, करुणा और शांति के संदेश से लाखों लोगों को प्रेरित किया।
नायडू ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, “आंध्र प्रदेश के लोगों की ओर से मैं वैश्विक कैथोलिक समुदाय और उनकी (पोप की) समृद्ध विरासत से प्रभावित सभी लोगों के प्रति हार्दिक संवेदना व्यक्त करता हूं।”
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