ईडी ने राजस्थान कांग्रेस नेता खाचरियावास, पंजाब के ‘आप’ विधायक कुलवंत सिंह के परिसरों पर छापेमारी की
सिम्मी सुभाष
- 16 Apr 2025, 01:03 AM
- Updated: 01:03 AM
जयपुर/मोहाली, 15 अप्रैल (भाषा) प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 48,000 करोड़ रुपये के पीएसीएल पोंजी "धोखाधड़ी" से जुड़े धन शोधन मामले की जांच के तहत मंगलवार को राजस्थान में कांग्रेस नेता एवं पूर्व मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास और पंजाब में आम आदमी पार्टी (आप) के विधायक कुलवंत सिंह के परिसरों पर छापेमारी की। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी।
सूत्रों ने बताया कि ईडी द्वारा खाचरियावास के जयपुर स्थित आवास और पंजाब के मोहाली में कुलवंत सिंह के परिसरों समेत करीब 15 परिसरों की तलाशी ली गई।
इन नेताओं से जुड़े दोनों स्थानों पर ईडी के दलों के साथ केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की एक सुरक्षा टीम भी तैनात की गई है।
उल्लेखनीय है कि 55 वर्षीय कांग्रेस नेता खाचरियावास पूर्ववर्ती अशोक गहलोत सरकार में परिवहन, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री रह चुके हैं। वह सिविल लाइंस (जयपुर) सीट से विधायक रहे हैं। वह पूर्व उपराष्ट्रपति भैरों सिंह शेखावत के भतीजे हैं।
सिंह (63) जनता लैंड प्रमोटर्स लिमिटेड (जेएलपीएल) नामक एक रियल एस्टेट कंपनी के प्रवर्तक हैं। बताया जाता है कि वह पंजाब के सबसे अमीर विधायक हैं और उनकी संपत्ति कथित तौर पर 1,000 करोड़ रुपये है।
खाचरियावास ने यहां अपने पैतृक घर के बाहर संवाददाताओं से कहा कि ईडी की कार्रवाई "राजनीति से प्रेरित" है, क्योंकि वह (राज्य की मौजूदा भारतीय जनता पार्टी सरकार) के खिलाफ बोलते रहे हैं। उन्होंने कहा कि उन्होंने कुछ भी गलत नहीं किया है और वह ईडी से "डरते" नहीं हैं।
इस धन शोधन मामले की जांच 2015 में शुरू हुई थी।
यह मामला पीएसीएल इंडिया लिमिटेड, पीजीएफ लिमिटेड, पीएसीएल के दिवंगत प्रवर्तक निर्मल सिंह भंगू और अन्य के खिलाफ निवेशकों को धोखा देने के लिए "धोखाधड़ीपूर्ण" निवेश योजनाएं चलाने के मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की ओर से दर्ज प्राथमिकी पर आधारित है।
ईडी के अनुसार, इन योजनाओं के माध्यम से, पीएसीएल और उसके निदेशकों ने निवेशकों को लगभग 48,000 करोड़ रुपये का "धोखा" दिया।
सूत्रों ने दावा किया कि कथित "अपराध की आय" खाचरियावास से जुड़ी संस्थाओं सहित अन्य संस्थाओं को प्राप्त होने का संदेह है।
ईडी की छापेमारी की खबर सामने आने पर खाचरियावास के समर्थक उनके आवास के बाहर एकत्र हो गए और नारे लगाने लगे।
खाचरियावास ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘वे परिसर की तलाशी के लिए नोटिस लेकर आए हैं। उन्होंने किसी कंपनी से संबंधित नोटिस नहीं दिया है। देश में कहीं भी परिसर की तलाशी ली जा सकती है, यह उनका अधिकार है। मैं न तो डरता हूं और न ही घबराता हूं।"
उन्होंने कहा, "अगर कोई मुद्दा है, तो मैं जवाब दूंगा। मेरी ओर से छह वकील हैं।"
ईडी ने इस मामले में मार्च में भंगू की बेटी बरिंदर कौर, उसके पति हरसतिंदर पाल सिंह हेयर और उसके "करीबी सहयोगी" मनोज कुमार के खिलाफ छापेमारी की थी।
इन छापेमारी से पहले एजेंसी ने हेयर को गिरफ्तार किया था। भंगू की पिछले साल अगस्त में मौत हो गई थी। एजेंसी ने ऑस्ट्रेलिया में 462 करोड़ रुपये की दो अचल संपत्तियों सहित 706 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की है और पीएसीएल, भंगू और अन्य के खिलाफ दो आरोपपत्र दायर किए हैं।
खाचरियावास ने दावा किया कि ईडी उन्हें डराने के लिए उनके घर की तलाशी लेने आई थी।
उन्होंने कहा, "भाजपा अहंकारी है। केंद्र में उनकी 11 साल से सरकार है, राजस्थान में भी उनकी सरकार है। मैं उनके खिलाफ बोलता रहा हूं, इसलिए उन्होंने यह कार्रवाई की है, लेकिन मैं डरने वाला नहीं हूं।"
खाचरियावास ने आरोप लगाया कि ईडी बिना किसी कारण के कार्रवाई करती है। उन्होंने कहा, "उन्होंने हमारे नेता राहुल गांधी को बुलाया। जब वे कोई कारण बताएंगे, तो मैं जवाब दूंगा। अभी तक ईडी ने तलाशी का कोई कारण नहीं बताया है।"
उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार को ईडी के जरिए राजनीति नहीं करनी चाहिए। पूर्व मंत्री ने कहा कि उनका किसी कंपनी से कोई लेना-देना नहीं है।
संघीय जांच एजेंसी इस मामले में अन्य स्थानों पर स्थित कुछ अन्य परिसर की तलाशी ले रही है।
खाचरियावास ने कहा कि वह संयुक्त परिवार में रहते हैं और इस तरह की हरकतें पूरे परिवार को परेशान करती हैं।
उन्होंने कहा, "मैं अब नया घर बनाऊंगा, उसका नाम ‘क्रांति हाउस’ रखूंगा और वहीं से विद्रोह शुरू करूंगा, ताकि मेरे परिवार को कोई परेशानी न हो।"
राजस्थान विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने खाचरियावास के खिलाफ कार्रवाई को "राजनीतिक बदला" करार दिया।
जूली ने ‘एक्स’ पर लिखा, "पूर्व मंत्री एवं वरिष्ठ कांग्रेस नेता प्रताप सिंह खाचरियावास मुखरता से भाजपा सरकार के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं। इसी से डरकर भाजपा सरकार ने केंद्रीय एजेंसियों को उनके घर भेज दिया है। 2020 में भी उन्हें इसी तरह परेशान करने का प्रयास किया गया था।’’
उन्होंने लिखा,‘‘प्रताप सिंह खाचरियावास के खिलाफ राजनीतिक प्रतिशोध की भावना से की जा रही यह कार्रवाई निंदनीय है।'
पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ईडी की कार्रवाई की निंदा की है। उन्होंने 'एक्स' पर एक पोस्ट में लिखा,‘‘पूर्व मंत्री और कांग्रेस नेता प्रताप सिंह खाचरियावास के निवास पर ईडी की छापेमारी की कार्रवाई निंदनीय है।’’
उन्होंने लिखा,‘‘ वर्ष 2020 में राजस्थान में कांग्रेस सरकार गिराने के प्रयास के समय भाजपा का मुखरता से विरोध करने पर खाचरियावास से ईडी ने केवल प्रताड़ित करने के उद्देश्य से 12 अगस्त 2020 को सात-आठ घंटे लंबी पूछताछ की थी। क्योंकि वो राजस्थान की भाजपा सरकार के खिलाफ मुखर रहते हैं तो फिर से ईडी ने दस्तक दे दी है।'
उन्होंने यह भी लिखा कि विधानसभा चुनाव से पूर्व पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के घर, तत्कालीन विधायक ओपी हुडला के घर भी राजनीतिक उद्देश्य से ईडी ने छापेमारी की थी।
गहलोत ने कहा, ‘‘अब केंद्रीय जांच एजेंसियों की विपक्ष के नेताओं पर ऐसी कार्रवाई से किसी को भी अचंभा नहीं होता है। इन एजेंसियों का पूरा राजनीतिक दुरुपयोग किया जा रहा है और आम जनता के बीच भी यह साफ होता जा रहा है कि कांग्रेस के नेताओं को राजनीतिक लाभ के लिए निशाना बनाया जाता है।’’
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा तथा पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने खाचरियावास के खिलाफ ईडी की कार्रवाई की निंदा की है।
भाषा
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