वक्फ संशोधन अधिनियम पर नेकां, कांग्रेस के हंगामे के बाद जम्मू कश्मीर विधानसभा की कार्यवाही स्थगित
सुरभि पवनेश
- 08 Apr 2025, 08:10 PM
- Updated: 08:10 PM
(फोटो के साथ)
जम्मू, आठ अप्रैल (भाषा) जम्मू कश्मीर विधानसभा में मंगलवार को नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां), कांग्रेस, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) एवं अन्य सदस्यों द्वारा वक्फ (संशोधन) अधिनियम पर चर्चा के लिए कार्य स्थगन की अनुमति नहीं दिए जाने पर हंगामा किए जाने के बाद सदन की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई।
मंत्रियों सहित सत्ता पक्ष ने भी पीडीपी के साथ मिलकर अधिनियम पर चर्चा की मांग की। विधानसभा अध्यक्ष द्वारा उनकी मांग खारिज किए जाने के बाद सत्ता पक्ष ने लगातार दूसरे दिन सदन की कार्यवाही बाधित की।
सदन की कार्यवाही शुरू होते ही सलमान सागर, तनवीर सादिक के नेतृत्व में नेकां सदस्यों और पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के सदस्य सज्जाद गनी लोन ने सदन में अधिनियम पर चर्चा करने के लिए बजट सत्र स्थगित करने का मुद्दा उठाया।
विधानसभा अध्यक्ष अब्दुल रहीम राथर ने जब सदस्यों से प्रश्नकाल शुरू करने की बात कही, तो नेकां, कांग्रेस, पीडीपी और निर्दलीय सदस्य सदन के बीचों बीच आ गए और ‘‘काले कानून’’ को वापस लेने की मांग करते हुए नारे लगाने लगे।
शोरगुल के बीच पीडीपी सदस्य वहीद-उर-रहमान पारा सदन के बीचों बीच आ गए और अपनी पार्टी द्वारा पेश किए गए प्रस्ताव को तत्काल पारित करने की मांग करने लगे।
जब पारा ने प्रस्ताव की प्रति हाथ में लेकर उसे पारित करने के लिए दबाव डाला, तो नेकां नेता अब्दुल मजीद लारमी ने उन पर ‘एजेंट’ होने का आरोप लगाया जिससे नेकां सदस्यों और शेख खुर्शीद सहित अन्य विपक्षी विधायकों के बीच तीखी नोकझोंक हुई।
जब पारा ने सदन के बीचों बीच जाने का प्रयास किया, तो विधानसभा अध्यक्ष ने मार्शलों को उन्हें बाहर निकालने का निर्देश दिया। पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के सज्जाद गनी लोन ने पारा को सदन से बाहर निकाले जाने से रोकने का प्रयास किया।
सदन के बाहर संवाददाताओं से बातचीत में पारा ने कहा, ‘‘मैं सदन में विधेयक को लेकर प्रस्ताव पारित करने की मांग कर रहा था। विधानसभा अध्यक्ष द्वारा मुझे सदन की कार्यवाही से हटाना दुर्भाग्यपूर्ण है। यह मुस्लिम बहुल क्षेत्र है। सदन में हमारे 60 से अधिक मुस्लिम विधायक हैं, लेकिन हम प्रस्ताव पर चर्चा नहीं कर सकते और इसे पारित नहीं कर सकते।’’
नेकां, कांग्रेस और निर्दलीय विधायकों के नौ सदस्यों ने सोमवार को इस मुद्दे पर चर्चा के लिए विधानसभा अध्यक्ष को कार्य स्थगन का नोटिस दिया था।
हंगामे के कारण कार्यवाही दो बार स्थगित होने के बाद सदन की कार्यवाही को दिन भर के लिए स्थगित कर दिया गया।
स्थिति और भी अराजक हो गई जब नेकां विधायकों और सज्जाद लोन के बीच तीखी नोकझोंक हुई।
लोन ने कहा, ‘‘हम चाहते हैं कि प्रस्ताव पारित हो। यह मुस्लिम बहुल प्रदेश है।’’
उन्होंने नेकां पर नाटक करने का आरोप लगाते हुए कहा, ‘‘यह विडंबना है कि नेकां के विधायक सिर्फ लोगों को मूर्ख बनाने के लिए विधानसभा अध्यक्ष के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं।’’
उन्होंने कहा कि उन्हें विधानसभा अध्यक्ष को हटाने के लिए अविश्वास प्रस्ताव लाना चाहिए।
भाषा सुरभि