प्रधान ‘अहंकारी’, अपनी जुबान संभालें : स्टालिन
धीरज नरेश
- 10 Mar 2025, 06:44 PM
- Updated: 06:44 PM
(तस्वीर के साथ)
चेन्नई, 10 मार्च (भाषा)तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन ने राज्य में सत्तारूढ़ द्रमुक की आलोचना के लिए केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान पर सोमवार को तीखा हमला करते हुए आरोप लगाया कि वह खुद को राजा समझते हुए ‘अहंकार’ से बात करते हैं। उन्होंने प्रधान से अपनी जुबान पर नियंत्रण रखने को भी कहा।
मुख्यमंत्री की यह टिप्पणी लोकसभा में पीएम श्री योजना और दक्षिणी राज्य को धन आवंटन को लेकर द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक)सांसदों और प्रधान के बीच हुई बहस के बाद आई है।
प्रधान ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) को लागू करने से इनकार करने और ‘राजनीति’ के लिए इस मुद्दे पर ‘यू-टर्न’ लेने के लिए तमिलनाडु सरकार की आलोचना की थी।
स्टालिन ने स्पष्ट रूप से कहा कि तमिलनाडु सरकार केंद्र की ‘पीएम श्री’ योजना को लागू करने के लिए आगे नहीं बढ़ी है और जब ऐसा है तो कोई भी उन्हें इसके लिए राजी नहीं कर सकता।
मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया मंच पर केंद्रीय मंत्री को जवाब देते हुए पोस्ट किया, ‘‘आप केवल यह बताइए कि क्या आप वह कोष जारी कर सकते हैं या नहीं, जो हमसे एकत्र किया गया था और जो तमिलनाडु के विद्यार्थियों के लिए है।’’
प्रधान ने स्टालिन को पत्र लिखकर तमिलनाडु द्वारा नई शिक्षा नीति, तीन भाषा नीति और पीएम श्री को लेकर हुए समझौता ज्ञापन को अस्वीकार करने की बात रेखांकित की थी। इसका संदर्भ देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) सरकार लोगों के विचारों का सम्मान करते हुए काम करती है, जबकि भाजपा नेता ‘‘नागपुर से आए आदेश’’ से बंधे रहते हैं।
उन्होंने द्रमुक सांसदों को निशाना बनाने के लिए एक शब्द विशेष के इस्तेमाल को लेकर प्रधान की आलोचना की और कहा कि केंद्रीय मंत्री ने धनराशि जारी न करके तमिलनाडु को धोखा दिया है।
स्टालिन ने सवाल किया, ‘‘आप तमिलनाडु के लोगों का अपमान कर रहे हैं। क्या प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इसे स्वीकार करते हैं?’’
प्रधान ने उस शब्द को वापस ले लिया जिस पर द्रमुक सांसदों ने आपत्ति जताई थी और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने निर्देश दिया कि इसे रिकार्ड से हटा दिया जाए।
इस बीच, द्रमुक पदाधिकारियों ने प्रधान की कथित आपत्तिजनक टिप्पणी की निंदा करते हुए पूरे राज्य में विरोध प्रदर्शन किया और केंद्रीय मंत्री के पुतले फूंके।
तमिलनाडु के स्कूल शिक्षा मंत्री अंबिल महेश पोय्यामोई ने प्रधान की टिप्पणी की कड़ी निंदा की और इसे अपमानजनक बताया।
इससे पहले, दिन में, द्रमुक सदस्यों द्वारा प्रधान की इस टिप्पणी पर विरोध जताए जाने के बाद लोकसभा की कार्यवाही लगभग 30 मिनट के लिए स्थगित कर दी गई थी। प्रधान ने तमिलनाडु सरकार पीएम स्कूल्स फॉर राइजिंग इंडिया (पीएम एसएचआरआई) योजना के कार्यान्वयन के मुद्दे को लेकर कथित आपत्तिजनक शब्द का इस्तेमाल किया था।
नयी दिल्ली में द्रमुक सांसद कनिमोई ने प्रधान की टिप्पणी की निंदा की और कहा कि केंद्रीय मंत्री का यह दावा कि मुख्यमंत्री स्टालिन अपनी बात से मुकर गए हैं, झूठ है और इसका उद्देश्य ध्यान भटकाना है। उन्होंने दावा किया कि तमिलनाडु के सांसदों ने प्रधान को कभी नहीं कहा कि राज्य एनईपी, 3-भाषा नीति को स्वीकार करने के लिए तैयार है।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की तमिलनाडु इकाई के अध्यक्ष के. अन्नामलाई ने कहा कि द्रमुक सांसद सोचते हैं कि वे हमेशा अर्धसत्य और असत्य फैलाकर भाग सकते हैं और उन्हें उम्मीद नहीं थी कि प्रधान संसद में उनका पर्दाफाश करेंगे।
अन्नामलाई ने सवाल किया, ‘‘तमिलनाडु के मुख्यमंत्री कहते हैं कि उनके निर्णय जनता की राय का प्रतिबिंब हैं। क्या आपको लगता है कि निजी सीबीएसई/मैट्रिकुलेशन स्कूल चलाने वाले आपके बेटे, बेटी, दामाद और द्रमुक नेताओं और उनके रिश्तेदारों के विचारों को जनता के विचार माना जाना चाहिए।’’
भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के पूर्व अधिकारी ने सोशल मीडिया पोस्ट के जरिये सवाल किया, ‘‘वह सुपर मुख्यमंत्री कौन है, जिसके आग्रह पर तमिलनाडु सरकार पीएम श्री स्कूलों के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने से पीछे हट गई, जबकि पहले उसने इसे स्वीकार कर लिया था।’’
भाषा
धीरज