जिनके पास ठोस तथ्य नहीं वे दूसरों को गुमराह करने के लिए हंगामा कर रहे हैं :प्रधान
सुभाष मनीषा
- 10 Mar 2025, 06:02 PM
- Updated: 06:02 PM
नयी दिल्ली, 10 मार्च (भाषा) केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के कार्यान्वयन को लेकर जारी विवाद के बीच, तमिलनाडु सरकार पर निशाना साधते हुए सोमवार को कहा कि जिनके पास ठोस तथ्य नहीं हैं वे केवल दूसरों को गुमराह करने के लिए हंगामा खड़ा करने की कोशिश करते हैं।
संसद परिसर में संवाददाताओं से बात करते हुए प्रधान ने कहा कि द्रविड़ मुन्नेत्र कषगम (द्रमुक) नीत तमिलनाडु सरकार को छात्रों के हित के लिए राजनीति से ऊपर उठना चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘‘जिनके पास ठोस तथ्य नहीं हैं, वे केवल हंगामा करना चाहते हैं। वे हंगामा कर रहे हैं और दूसरों को गुमराह कर रहे हैं। आज 10 मार्च है और इस वित्तीय वर्ष के पूरा होने में कुछ ही दिन बचे हैं। (केंद्र) सरकार को तमिलनाडु को पीएम-श्री (पीएम स्कूल फॉर राइजिंग इंडिया) का आवंटन करने में कोई समस्या नहीं है, लेकिन उनकी इसमें कोई दिलचस्पी नहीं है।’’
प्रधान ने कहा, ‘‘जो भी पीएम-श्री कार्यक्रम में शामिल नहीं होना चाहते, मैं उनसे अपील करता हूं। पीएम श्री छात्रों के लाभ के लिए एक योजना है और तमिलनाडु में पठन-पाठन का माध्यम तमिल ही रहेगा। वे किस बात का विरोध कर रहे हैं, मुझे समझ में नहीं आ रहा?’’
सोमवार को लोकसभा की कार्यवाही लगभग 30 मिनट के लिए स्थगित करनी पड़ी क्योंकि द्रमुक सदस्यों ने प्रधान की इस टिप्पणी पर विरोध जताया कि तमिलनाडु में पीएम श्री योजना को लागू नहीं कर छात्रों के साथ अन्याय किया जा रहा है।
पीएम श्री योजना पर एक प्रश्न का उत्तर देते हुए प्रधान ने कहा कि तमिलनाडु सरकार ने केंद्र प्रायोजित इस योजना के कार्यान्वयन पर अपना रुख बदल दिया है, जिसमें केंद्र, राज्य या स्थानीय निकायों द्वारा प्रबंधित स्कूलों को मजबूत बनाने की परिकल्पना की गई है।
संबंधित राज्य को केंद्र सरकार के साथ इस समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करना होगा कि वह राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 को लागू करेगा और इसके बदले में केंद्र सरकार निधि आवंटित करेगी।
मंत्री की टिप्पणी पर कड़ी आपत्ति जताते हुए सदन में द्रमुक सदस्यों ने केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और कड़ा विरोध दर्ज कराया। बाद में, प्रधान ने संसद में अपनी टिप्पणी वापस ले ली।
तमिलनाडु सरकार और केंद्र के बीच नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति के कार्यान्वयन और नीति में प्रस्तावित त्री-भाषा फार्मूले को लेकर तकरार चल रही है।
भाषा
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