राज्यसभा में कांग्रेस ने रेलवे बोर्ड को स्वायत्तता देने की मांग की
माधव मनीषा
- 10 Mar 2025, 03:22 PM
- Updated: 03:22 PM
नयी दिल्ली, 10 मार्च (भाषा) राज्यसभा में कांग्रेस के एक सदस्य ने सोमवार को रेलवे में कोई पारदर्शिता नहीं होने का दावा करते हुए कहा कि यदि रेलवे को विकसित कर आगे बढ़ाना है तो रेलवे बोर्ड को भी स्वायत्तता देनी पड़ेगी।
उच्च सदन में रेलवे (संशोधन) विधेयक 2024 पर चर्चा में भाग लेते हुए कांग्रेस के विवेक तन्खा ने कहा कि आज रेलवे को लेकर कोई सार्वजनिक विमर्श नहीं हो रहा है। उन्होंने कहा कि रेलवे को लेकर संसद द्वारा जो निगरानी की जाती थी, आज उसका अभाव है।
उन्होंने हैरत जताते हुए कहा कि आज यह पता नहीं चल पा रहा है कि रेलवे बोर्ड जनता के प्रति जवाबदेह नहीं है या नहीं। उन्होंने कहा कि रेलवे बोर्ड किसी मंत्री के द्वारा चलाया जाए, इसके बजाय आवश्यकता है कि रेलवे बोर्ड को स्वायत्तता देनी होगी।
तन्खा ने कहा कि दिल्ली, जहां रेलवे बोर्ड भी स्थित है, वहां हाल में कुंभ के दौरान रेलवे स्टेशन पर भगदड़ में कई लोगों की मौत हो गयी। उन्होंने कहा ‘‘अभी होली आने वाली है, क्या देश को फिर ऐसे नजारे देखने होंगे?’’
उन्होंने सवाल किया कि भगदड़ में लोगों की मौत पर कुछ रेल अधिकारियों की जिम्मेदारी तय कर देने से ही क्या काम चल जाएगा? उन्होंने कहा कि पूर्व में इस तरह के कई उदाहरण मिलते हैं कि ऐसी घटनाएं होने पर रेल मंत्री के इस्तीफे हुए थे।
कांग्रेस सदस्य ने कहा कि नीति आयोग ने भी यह सुझाव दिया है कि रेलवे बोर्ड और उसके क्षेत्रीय मंडलों को आर्थिक निर्णयों सहित विभिन्न मामलों में स्वायत्तता दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि रेलवे में लोको पायलट सहित विभिन्न कर्मियों की भारी कमी है।
तृणमूल कांग्रेस की सुष्मिता देव ने चर्चा में भाग लेते कहा कि सरकार रेलवे के मूल कानून में संशोधन करने के लिए यह विधेयक लायी है किंतु इसमें लगभग वही प्रावधान हैं जो पुराने कानून में हैं। उन्होंने कहा कि सरकार को नये सिरे से कानून बनाकर उसे संसद की स्थायी समिति के पास भेजना चाहिए ताकि इस पर व्यापक ढंग से विचार विमर्श हो सके।
उन्होंने कहा कि रेलवे में दुर्घटना होने पर किसी की जवाबदेही तय होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि रेल दुर्घटनाओं में प्रधानमंत्री को निर्देश देकर रेल मंत्री का इस्तीफा लेना चाहिए।
सुष्मिता ने कहा कि सरकार देश के सभी रेल मार्गों पर कवच प्रणाली यह कहकर अभी तक नहीं लगा पायी कि इसके लिए समुचित धन नहीं है। उन्होंने कहा कि जब सरकार वंदे भारत ट्रेनों पर इतना धन खर्च कर सकती है तो उसे ट्रेनों की सुरक्षा के लिए कवच पर खर्च करने में क्या कठिनाई हो रही है।
उन्होंने आरोप लगाया कि भले ही मोदी सरकार ‘लुक ईस्ट’ की बात करे किंतु ट्रेनों के मामले में वह पूर्वोत्तर राज्यों के साथ भेदभाव कर रही है। उन्होंने विधेयक को प्रवर समिति के पास भेजने का सुझाव दिया।
वाईएसआर कांग्रेस के एम रघुनाथ रेड्डी ने कहा कि पिछले कुछ सालों से ट्रेन दुर्घटनाओं की संख्या लगातार बढ़ रही है। उन्होंने दुर्घटनाओं से बचने के लिए कृत्रिम मेधा (एआई) आधारित निगरानी तंत्र बढ़ाने का सुझाव दिया।
उन्होंने ट्रेनों में स्वच्छता, भोजन की गुणवत्ता सहित यात्रियों को मिलने वाली सुविधाओं के बारे में शिकायतों पर ध्यान दिये जाने की जरूरत पर बल दिया। उन्होंने आम जनता की जरूरतों को देखते हुए ट्रेनों में जनरल बोगी की संख्या बढ़ाने को भी समय की आवश्यकता बताया।
भाषा
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