जम्मू कश्मीर में उपराज्यपाल प्रशासन ने आतंकवादियों के साथ संबंध को लेकर दो कर्मियों को किया बर्खास्त
राजकुमार रंजन
- 29 Nov 2024, 09:38 PM
- Updated: 09:38 PM
जम्मू, 29 नवंबर (भाषा) जम्मू-कश्मीर में उपराज्यपाल प्रशासन ने शुक्रवार को दो सरकारी कर्मचारियों के आतंकवादी गतिविधियों में संलिप्त रहने का हवाला देते हुए उन्हें बर्खास्त कर दिया।
अधिकारियों ने बताया कि एक जांच में आतंकवादी संगठनों के साथ उनके संबंधों की पुष्टि हो जाने के बाद संविधान के अनुच्छेद 311 (2)(सी) के तहत यह निर्णय लिया गया।
उन्होंने बताया कि जिन कर्मचारियों को बर्खास्त किया गया है वे किश्तवाड़ के सरकारी अध्यापक जहीर अब्बास तथा स्वास्थ्य विभाग के फार्मासिस्ट अब्दुल रहमान नाइका हैं।
अधिकारियों ने बताया कि बर्खास्त कर्मचारियों में से एक नाइका का हिज्बुल मुजाहिद्दीन से संबंध पाया गया।
सरकारी सूत्रों के अनुसार, कुलगाम के देवसर निवासी नाइका ने 2021 में राष्ट्रवादी राजनीतिक व्यक्ति गुलाम हसन लोन की हत्या में भूमिका निभाई थी, जिनके बेटे सुरक्षा बलों में सेवारत हैं।
एक सूत्र ने कहा, ‘‘देशभक्त नागरिकों में डर पैदा करने के लिए नाइका लोन की हत्या की साजिश में शामिल था।’’
जांच में यह भी पता चला कि वह (आतंकी) हमलों के वास्ते टोह लेने, आतंकवादियों को बचकर निकलने का मार्ग देने, कुलगाम एवं पड़ोसी जिलों में आतंकवाद के पक्ष में माहौल बनाने में शामिल था। उसे ग्रेनेड एवं ए के 47 के साथ गिरफ्तार किया गया था। उसने माना कि वह पाकिस्तानी आकाओं के इशारे पर हमले की साजिश रचता था।
सूत्रों ने कहा कि हाल में एक सुरक्षा समीक्षा बैठक में उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने आतंकवादियों, उनके समर्थकों तथा (प्रशासनिक) व्यवस्था के अंदर रहकर उनका समर्थन एवं साथ देने वालों का सफाया करने का निश्चय किया था।
उन्होंने बताया कि किश्तवाड़ के सरकारी शिक्षक जहीर अब्बास को भी बर्खास्त कर दिया गया है। अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय से डिग्री प्राप्त अब्बास को 2020 में हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकवादियों को पनाह देने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। उसने (आतंकवादियों को) कथित तौर पर हथियार और गोला-बारूद सहित जरूरी सहायता प्रदान की और पाकिस्तान में अपने आकाओं तक सुरक्षा बलों की गतिविधियों के बारे में सूचनाएं पहुंचायीं।
अधिकारियों ने इन दोनों ने अपने (सरकार) पदों का दुरुपयोग किया।
खुफिया सूचना के अनुसार समझा जाता है कि जेल में भी अब्बास कट्टरपंथी गतिविधियों में शामिल रहा।
भाषा राजकुमार