जमीन बेचने के बाद भी भू कानून का उल्लंघन करने वाले कार्रवाई से नहीं बचेंगे: उत्तराखंड सरकार
दीप्ति नोमान
- 26 Nov 2024, 08:55 PM
- Updated: 08:55 PM
देहरादून, 26 नवंबर (भाषा) उत्तराखंड में मौजूदा भू-कानून के उल्लंघन से जुड़े मामलों में कार्रवाई के डर से राज्य के बाहर के लोगों द्वारा अपनी जमीनें स्थानीय निवासियों को बेचे जाने की सूचनाओं के बीच राज्य सरकार ने मंगलवार को चेतावनी दी कि जमीन बेचने के बाद भी नियम का उल्लंघन करने वाले दंड से नहीं बच पाएंगे।
प्रदेश के अपर सचिव (राजस्व) आनंद श्रीवास्तव ने यहां बताया कि राज्य में मौजूदा भू-कानून के उल्लंघन से जुड़े मामलों में जिला प्रशासन स्तर से लगातार कार्रवाई जारी है।
उन्होंने बताया कि इस कार्रवाई के बीच ऐसी सूचनाएं आ रही हैं कि राज्य के बाहर के जिन लोगों ने पूर्व में भू-कानून का उल्लंघन कर जमीनें खरीदी हैं, वे अब इन भूमि को राज्य के लोगों को ही बेच रहे हैं ।
श्रीवास्तव ने साफ किया, “यदि राज्य के बाहर के किसी व्यक्ति ने भू-कानून का उल्लंघन कर राज्य में जमीन खरीदी है तो भू-कानून के प्रावधानों के तहत कार्रवाई की जाएगी। यदि ऐसे व्यक्ति द्वारा बाद में जमीन राज्य के निवासियों को बेच दी जाती है, तो भी राज्य के बाहर का व्यक्ति भू-कानून का उल्लंघन करने के मामलों में कार्रवाई से बच नहीं सकता। ऐसे उल्लंघन पर कार्रवाई तय है।”
उन्होंने स्थानीय जनता से भी ऐसे लोगों से किसी भी तरह से जमीन का सौदा न करने की अपील की है ताकि भविष्य में उन्हें किसी भी तरह का कोई वित्तीय नुकसान न हो।
अपर सचिव ने कहा कि जिला स्तर पर जिलाधिकारियों को भी जमीनों की रजिस्ट्री में इस बात पर सतर्कता बरतने को कहा गया है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस वर्ष सितंबर में अधिकारियों को निर्देश दिए थे कि भू कानून का उल्लंघन करके नगर निकाय क्षेत्रों के बाहर एक ही परिवार द्वारा अलग-अलग नामों से भूमि खरीदने वालों तथा व्यवसायिक गतिविधियों के नाम पर जमीनें खरीदकर उसका उपयोग उस प्रयोजन के लिए न करने वालों का विवरण तैयार किया जाए। धामी ने यह भी निर्देश दिया था कि ऐसे प्रकरणों में सख्त कार्रवाई के साथ जमीनें राज्य सरकार में निहित की जाएं।
मुख्यमंत्री के निर्देशों के अनुपालन में प्रदेश भर में भूमि खरीद में कानून के उल्लंघन के मामलों की जांच और उन पर कार्रवाई की जा रही है ।
मौजूदा भू कानून के अनुसार, नगर निकाय क्षेत्र के बाहर कोई भी व्यक्ति ढाई सौ वर्ग मीटर तक भूमि बिना अनुमति के खरीद सकता है। इसके अलावा, वर्ष 2017 में भूमि क्रय संबंधी नियमों में बदलाव किया गया था जिसके तहत राज्य के बाहर के लोगों के लिए जमीन खरीदने की अधिकतम सीमा 12.5 एकड़ को समाप्त कर उसकी अनुमति जिलाधिकारी स्तर से देने का प्रावधान किया गया था ।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा था कि राज्य सरकार जल्द ही प्रदेश में एक सख्त भू कानून लाने जा रही है जिससे प्रदेश में जमीनों की अंधाधुंध खरीद-फरोख्त पर रोक लग सके और प्रदेश का मूल स्वरूप बना रहे।
भाषा दीप्ति