उत्तर प्रदेश: हिंसा में अपने बच्चों को खोने वाले परिवारों में मातम का माहौल
सं. सलीम जितेंद्र
- 26 Nov 2024, 07:26 PM
- Updated: 07:26 PM
संभल, 26 नवम्बर (भाषा) उत्तर प्रदेश के संभल जिले में पिछले रविवार को शाही जामा मस्जिद के सर्वेक्षण के दौरान हुई हिंसा में मारे गये चार युवकों के परिवारों के बीच भले ही खून का रिश्ता न हो लेकिन आज वे सभी एक जैसे दर्द से गुजर रहे हैं।
हिंसा में नईम, बिलाल, नोमान और कैफ की मौत हो गयी थी।
संभल के कोट पूर्वी मोहल्ले में पिछले रविवार को जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान हुई हिंसा के बाद मंगलवार को हालात पहले से बेहतर हुए, वहीं मृतकों के घरों मे मातम पसरा हुआ है।
हिंसा में मारा गया नईम मिठाई की दुकान करता था तो वहीं हयातनगर थाना क्षेत्र का रहने वाला बिलाल स्थानीय सुपरमार्केट में कपड़े की दुकान में काम करता था और नखासा थाना क्षेत्र का रहने वाला कैफ साप्ताहिक बाजार में सौंदर्य प्रसाधन का सामान बेचता था।
बिलाल के भाई मोहम्मद अलीम ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, “मेरे पिता हनीफ ठेला लगाते हैं। परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने के कारण मेरा भाई बिलाल स्थानीय सुपरमार्केट में कपड़े की दुकान करता था। हम चार भाई हैं। हमारा सामान (कपड़ा) आया था, जिसे रखने के लिए हम दुकान पर गए थे। दुकान बंद करके जब हम लौट रहे थे तब पुलिस ने लाठीचार्ज करना शुरू कर दिया और गोलियां भी चलाईं।”
अलीम ने बताया, “उसे (बिलाल) गोली लग गयी। हमने अस्पताल में उसकी तलाश की तो पता चला कि उसे मुरादाबाद स्थानांतरित कर दिया गया है, जहां उसकी मौत हो गई।”
मिठाई की दुकान करने वाले नईम के दो बेटे और दो बेटियां हैं।
नईम के भाई तसलीम ने बताया, “जब यह घटना हुई तब वह (नईम) रिफाइंड तेल और मैदा लेने गया था। उसे घटना के बारे में पता भी नहीं चला। पुलिस ने उसे मार डाला।”
कैफ के चचेरे भाई फरदीन ने बताया कि कैफ साप्ताहिक बाजार में सौंदर्य प्रसाधन का सामान बेचता था।
इस बीच, संभल के पुलिस अधीक्षक कृष्ण कुमार विश्नोई ने बताया कि हिंसा में करीब 20 से 22 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं, जिनमें से एक का मेरठ में इलाज किया जा रहा है।
उन्होंने यह भी बताया कि चूंकि घायल पुलिसकर्मी अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती हैं इसलिए यह नहीं कहा जा सकता कि उनमें से कितने को छुट्टी मिल गई है।
संभल में अदालत के आदेश पर 19 नवंबर को जामा मस्जिद का पहली बार सर्वे होने के बाद से ही संभल में तनाव की स्थिति बनी हुई थी।
अदालत ने जिस याचिका पर सर्वे का आदेश दिया उसमें दावा किया गया था कि जिस जगह जामा मस्जिद है, उसी स्थान पर पहले कभी हरिहर मंदिर था।
रविवार को सर्वेक्षण दल के दोबारा काम पर लौटने पर बड़ी संख्या में लोग मस्जिद के पास एकत्र हुए और नारेबाजी करने लगे, जिसके बाद हिंसा भड़क उठी।
भीड़ ने वाहनों में आग लगा दी और पथराव किया।
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, हिंसा में चार लोगों की मौत हो गई जबकि सुरक्षाकर्मियों और प्रशासनिक अधिकारियों समेत करीब 25 लोग घायल हो गये।
हिंसा की मजिस्ट्रेट जांच जारी है।
भाषा सं. सलीम