विदेश यात्रा की अनुमति के लिए इंद्राणी मुखर्जी ने उच्चतम न्यायालय का रुख किया
पारुल माधव
- 26 Nov 2024, 06:15 PM
- Updated: 06:15 PM
नयी दिल्ली, 26 नवंबर (भाषा) शीना बोरा हत्याकांड की मुख्य आरोपी पूर्व मीडिया पेशेवर इंद्राणी मुखर्जी ने बंबई उच्च न्यायालय के उस फैसले के खिलाफ उच्चतम न्यायालय का रुख किया है, जिसके तहत उसे विदेश यात्रा की अनुमति देने से इनकार कर दिया गया था।
एक विशेष अदालत ने 19 जुलाई को इंद्राणी की उस याचिका को स्वीकार कर लिया था, जिसमें उसने अगले तीन महीनों के दौरान अलग-अलग अवधि में 10 दिनों के लिए स्पेन और ब्रिटेन की यात्रा करने की अनुमति देने का अनुरोध किया था।
केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने विशेष अदालत के फैसले को उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी। उच्च न्यायालय ने 27 सितंबर को विशेष अदालत का फैसला रद्द कर दिया था। इंद्राणी ने अब उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ शीर्ष अदालत का रुख किया है।
उच्च न्यायालय ने कहा था कि इंद्राणी ने इस आधार पर विदेश यात्रा की अनुमति मांगी थी कि वह ब्रिटिश नागरिक है और उसे अपने बैंक खाते से जुड़े दस्तावेजों के निष्पादन और अन्य महत्वपूर्ण कार्यों के लिए स्पेन और ब्रिटेन की यात्रा करने की जरूरत है।
विशेष अदालत का फैसला रद्द करते हुए उच्च न्यायालय ने कहा था कि अगर इंद्राणी भारत में रहकर ये काम निपटाना चाहती हैं तो देश के वैधानिक अधिकारी उन्हें स्पेन और ब्रिटेन के दूतावास के सहयोग से आवश्यक मदद मुहैया करेंगे।
शीना बोरा हत्याकांड का खुलासा होने के बाद इंद्राणी को अगस्त 2015 में गिरफ्तार किया गया था। मई 2022 में उच्चतम न्यायालय ने उसे जमानत दे दी थी।
इंद्राणी ने अपने ऊपर लगे आरोपों से इनकार किया है।
शीना की अप्रैल 2012 में मुंबई में इंद्राणी, उसके तत्कालीन ड्राइवर श्यामवर राय और पूर्व पति संजीव खन्ना ने एक कार में कथित तौर पर गला घोंटकर हत्या कर दी थी। अभियोजन पक्ष के मुताबिक, हत्या के बाद शीना के शव को पड़ोसी रायगढ़ जिले के एक जंगल में ले जाकर जला दिया गया था।
शीना इंद्राणी की बेटी थी।
यह हत्याकांड 2015 में तब सामने आया, जब शस्त्र अधिनियम के तहत दर्ज एक अलग मामले में गिरफ्तार राय ने पूछताछ के दौरान पुलिस के सामने कथित तौर पर इस अपराध के बारे में खुलासा किया।
इंद्राणी के पूर्व पति पीटर मुखर्जी को भी शीना की हत्या से जुड़ी साजिश में शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। सभी आरोपी फिलहाल जमानत पर जेल से बाहर हैं।
भाषा पारुल