‘वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन’ योजना का पूर्ण विवरण
प्रशांत पवनेश
- 26 Nov 2024, 06:14 PM
- Updated: 06:14 PM
नयी दिल्ली, 26 नवंबर (भाषा) केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सोमवार को ‘वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन’ योजना को मंज़ूरी दे दी। आइये जानते हैं कि यह योजना क्या है।
1. वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन योजना क्या है?
वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन एक नयी केंद्रीय योजना है, जिसके तहत देश भर में विद्वानों के शोध लेखों और जर्नल प्रकाशनों तक पहुंच प्रदान की जाएगी। इस योजना को सरल, उपयोगकर्ता के अनुकूल और पूरी तरह से डिजिटल प्रक्रिया के माध्यम से संचालित किया जाएगा।
2. यह कैसे काम करेगी?
सरकारी उच्च शिक्षा संस्थानों और केंद्र सरकार की अनुसंधान एवं विकास प्रयोगशालाओं के लिए ‘वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन’ सुविधा होगी। उच्च शिक्षा विभाग के पास एक एकीकृत पोर्टल होगा जिसके माध्यम से संस्थानों की पत्रिकाओं तक पहुंच सुलभ हो सकेगी।
‘द अनुसंधान नेशनल रिसर्च फाउंडेशन’ (एएनआरएफ) समय-समय पर वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन के उपयोग और इन संस्थानों के भारतीय लेखकों के प्रकाशनों की समीक्षा करेगा।
3. आबंटित बजट कितना है?
एक नयी केंद्रीय क्षेत्र योजना के रूप में तीन कैलेंडर वर्षों - 2025, 2026 और 2027 के वास्ते वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन के लिए लगभग 6,000 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।
वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन भारत के युवाओं के लिए गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा तक पहुंच को अधिकतम करने के लिए शिक्षा के क्षेत्र में पिछले एक दशक में केंद्र द्वारा शुरू की गई पहलों की सीमा के दायरे और पहुंच को आगे बढ़ाएगा।
4. संस्थाओं या व्यक्तियों को इससे क्या लाभ होगा?
नेशनल सब्सक्रिप्शन का समन्वयन एक केंद्रीय एजेंसी, सूचना एवं पुस्तकालय नेटवर्क (आईएनएफएलआईबीएनईटी) द्वारा किया जाएगा, जो विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) का एक स्वायत्त अंतर-विश्वविद्यालय केंद्र है।
इस सूची में 6,300 से अधिक संस्थान शामिल हैं, जिनमें लगभग 1.8 करोड़ छात्र, संकाय और शोधकर्ता शामिल हैं, जो संभावित रूप से ‘वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन’ का लाभ उठा सकेंगे।
5. पोर्टल पर कौन से प्रकाशन उपलब्ध होंगे?
वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन में तीस प्रमुख अंतरराष्ट्रीय जर्नल प्रकाशकों को शामिल किया गया है। इन प्रकाशकों द्वारा प्रकाशित लगभग 13,000 ई-जर्नल अब पोर्टल के माध्यम से उपलब्ध होंगे।
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