ओडिशा: संविधान के ‘अपमान’ और आम की गुठली खाने से हुई मौतों को लेकर विधानसभा में हंगामा
यासिर पवनेश
- 26 Nov 2024, 06:06 PM
- Updated: 06:06 PM
भुवनेश्वर, 26 नवंबर (भाषा) भुवनेश्वर, 26 नवंबर (भाषा) ओडिशा विधानसभा में मंगलवार को विपक्षी बीजू जनता दल (बीजद) और कांग्रेस सदस्यों द्वारा संविधान के कथित अपमान तथा बीते दिनों आम की गुठली को पीसकर खाने से आदिवासी समुदाय की तीन महिलाओं की मौत के मुद्दे उठाए जाने के बाद हंगामा देखने को मिला जिसके कारण अध्यक्ष को दो बार सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी।
सदन में दिवंगतों को श्रद्धांजलि दिए जाने के बाद विधानसभा अध्यक्ष सुरमा पाढ़ी ने प्रश्नकाल प्रारंभ करने की अनुमति दी। भी बीजद और कांग्रेस के विधायक विरोध जताने के लिए सदन के बीचोंबीच आ गए।
बीजद सदस्यों ने आरोप लगाया कि सदन के प्रवेश द्वार के पास प्रदर्शित संविधान की प्रतिकृति में से ‘धर्मनिरपेक्ष’ और ‘समाजवादी’ ये दो शब्द नहीं हैं। बीजद सदस्यों ने कहा कि सरकार को इस गलती को तुरंत ठीक कराना चाहिए क्योंकि देश में 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में मनाया जा रहा है।
बीजद के वरिष्ठ विधायक रणेंद्र प्रताप स्वैन संविधान के कथित अपमान पर बोलना चाहते थे, लेकिन उन्हें इसकी अनुमति नहीं दी गई।
सदन में शोरगुल जारी रहने पर अध्यक्ष ने पहली बार कार्यवाही मध्याह्न 12:25 बजे तक के लिए स्थगित कर दी और जब सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू हुई तो भी वही स्थिति देखी गई, जिसके चलते उन्होंने सदन की कार्यवाही शाम चार बजे तक स्थगित कर दी।
सदन के बाहर स्वैन ने कहा, ‘‘कल उच्चतम न्यायालय ने संविधान की प्रस्तावना से ‘धर्मनिरपेक्ष’ और ‘समाजवादी’ शब्दों को हटाने की जनहित याचिकाओं को खारिज कर दिया था और आज विधानसभा में प्रदर्शित संविधान में ये दोनों शब्द गायब हैं।’’
उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को संविधान में 1976 के संशोधन को चुनौती देने वाली याचिकाओं को खारिज कर दिया, जिसमें प्रस्तावना में ‘समाजवादी’, ‘धर्मनिरपेक्ष’ और ‘अखंडता’ शब्द जोड़े गए थे। शीर्ष अदालत ने यह भी कहा कि ये शब्द ‘प्रस्तावना के अभिन्न अंग’ हैं।
बीजद सदस्य गणेश्वर बेहरा ने सदन के बाहर कहा कि सरकार को ‘संविधान दिवस’ पर प्रस्तावना का संशोधित संस्करण तुरंत प्रदर्शित करना चाहिए।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेताओं ने तत्काल कोई टिप्पणी नहीं दी।
बीजद और कांग्रेस सदस्यों ने भी मोहन चरण माझी सरकार के खिलाफ नारे लगाए और उनपर सार्वजनिक वितरण प्रणाली को सुचारू बनाने में विफल रहने का आरोप लगाया, जिसके कारण कंधमाल जिले के मंडीपांका गांव के लोगों को खाद्यान्न की कमी का सामना करना पड़ा और वहां आदिवासी समुदाय की तीन महिलाओं की मौत हो गई।
इससे पहले सदन के नेता और मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने शोक प्रस्ताव रखा और सदन ने समित डे, पूर्व सदस्य धनेश्वर माझी, मकरध्वज प्रधान, निरंजन प्रधान, उत्कल केशरी परिदा और पूर्ण चंद्र माझी समेत छह पूर्व सदस्यों के निधन पर शोक व्यक्त किया।
ओडिशा विधानसभा का शीतकालीन सत्र मंगलवार को शुरू हुआ और 31 दिसंबर तक चलेगा।
भाषा यासिर