गुरुग्राम: 10 लाख रुपये के लिए पीजी संचालक की गला घोंटकर हत्या करने के आरोप में तीन गिरफ्तार
योगेश प्रशांत
- 25 Nov 2024, 09:17 PM
- Updated: 09:17 PM
गुरुग्राम, 25 नवंबर (भाषा) हरियाणा के गुरुग्राम में पुलिस ने पिछले सप्ताह एक पीजी संचालक की हत्या के संबंध में तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। एक अधिकारी ने सोमवार को बताया कि हत्या के पीछे पैसों के लेन-देन का विवाद था।
पुलिस ने बताया कि आरोपियों की पहचान आईएमटी मानेसर निवासी सुषमा (42) , हरियाणा में चरखी दादरी निवासी अनिल (37) के रूप में हुई है, जिन्हें शनिवार को गिरफ्तार किया गया।
हत्या में कथित रूप से शामिल डूंडाहेड़ा गांव की मूल निवासी एक अन्य महिला सीमा को भी रविवार को गिरफ्तार कर लिया गया।
एक व्यक्ति ने 23 नवंबर को पुलिस से संपर्क कर अपने 52 वर्षीय पिता के लापता होने की रिपोर्ट दर्ज कराई थी।
शिकायतकर्ता ने बताया था कि उसके पिता राजेंद्र 22 नवंबर को शिकोहपुर गांव स्थित अपने घर से आईएमटी मानेसर के सेक्टर 1 स्थित अपने पीजी में जाने के लिए निकले थे, लेकिन वापस नहीं लौटे।
शिकायत के बाद मानेसर पुलिस थान में प्राथमिकी दर्ज की गई और मामला मानेसर का अपराध शाखा को सौंप दिया गया।
उप निरीक्षक ललित कुमार के नेतृत्व में एक टीम ने शटरिंग का कारोबार करने वाली सुषमा और उसके परिचित अनिल को गिरफ्तार किया।
पुलिस को संदेह है कि अनिल की कार का इस्तेमाल राजेंद्र के शव को ठिकाने लगाने में किया गया था।
पुलिस के मुताबिक राजेंद्र ने सुषमा को धन के निवेश संबंधित एक योजना में निवेश करने के लिए 10 लाख रुपये दिए थे।
पुलिस ने बताया कि सुषमा ने पैसे दूसरे कामों में खर्च और जब राजेंद्र ने पैसे मांगे तो उसने बताया कि वह सीमा के पास है।
पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, “22 नवंबर को सुषमा ने राजेंद्र को अपने घर बुलाया और चाय में नशीला पदार्थ पिलाकर उसका गला घोंट दिया। उसके बाद सुषमा और अनिल ने राजेंद्र की कार को राजमार्ग के किनारे सर्विस लेन पर खड़ा कर दिया।”
अधिकारी के अनुसार, इसके बाद उन्होंने राजेंद्र के शव को अनिल की कार में डालकर रेवाड़ी में रेवाड़ी-नारनौल राजमार्ग के पास फेंक दिया। 23 नवंबर की रात को शव बरामद हुआ।
पुलिस ने बताया कि शव को ठिकाने लगाने में इस्तेमाल की गई हुंडई वर्ना कार, एक सोने की चेन और राजेंद्र से जुड़े कुछ दस्तावेज आरोपियों के कब्जे से बरामद किए गए हैं।
सहायक पुलिस आयुक्त वरुण दहिया ने बताया, “हत्या को आत्महत्या का रूप देने के लिए आरोपियों ने पीड़ित के मुंह में सल्फास की गोलियां डाल दीं और कार को सड़क पर छोड़ दिया।”
भाषा
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