कटरा में ‘रोपवे’ परियोजना के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान पुलिसकर्मी घायल, बंद वापस लिया गया
जितेंद्र सुभाष
- 25 Nov 2024, 07:11 PM
- Updated: 07:11 PM
रियासी/जम्मू, 25 नवंबर (भाषा) जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में वैष्णो देवी मंदिर तक जाने वाले पैदल मार्ग पर प्रस्तावित ‘रोपवे’ परियोजना के खिलाफ सोमवार को दुकानदारों और मजदूरों द्वारा निकाले गए मार्च के झड़प में तब्दील हो जाने से एक पुलिसकर्मी घायल हो गया। पुलिस ने यह जानकारी दी।
पुलिस के मुताबिक, मार्च के कटरा आधार शिविर पर पहुंचने के बाद कुछ प्रदर्शनकारियों ने पथराव किया और पुलिस के साथ उनकी झड़प हुई।
प्रदर्शनकारियों के साथ एक घंटे की बातचीत के बाद जिला प्रशासन ने उन्हें आश्वासन दिया कि वे मंदिर बोर्ड के अधिकारियों सहित विभिन्न हितधारकों के साथ वार्ता कर उनकी समस्याओं का समाधान करेंगे, जिसके बाद प्रदर्शनकारियों ने अपना धरना समाप्त कर दिया।
जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने सोमवार को कहा कि माता वैष्णो देवी मार्ग पर प्रस्तावित ‘रोपवे’ परियोजना के खिलाफ कटरा आधार शिविर में प्रदर्शन कर रहे लोगों की वास्तविक समस्याओं का समाधान किया जाएगा।
‘भारत माता की जय’ के नारों के बीच सैकड़ों प्रदर्शनकारियों ने कटरा शहर में मार्च निकाला और धरना दिया।
कटरा शहर, त्रिकुटा पहाड़ी पर स्थित वैष्णो देवी मंदिर में दर्शन के लिए आने वाले तीर्थयात्रियों का आधार शिविर है, जहां तीर्थयात्री ठहरते हैं।
प्रदर्शनकारियों ने पहले 72 घंटे के बंद का आह्वान किया था, लेकिन रविवार देर रात इसे और 24 घंटे के लिए और बढ़ा दिया गया।
सोमवार के विरोध प्रदर्शन के दौरान उस समय तनाव बढ़ गया, जब प्रदर्शनकारियों के धरना देने के दौरान केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) का एक वाहन शहर से गुजरने का प्रयास कर रहा था।
अधिकारियों ने बताया कि कुछ प्रदर्शनकारी हिंसक हो गए और उन्होंने वाहन पर हमला कर उसका शीशा तोड़ दिया।
उन्होंने बताया कि पुलिस के हस्तक्षेप से वाहन को पीछे हटाया गया, जिसके बाद झड़प हुई और इस दौरान कुछ प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर ईंटें फेंकी और उनके साथ हाथापाई भी की।
अधिकारियों ने बताया कि प्रदर्शनकारियों ने कुछ पुलिसकर्मियों की कथित रूप से पिटाई भी की।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (रियासी) परमवीर सिंह ने बताया, “कानून-व्यवस्था की स्थिति चुनौतीपूर्ण हो गयी है और हम हालात संभालने की कोशिश कर रहे हैं। अधिकारी इस मुद्दे को सुलझाने के लिए प्रदर्शनकारियों से बातचीत कर रहे हैं।”
प्रदर्शनकारी इस परियोजना को बंद करने या इससे प्रभावित होने वाले सभी लोगों को मुआवजा देने की मांग कर रहे हैं।
दुकानदारों, खच्चर और पालकी मालिकों द्वारा आहूत बंद 22 नवंबर को उस समय शुरू हुई थी, जब श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड ने ताराकोट मार्ग और सांझी छत के बीच 12 किलोमीटर लंबे मार्ग पर 250 करोड़ रुपये की ‘रोपवे’ परियोजना को अमल में लाने की योजना की घोषणा की थी।
दुकानदारों और मजदूरों को डर है कि दो वर्ष में पूरी होने वाली इस परियोजना के कारण वे बेरोजगार हो जाएंगे।
श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड (एसएमवीडीएसबी) के अध्यक्ष सिन्हा ने कहा कि जम्मू के संभागीय आयुक्त की अध्यक्षता वाली समिति ने विकास परियोजनाओं पर आम सहमति बनाने के लिए हितधारकों से बात की है।
सिन्हा शहर में तवी रिवरफ्रंट परियोजना की समीक्षा करने के बाद पत्रकारों को संबोधित कर रहे थे।
उपराज्यपाल ने बंद के चौथे दिन कटरा में पथराव की घटना के बारे में पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए कहा कि हितधारकों की चिंताओं का ध्यान रखा जा रहा है।
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि विकास परियोजनाओं और लोगों के लिए रोजगार के अवसर पैदा करने पर कोई समझौता नहीं किया जाएगा।
रियासी के उपायुक्त विशेष पाल महाजन और प्रदर्शनकारी नेता भूपिंदर सिंह ने संयुक्त रूप से बंद वापस लेने की घोषणा की।
महाजन ने प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए कहा, “मैंने भूपिंदर से बातचीत की है। हम आपकी मांगों और चिंताओं से अवगत हैं। भूपिंदर ने मुद्दों को सुलझाने के लिए सभी हितधारकों के साथ बातचीत करने के लिए 15 दिसंबर तक का समय दिया है।”
भाषा जितेंद्र