डूसू चुनाव: एनएसयूआई ने अध्यक्ष, संयुक्त सचिव पद पर जीत हासिल की
देवेंद्र अविनाश
- 25 Nov 2024, 09:40 PM
- Updated: 09:40 PM
नयी दिल्ली, 25 नवंबर (भाषा) कांग्रेस की छात्र इकाई ‘नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया’ (एनएसयूआई) ने दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (डूसू) चुनाव में सात साल बाद वापसी करते हुए अध्यक्ष और संयुक्त सचिव पद पर जीत हासिल की।
एनएसयूआई के रौनक खत्री अध्यक्ष निर्वाचित हुए। उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से संबद्ध अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के उम्मीदवार ऋषभ चौधरी को 1,300 से अधिक मतों से हराया।
खत्री को 20,207 मत मिले जबकि चौधरी को 18,864 मत हासिल हुए।
एबीवीपी को उपाध्यक्ष और सचिव पदों से ही संतोष करना पड़ा।
वर्ष 2017 के बाद पहली बार एनएसयूआई ने अध्यक्ष पद पर जीत हासिल की है। उस वक्त रॉकी तुसीद अध्यक्ष चुने गए थे।
परिणाम घोषित होते ही कांग्रेस की छात्र शाखा के सदस्य बड़ी संख्या में एकत्र होकर जश्न मनाने लगे।
संयुक्त सचिव पद की दौड़ में एनएसयूआई के लोकेश चौधरी ने 21,975 मत प्राप्त कर एबीवीपी के अमन कपासिया को 6,726 मतों से हराया।
खत्री ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘डीयू इस जीत की हकदार है। हमारे सदस्यों ने पिछले तीन वर्षों में कड़ी मेहनत की है - चाहे वह ज्वलंत मुद्दों को उठाना हो या उन्हें अदालत में ले जाना हो। हमने अथक परिश्रम किया और परिणाम सबके सामने हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘यह खोखले दावों पर वास्तविक काम की राजनीति की जीत है। मैं उन सभी लोगों को आश्वस्त करना चाहता हूं जिन्होंने मुझे वोट दिया है कि आने वाले दिन उनके लिए समर्पित होंगे और हम उनके कल्याण के लिए कड़ी मेहनत करेंगे।’’
संयुक्त सचिव पद के लिए चुने गए चौधरी ने नतीजों पर टिप्पणी करते हुए कहा, ‘‘जब आपके पास वरुण चौधरी और कन्हैया कुमार जैसे नेता हों, तो आप कैसे हार सकते हैं? यह बदलाव का समय है। मैं सभी को आश्वस्त करना चाहता हूं कि मैं लोगों की मदद के लिए चौबीसों घंटे उपलब्ध रहूंगा।’’
डीयू ने परिणामों की घोषणा के बाद उम्मीदवारों और उनके समर्थकों द्वारा ढोल, पटाखे और लाउडस्पीकरों के उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया था, इसलिए छात्र अपने नेताओं को माला पहनाते हुए उन्हें कंधों पर उठाकर ले जाते हुए देखे गए। वे ‘‘आ गई भई आ गई, एनएसयूआई आ गई’’ जैसे नारे लगा रहे थे।
उन्हें परिसर में स्थित स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा की ओर मार्च करते भी देखा गया, जहां बड़ी संख्या में भीड़ एकत्रित थी और पूरे रास्ते विजयी उम्मीदवारों का उत्साहवर्धन कर रही थी।
एबीवीपी के उपाध्यक्ष पद के उम्मीदवार भानु प्रताप सिंह ने 24,166 वोट हासिल कर एनएसयूआई के यश नांदल को 8,762 मतों से हराया।
सचिव पद के लिए मित्रविंदा कर्णवाल ने 16,703 मत हासिल कर एनएसयूआई की नम्रता जेफ मीणा को 1,447 मतों से हराया।
सिंह ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘लंबे विलंब के बाद आखिरकार आज परिणाम घोषित कर दिए गए। मैं डीयू के सभी छात्रों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि मैं पूरे साल उनके कल्याण के लिए खुद को समर्पित करूंगा।’’
कर्णवाल ने कहा, ‘‘मैं उन सभी छात्रों का धन्यवाद देना चाहता हूं जिन्होंने एबीवीपी पर भरोसा जताने के लिए मुझे वोट दिया। उनकी वजह से एबीवीपी ने इस साल भी डूसू में अपनी पकड़ बनाई है। हम चुनाव प्रचार के दौरान किए गए सभी वादों को पूरा करेंगे।’’
इस बीच कांग्रेस की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने कहा कि खत्री और चौधरी की जीत स्पष्ट संकेत है कि राष्ट्रीय राजधानी के युवा बदलाव चाहते हैं और पार्टी यहां सत्ता में लौटने के लिए पूरी तरह तैयार है।
उन्होंने कहा, ‘‘एनएसयूआई छात्रों के मुद्दों को उठाने में रचनात्मक भूमिका निभाएगी ताकि वे बाहरी प्रभाव या व्यवधान के बिना अपनी पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित कर सकें।’’
दिल्ली में अगले साल की शुरुआत में विधानसभा चुनाव होने हैं।
भाषा
देवेंद्र