आवास मांग बढ़ाने के लिए मकान कर्ज के ब्याज पर मिले शत-प्रतिशत कर छूट: क्रेडाई
रमण अजय
- 25 Nov 2024, 03:32 PM
- Updated: 03:32 PM
नयी दिल्ली, 25 नवंबर (भाषा) जमीन-जायदाद के विकास से जुड़ी कंपनियों के शीर्ष संगठन क्रेडाई ने सोमवार को सरकार से किफायती और मध्यम आय वर्ग के लोगों के लिए घरों की मांग को बढ़ावा देने के लिए आयकर अधिनियम के तहत गृह कर्ज पर भुगतान किये गये ब्याज पर शत-प्रतिशत कर छूट का लाभ देने को कहा।
अपना 25वां स्थापना दिवस मना रहे क्रेडाई ने अगले एक साल में 1,000 स्कूल खोलने की भी घोषणा की।
क्रेडाई (कनडरेशन ऑफ रियल एस्टेट डेवलपर्स एसोसिएशंस ऑफ इंडिया) ने यह भी मांग की कि किफायती आवास की परिभाषा को संशोधित किया जाना चाहिए और इस सीमा को मौजूदा 45 लाख रुपये से बढ़ाकर कम-से-कम 75-80 लाख रुपये किया जाना चाहिए।
क्रेडाई के अध्यक्ष बोमन ईरानी ने 25वें स्थापना दिवस के मौके पर यहां संवाददाता सम्मेलन में यह भी सुझाव दिया कि सरकार को किफायती और मध्यम आय वर्ग के लिए आवास की मांग को बढ़ावा देने के लिए 75-80 लाख रुपये तक की लागत वाले निर्माणाधीन मकानों पर एक प्रतिशत माल एवं सेवा कर (जीएसटी) लगाना चाहिए।
वर्तमान में, 45 लाख रुपये तक की कीमत वाले निर्माणाधीन किफायती घरों पर एक प्रतिशत जीएसटी है। वहीं 45 लाख रुपये से अधिक लागत वाले निर्माणाधीन घरों पर पांच प्रतिशत जीएसटी लगता है। कंपनियां इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) का लाभ नहीं उठा सकती हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘किफायती आवास की परिभाषा 2017 में दी गई थी। इसमें 45 लाख रुपये की सीमा तय की गई। अगर हम 2017 के बाद से सालाना मुद्रास्फीति पर विचार करें, तो इस सीमा को 75-80 लाख रुपये तक संशोधित करने की जरूरत है।’’
ईरानी ने कहा कि अगर किफायती आवास की परिभाषा बदली जाती है तो संभावित घर खरीदारों को जीएसटी कम होने का लाभ मिलेगा।
क्रेडाई अध्यक्ष ने कहा कि सरकार को दूसरे विकल्प पर विचार करना चाहिए और किफायती आवास की परिभाषा में मूल्य सीमा को पूरी तरह से हटा देना चाहिए। इसकी जगह एकमात्र मानदंड महानगरों में 60 मीटर और मझोले तथा छोटे शहरों में 90 मीटर का इस्तेमाल योग्य क्षेत्र (कारपेट एरिया) होना चाहिए।
ईरानी ने आवास क्षेत्र में मांग बढ़ाने और अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए करों को कम करके लोगों के हाथों में अधिक पैसा पहुंचाने की भी बात कही।
क्रेडाई के निर्वाचित अध्यक्ष शेखर पटेल ने कहा कि आवास ऋण पर दिए जाने वाले ब्याज पर मौजूदा दो लाख रुपये की छूट के बजाय 100 प्रतिशत की कटौती होनी चाहिए।
ईरानी ने कहा कि 100 प्रतिशत कटौती से मांग में बड़े पैमाने पर तेजी आएगी।
आयकर अधिनियम की धारा 24 के तहत, खुद के रहने वाले मकान के लिए कर्ज के ब्याज पर छूट फिलहाल दो लाख रुपये तक सीमित है।
पटेल ने यह भी कहा कि क्रेडाई अपने 25वें स्थापना दिवस के मौके पर अगले एक साल में 1,000 स्कूल खोलेगा और देश में हरित क्षेत्र को बढ़ावा देने तथा कार्बन उत्सर्जन में कमी लाने को लेकर पहल करेगा।
क्रेडाई के चेयरमैन मनोज गौड़ ने कहा कि रियल एस्टेट परियोजनाओं को विकसित करने के लिए रियल एस्टेट कंपनियों को विभिन्न सरकारी मंजूरियां हासिल करने में 12 से 18 महीने का समय लगता है।
उन्होंने कहा, ‘‘मंजूरी में लगने वाले समय को कम करने और कारोबार सुगमता की स्थिति को बेहतर बनाने की जरूरत है।’’
क्रेडाई की स्थापना 1999 में हुई थी और देशभर में इसके 13,000 से अधिक सदस्य हैं।
भाषा रमण