आर जी कर प्रदर्शन:न्यायलय ने हिरासत में यातना मामले की एसआईटी जांच के आदेश दिए
सिम्मी नरेश
- 25 Nov 2024, 02:25 PM
- Updated: 02:25 PM
नयी दिल्ली, 25 नवंबर (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने कोलकाता के आर जी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में एक महिला चिकित्सक से बलात्कार और उसकी हत्या की घटना के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान गिरफ्तार की गई एक महिला को पुलिस हिरासत में कथित तौर पर प्रताड़ित किए जाने के मामले की विशेष जांच दल (एसआईटी) से जांच कराने का सोमवार को आदेश दिया।
न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति उज्ज्वल भुइयां की पीठ ने कलकत्ता उच्च न्यायालय के सीबीआई जांच के आदेश को संशोधित करते हुए कहा कि हर मामला केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को नहीं सौंपा जा सकता और राज्य के वरिष्ठ आईपीएस (भारतीय पुलिस सेवा) अधिकारियों को जांच सौंपी जानी चाहिए।
शीर्ष अदालत ने कहा कि एसआईटी में वे अधिकारी शामिल होंगे, जिनके नाम राज्य द्वारा प्रस्तुत किए गए हैं और वे जांच की प्रगति पर अपनी रिपोर्ट साप्ताहिक आधार पर उच्च न्यायालय को सौंपेंगे।
कलकत्ता उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को एक विशेष पीठ गठित करने का निर्देश दिया गया, जिसके समक्ष एसआईटी अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी और जिससे आगे की जांच के संबंध में निर्देश प्राप्त करेगी।
न्यायालय ने 11 नवंबर को कलकत्ता उच्च न्यायालय के आठ अक्टूबर के उस आदेश पर रोक लगा दी थी जिसमें पुलिस हिरासत में एक महिला को कथित रूप से प्रताड़ित करने के मामले की सीबीआई से जांच कराए जाने का आदेश दिया गया था।
पीठ ने पश्चिम बंगाल सरकार से पांच महिलाओं समेत भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के सात अधिकारियों की सूची सौंपने को कहा, जिन्हें हिरासत में यातना मामले की जांच के लिए नए विशेष जांच दल (एसआईटी) में शामिल किया जा सकता है।
उच्चतम न्यायालय ने यह आदेश पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा दायर अपील पर दिया जिसमें कहा गया था कि उच्च न्यायालय ने सीबीआई जांच का निर्देश देने वाला ‘‘त्रुटिपूर्ण’’ आदेश दिया और राज्य पुलिस जांच करने में सक्षम है।
कलकत्ता उच्च न्यायालय की एक खंडपीठ ने महिला द्वारा लगाए गए आरोपों की सीबीआई जांच का निर्देश देने वाले एकल न्यायाधीश के आदेश को छह नवंबर को बरकरार रखा था।
भाषा
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