भारत इटली को साझेदार, अहम भागीदार व भूमध्य सागर क्षेत्र में प्रभावशाली देश मानता: जयशंकर
धीरज संतोष
- 24 Nov 2024, 10:39 PM
- Updated: 10:39 PM
(तस्वीरों के साथ)
रोम, 24 नवंबर (भाषा)विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने रविवार को कहा कि भारत इटली को एक प्रमुख साझेदार, यूरोप में एक महत्वपूर्ण सहयोगी और भूमध्य सागर में एक बहुत प्रभावशाली देश के रूप में देखता है।
उन्होंने यह टिप्पणी यहां रोम में भारतीय दूतावास के नए कार्यालय का उद्घाटन करने के अवसर पर की।
जयशंकर तीन दिवसीय यात्रा पर रविवार को यहां पहुंचे। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच विभिन्न स्तरों पर निरंतर संवाद उनके द्विपक्षीय संबंधों की गहराई और व्यापकता का संकेत है।
विदेश मंत्री ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर जारी पोस्ट में कहा, ‘‘आज रोम में भारतीय दूतावास के नए कार्यालय का उद्घाटन करते हुए मुझे खुशी हो रही है। यह हाल के वर्षों में भारत-इटली साझेदारी के निरंतर विस्तार के अनुरूप है। इससे हमें इटली में भारतीय समुदाय की बेहतर सेवा करने में भी मदद मिलेगी।’’
जयशंकर ने इस अवसर पर कहा कि भारत, इटली को एक प्रमुख साझेदार मानता है, जो यूरोप में बहुत महत्वपूर्ण है तथा भूमध्य सागर में बहुत प्रभावशाली है।
उन्होंने कहा, ‘‘आज हम विभिन्न स्तरों पर जो निरंतर संवाद देख रहे हैं, वह इटली के साथ हमारे संबंधों की गहराई और व्यापकता का संकेत है। यह हमारे संबंधों को आगे बढ़ाने में हमारे नेताओं की प्रतिबद्धता और दूरदर्शिता का भी प्रतिबिंब है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हमारे विश्व दृष्टिकोण में समानता है, वैश्विक और क्षेत्रीय मुद्दों के समाधान के लिए हमारे प्रयासों में तालमेल है तथा हमारे द्विपक्षीय संबंधों को विकसित करने के लिए एक नया उत्साह है।’’
विदेशमंत्री ने कहा कि यूरोप, विशेषकर इटली जिसे नयी दिल्ली एक बहुत प्रभावशाली यूरोपीय और भूमध्यसागरीय देश के रूप में देखता है के साथा बढ़ता संपर्क एक-दूसरे को मजबूत बनाती है।
भारत और इटली ने पिछले सप्ताह एक महत्वाकांक्षी पंचवर्षीय रणनीतिक कार्य योजना का अनावरण किया, जिसमें रक्षा, व्यापार, स्वच्छ ऊर्जा और संपर्क जैसे प्रमुख क्षेत्रों में विशिष्ट पहलों की रूपरेखा दी गई है। यह योजना ब्राजील के रियो डी जेनेरियो में जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उनकी इतालवी समकक्ष जॉर्जिया मेलोनी के बीच व्यापक वार्ता के बाद बनाई गई।
जयशंकर ने ब्राजील में दोनों प्रधानमंत्रियों के बीच हुई बैठक को याद करते हुए कहा कि दोनों नेताओं के बीच नियमित बातचीत और बैठकें द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ाने में सहायक रही हैं और उन्हें नयी ऊर्जा प्रदान की है।
उन्होंने कहा, ‘‘हमारे संबंध साझा मूल्यों पर आधारित हैं, लेकिन कुछ साझा इतिहास भी है। हम प्राचीन सभ्यताएं हैं, हमारी संस्कृति, हमारी परंपराएं, हमारी विरासत, हमारी पौराणिक कथाएं समृद्ध हैं और हम कई विशेषताओं को साझा करते हैं...।’’
जयशंकर ने कहा, ‘‘हमारा ऐतिहासिक संबंध वास्तव में बहुत गहरा है, और यदि मैं यह कहूं कि यूरोप के साथ भारत का ऐतिहासिक संबंध काफी हद तक इटली के साथ था, तो यह अतिशयोक्ति नहीं होगी।’’
उन्होंने कहा कि हमारे समुद्री हित तथा नौवहन और जहाजरानी की स्वतंत्रता सुनिश्चित करने के लिए हमारी साझा प्रतिबद्धता भी दोनों देशों को करीब लाने में हमारी मदद करती है।
जयशंकर ने प्रस्तावित भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारे (आईएमईसी) का उल्लेख करते हुए कहा कि इस गलियारे पर जी20 में भारत की अध्यक्षता के दौरान सैद्धांतिक सहमति बनी थी और यह यूरोप एवं एशिया के बीच एक बड़ा परिवर्तनकारी कदम होगा।
उन्होंने कहा कि रोम में भारत की उपस्थिति तीन महत्वपूर्ण संयुक्त राष्ट्र निकायों - खाद्य एवं कृषि संगठन, विश्व खाद्य कार्यक्रम और कृषि विकास के लिए अंतरराष्ट्रीय कोष - की उसकी सदस्यता को प्रतिबिंबित करती है।
उन्होंने इटली में कृषि, डेरी और स्वास्थ्य सेवा से लेकर आतिथ्य और विभिन्न अन्य व्यावसायिक जिम्मेदारियों तक विविध क्षेत्रों में काम कर रहे भारतीय समुदाय की भी प्रशंसा की। विदेशमंत्री ने कहा कि भारत और इटली के बीच मैत्री को मजबूत करने में उनके योगदान की अत्यधिक सराहना की जाती है।
जयशंकर इटली प्रवास के दौरान फियो में जी7 विदेश मंत्रियों की बैठक के संपर्क सत्र में हिस्सा लेंगे जहां भारत को अतिथि देश के रूप में आमंत्रित किया गया है। इस यात्रा के दौरान उनके इटली और जी7 से संबंधित अन्य भागीदार देशों के अपने समकक्षों से मिलने और द्विपक्षीय चर्चा करने की भी उम्मीद है।
वह रोम में आयोजित ‘एमईडी मेडिटेरेनियन डायलॉग’ के 10वें संस्करण में भी भाग लेंगे।
भाषा धीरज