महाकुंभ में श्रद्धालुओं के साथ सौम्य व्यवहार के लिए पुलिस का विशेष प्रशिक्षण
राजेंद्र शोभना अमित
- 24 Nov 2024, 01:18 PM
- Updated: 01:18 PM
(राजेंद्र गुप्त)
प्रयागराज, 24 नवंबर (भाषा) जनवरी, 2025 में मकर संक्रांति स्नान से शुरू होने जा रहे विश्व के सबसे बड़े धार्मिक समागम महाकुंभ में बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं के साथ सौम्य और आत्मीय व्यवहार के लिए पुलिस बलों को विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (कुंभ) राजेश द्विवेदी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, “महाकुंभ में सुरक्षा के साथ ही श्रद्धालुओं के साथ पुलिस का व्यवहार सौम्य और आत्मीय हो, इस पर हमारा पूरा ध्यान है, जिससे श्रद्धालुओं को सुखद अनुभव प्राप्त हो।”
उन्होंने बताया, “पुलिस के प्रशिक्षण मॉड्यूल में व्यवहार पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। मेला क्षेत्र में बनी पुलिस लाइन में पुलिसकर्मियों को इसका प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इसमें प्रशिक्षण देने के लिए बाहरी संस्थाओं को भी आमंत्रित किया जा रहा है।”
द्विवेदी ने बताया, “इससे पुलिसकर्मी केवल पुलिसिंग ना करके, श्रद्धालुओं की श्रद्धा भाव से सेवा कर सकेंगे। अभी तक 1500 पुलिसकर्मियों का प्रशिक्षण पूरा हो चुका है। मेले में कुल 40,000 पुलिसकर्मी तैनात होंगे, जिनमें ज्यादातर को प्रशिक्षित कर लिया जाएगा।”
पुलिस लाइन में प्रशिक्षण का काम देख रहे अतुल कुमार सिंह ने बताया कि एक साथ 700 पुलिसकर्मियों को 21 दिन का प्रशिक्षण दिया जा रहा और मेला नजदीक आने के साथ प्रशिक्षण अवधि घटकर 14 दिन की रह जाएगी।
मथुरा से मेला ड्यूटी करने आए हेड कांस्टेबल सतीश कुमार यादव ने बताया, “इस प्रशिक्षण में मैंने यह सीखा कि श्रद्धालुओं से कैसे विनम्रता के साथ पेश आना है और परेशानी के समय उनकी किस प्रकार से मदद करनी है। इस प्रशिक्षण शिविर में कई अन्य महत्वपूर्ण चीजें जैसे साइबर अपराध से बचाव आदि के बारे में भी काफी कुछ जानने एवं सीखने को मिला।”
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (कुंभ) राजेश द्विवेदी ने बताया कि नेशनल पुलिस एकैडमी से प्रशिक्षण प्राप्त अधिकारी इन पुलिसकर्मियों को प्रशिक्षण दे रहे हैं। उन्होंने बताया कि इसके लिए प्रशिक्षक तैयार करने के लिए एक कोर्स कराया गया था जिससे मुख्य प्रशिक्षक तैयार हुए जो यहां पुलिसकर्मियों को प्रशिक्षित कर रहे हैं।
मेले में आस्था का सम्मान करते हुए कहीं भी मांसाहार और मदिरा पान आदि पर रोक के संबंध में द्विवेदी ने बताया, “मेला बसने और थाने चालू होने के साथ हम यह सुनिश्चित करेंगे कि ऐसा कार्य ना हो जिससे आम श्रद्धालुओं की भावना को ठेस पहुंचे।”
उन्होंने स्पष्ट किया कि पुलिस मेस में जो खाना बनता है, वह पूरी तरह से शाकाहारी होता है। उन्होंने बताया कि इसके अलावा, पुलिसकर्मियों को सख्त निर्देश है कि मेला क्षेत्र में कहीं भी ऐसा कार्य ना हो, जिससे श्रद्धालुओं की भावना आहत हो।
प्रशिक्षण के दौरान साइबर अपराध विशेषज्ञ पवन कुमार ने पुलिसकर्मियों को सचेत करते हुए कहा, “आप ड्यूटी के दौरान किसी तरह का ऐसा कार्य ना करें जिसे कोई भी व्यक्ति अपने मोबाइल में वीडियो बनाकर आपको ब्लैकमेल करे।”
एसएसपी (कुंभ) द्विवेदी ने कहा कि श्रद्धालुओं को भाषा के स्तर पर कोई कठिनाई ना हो, इसके लिए पुलिस द्विभाषियों (ट्रांसलेटर) अपने साथ रखेगी। इसके अलावा, दूसरे राज्यों से आने वाले पुलिस बल, श्रद्धालुओं की भाषा समझने में मदद करेंगे। वहीं, पुलिस बल भाषिनी ऐप के जरिए लोगों की बात समझकर उनकी मदद कर सकेगा।
उन्होंने कहा कि विश्व में आई नई प्रौद्योगिकियों का इस महाकुंभ में पहली बार उपयोग होने जा रहा है जिससे पुलिसकर्मियों को सुरक्षा की दृष्टि से काफी कुछ सीखने को मिलेगा।
द्विवेदी ने बताया कि मेला प्रशासन द्वारा महाकुंभ 2025 में पहली बार एआई जेनरेटिव चैटबॉट “कुंभ सहायक” विकसित किया जा रहा है जो भाषिनी ऐप की मदद से 10 से अधिक भाषाओं में श्रद्धालुओं को महाकुंभ से जुड़ी सभी जानकारियां उपलब्ध कराएगा।
उन्होंने बताया कि इस बार 160-170 के करीब घोड़े महाकुंभ में उपयोग के लिए बाहर से लाए जा रहे हैं और इतनी ही संख्या में घुड़सवार पुलिसकर्मी रहेंगे जो भीड़ नियंत्रण में मदद करेंगे।
भाषा राजेंद्र शोभना