ओडिशा सरकार ने राष्ट्रपति मुर्मू की पांच दिवसीय राज्य यात्रा की तैयारियां शुरू कीं
रवि कांत रवि कांत प्रशांत
- 23 Nov 2024, 03:53 PM
- Updated: 03:53 PM
भुवनेश्वर, 23 नवंबर (भाषा) राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के तीन दिसंबर से ओडिशा के पांच दिवसीय दौरे पर आने के मद्देनजर राज्य सरकार ने उनकी यात्रा के लिए तैयारियां शुरू कर दी हैं।
ओडिशा के मुख्य सचिव मनोज आहूजा ने शुक्रवार को राज्य के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) वाई.बी. खुरानिया, विकास आयुक्त अनु गर्ग, अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) सत्यव्रत साहू के साथ मुर्मू की यात्रा की तैयारियों की समीक्षा के लिए एक उच्च स्तरीय बैठक की।
एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया है कि राज्य के गृह विभाग द्वारा संचालित एक नियंत्रण कक्ष राष्ट्रपति की यात्रा के दौरान सभी गतिविधियों का समन्वय करेगा।
राष्ट्रपति के यात्रा कार्यक्रम के अनुसार, मुर्मू तीन दिसंबर को वायु सेना के एक विशेष विमान से भुवनेश्वर पहुंचेंगी और शाम को यहां नीलाद्रि विहार में पंडित रघुनाथ मुर्मू की प्रतिमा का अनावरण करेंगी।
चार दिसंबर को वह पुरी में श्री जगन्नाथ मंदिर में दर्शन के लिए जाएंगी और गोपबंधु आयुर्वेद कॉलेज के 75वें वर्षगांठ समारोह में भाग लेंगी।
राष्ट्रपति चार दिसंबर को पुरी ब्लू फ्लैग समुद्र तट पर भारतीय नौसेना द्वारा किए गए नौसैनिक शक्ति प्रदर्शन का भी अवलोकन करेंगी।
पांच दिसंबर को राष्ट्रपति भुवनेश्वर में ओडिशा कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के 40वें दीक्षांत समारोह में भाग लेंगी और उसी दिन न्यायिक अदालत के नये परिसर का उद्घाटन भी करेंगी।
छह दिसंबर को वह डॉ. बी.आर. आंबेडकर की पुण्यतिथि पर भुवनेश्वर के ए.जी.चौक में उनकी प्रतिमा पर श्रद्धांजलि अर्पित करेंगी और फिर पश्चिम बंगाल के कलाईकुंडा हवाई अड्डे से मयूरभंज के लिए रवाना होंगी।
मयूरभंज पहुंचने पर मुर्मू उपरबेड़ा सरकारी उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में छात्रों और शिक्षकों के साथ चर्चा करेंगी, अपने पूर्व निवास पर ग्रामीणों के साथ बातचीत करेंगी और रायरंगपुर में उप-मंडल अस्पताल के लिए एसएलएस ट्रस्ट बोर्ड द्वारा दान किए गए वाहन को हरी झंडी दिखाएंगी।
मुर्मू स्थानीय महिला कॉलेज का भी दौरा करेंगी और पुण्येश्वर महादेव मंदिर में पूजा एवं आरती करेंगी।
राष्ट्रपति सात दिसंबर को बंगरीपोशी जाएंगी और वहां रायरंगपुर जनजातीय अनुसंधान केंद्र के अलावा उप-मंडल अस्पताल सहित कई रेलवे परियोजनाओं और विकास पहलों की आधारशिला रखेंगी।
अपने सभी कार्यक्रम पूरे करने के बाद वह कलाईकुंडा हवाई अड्डे से नयी दिल्ली लौट आएंगी।
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